शोभना जैन का ब्लॉग: ‘करतारपुर वार्ता’ से क्या आगे रास्ता बनेगा? 

By लोकमत समाचार ब्यूरो | Published: March 9, 2019 02:01 PM2019-03-09T14:01:42+5:302019-03-09T14:01:42+5:30

तनाव के इस माहौल में वार्ता, आतंक या सीमा पर तनाव कम करने के लिए नहीं, बल्कि सिख श्रद्धालुओं की आस्था से जुड़े करतारपुर साहिब गलियारे के तौर तरीके संबंधी मसौदे पर चर्चा के लिए होगी। बैठक अटारी-वाघा बॉर्डर (भारत की ओर का सीमा क्षेत्न) में होगी।

kartarpur sahib corridor varta will help india pakistan Situation better | शोभना जैन का ब्लॉग: ‘करतारपुर वार्ता’ से क्या आगे रास्ता बनेगा? 

शोभना जैन का ब्लॉग: ‘करतारपुर वार्ता’ से क्या आगे रास्ता बनेगा? 

पुलवामा आतंकी हमले के ठीक एक माह बाद, आगामी 14 मार्च को भारत और पाकिस्तान के बीच करतारपुर गुरुद्वारे तक गलियारा बनाने के बारे में बातचीत होगी, जिस पर सभी की निगाहें हैं। तनाव के माहौल में ‘आस्था’ से जुड़ी इस वार्ता के खास मायने हैं। दरअसल इन दिनों भारत पाकिस्तान के बीच भारी तनाव चल रहा है।

पाक स्थित आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद द्वारा किए गए पुलवामा आतंकी हमले और उस के बाद के घटनाक्र म से भारत-पाक सीमा पर युद्ध जैसे हालात हैं। दुनिया भर ने पाकिस्तान द्वारा आतंकवादी गतिविधियां जारी रखने पर चिंता जताई, उसकी भर्त्सना भी की।  सवाल है ऐसे माहौल में बातचीत के मायने क्या हो सकते हैं? 

तनाव के इस माहौल में वार्ता, आतंक या सीमा पर तनाव कम करने के लिए नहीं, बल्कि सिख श्रद्धालुओं की आस्था से जुड़े करतारपुर साहिब गलियारे के तौर तरीके संबंधी मसौदे पर चर्चा के लिए होगी। बैठक अटारी-वाघा बॉर्डर (भारत की ओर का सीमा क्षेत्न) में होगी। दरअसल भारत का कहना है कि यह एक समुदाय की आस्था से जुड़ा मुद्दा है, जिसके चलते भारत इस वार्ता में हिस्सा ले रहा है। पाकिस्तान ने यह प्रस्ताव रखा और सिखों की आस्था से जुड़े इस संवेदनशील मुद्दे पर भारत ने गलियारे के काम को आगे बढ़ाने की मंशा से इसे मंजूर तो कर लिया लेकिन वह करतारपुर वार्ता को पाकिस्तान के साथ चल रहे तनाव वाले मुद्दों से बिल्कुल अलग रख रहा है। 

भारत का मानना है कि अगर पाकिस्तान भारत के साथ विचाराधीन मुद्दों पर बातचीत की प्रक्रि या शुरू करना चाहता है तो उसे सबसे पहले आतंक पर लगाम लगानी होगी  यानी बंदूक और तोपों की गड़गड़ाहट में बातचीत नहीं होगी। पाकिस्तान द्वारा इन दिनों भारत के खिलाफ सीमा पार से आतंक फैलाने वाले आतंकी गुटों के खिलाफ कुछ कदम उठाए जाने की खबरें आ रही हैं, लेकिन ऐसे में जबकि जैश के आतंकी सरगना के खिलाफ कोई पुख्ता कार्रवाई नहीं हुई है, देखना होगा कि करतारपुर वार्ता जैसे आस्था से जुड़े मुद्दे पर हो रही वार्ता में पाकिस्तान किस एजेंडा से आता है। 

पाकिस्तान ने 14 सूत्नी एक समझौते का प्रारूप बनाया जिसके तहत सिख शरणार्थी करतारपुर के दर्शन को जा सकेंगे। इसी प्रारूप पर अब चर्चा होने को है अलबत्ता गलियारे के मार्ग को लेकर दोनों के बीच असहमति के कुछ मुद्दे हैं। फिलहाल सिख श्रद्धालु भारतीय सीमा के अंदर बने एक बुर्ज से दूरबीन के जरिए ही गुरुद्वारे के दर्शन करते हैं। उम्मीद है इस वर्ष नवंबर तक गलियारा तैयार हो जाएगा। वैसे पाकिस्तान ने इस बातचीत की पेशकश से पहले ही आगामी 28 मार्च को इस वार्ता का अगला दौर पाकिस्तान में रखने की बात कही है, जिस पर भारत ने हामी भर दी है लेकिन काफी कुछ इस वार्ता के नतीजों और पाकिस्तान के रुख पर निर्भर करेगा।

Web Title: kartarpur sahib corridor varta will help india pakistan Situation better

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