जयंतीलाल भंडारी का ब्लॉग: गिरती अर्थव्यवस्था से बढ़ता रोजगार संकट

By डॉ जयंती लाल भण्डारी | Updated: March 4, 2020 07:17 IST2020-03-04T07:17:45+5:302020-03-04T07:17:45+5:30

कोरोना वायरस (कोविद-2019) के प्रकोप से अर्थव्यवस्था की रफ्तार में गिरावट के साथ-साथ बेरोजगारी दर बढ़ने की आशंका बनी हुई है. यहां यह भी उल्लेखनीय है कि पिछले साल 2019 में बेरोजगारी पर प्रकाशित एक महत्वपूर्ण रिपोर्ट में बताया गया था कि बेरोजगारी की दर 45 साल के ऊपरी स्तर पर पहुंच गई है.

Jayantilal Bhandari blog: Falling economy increases employment crisis | जयंतीलाल भंडारी का ब्लॉग: गिरती अर्थव्यवस्था से बढ़ता रोजगार संकट

तस्वीर का इस्तेमाल केवल प्रतीकात्मक तौर पर किया गया है। (फाइल फोटो)

विगत 2 मार्च को सेंटर फॉर मॉनिटरिंग इंडियन इकोनॉमी के द्वारा प्रकाशित किए गए आंकड़ों के मुताबिक अर्थव्यवस्था के विभिन्न क्षेत्नों में सुस्ती के बाद अब बेरोजगारी के आंकड़े नकारात्मक संकेत दे रहे हैं. रिपोर्ट में कहा गया है कि फरवरी 2020 के दौरान देश में बेरोजगारी दर बढ़कर 7.78 फीसदी रही जो कि 1 माह पहले जनवरी में 7.16 फीसदी थी.

कोरोना वायरस (कोविद-2019) के प्रकोप से अर्थव्यवस्था की रफ्तार में गिरावट के साथ-साथ बेरोजगारी दर बढ़ने की आशंका बनी हुई है. यहां यह भी उल्लेखनीय है कि पिछले साल 2019 में बेरोजगारी पर प्रकाशित एक महत्वपूर्ण रिपोर्ट में बताया गया था कि बेरोजगारी की दर 45 साल के ऊपरी स्तर पर पहुंच गई है.

गौरतलब है कि इस समय कोरोना प्रकोप के बाद देश के आर्थिक-सामाजिक परिदृश्य पर रोजगार संबंधी चिंताएं और अधिक उभरकर दिखाई दे रही हैं. ये चिंताएं नए वित्त वर्ष 2020-21 का बजट प्रस्तुत करते समय वित्त मंत्नी निर्मला सीतारमण के सामने भी बनी हुई थीं. यही कारण है कि वित्त मंत्नी के द्वारा प्रस्तुत किए गए वर्ष 2020-21 के आम बजट में रोजगार का जिक्र सात बार और नौकरी का जिक्र आठ बार किया गया.  

उल्लेखनीय है कि भारतीय दवा उद्योग, वाहन उद्योग, केमिकल उद्योग, खिलौना कारोबार तथा इलेक्ट्रिकल एवं इलेक्ट्रॉनिक्स कारोबार प्रमुख रूप से चीन से आयातित कच्चे माल एवं वस्तुओं पर आधारित है और अब इनकी आपूर्ति रुक गई है, ऐसे में ये उद्योग-कारोबार मुश्किलों का सामना करते हुए दिखाई दे रहे हैं और इन क्षेत्नों में रोजगार चुनौतियां बढ़ गई हैं. इतना ही नहीं हम चीन को जिन वस्तुओं का निर्यात करते हैं, वे उद्योग-कारोबार भी कोरोना वायरस के कारण बुरी तरह प्रभावित हो रहे हैं. चीन को निर्यात के सौदे रु क गए हैं जिससे इस क्षेत्न में भी नई रोजगार चुनौतियां उत्पन्न हो गई हैं.

यद्यपि नए बजट में वित्त मंत्नी देश में मौजूद रोजगार चुनौतियों के बीच रोजगार अवसर बढ़ाने के लिए कदम उठाते हुए दिखाई दी हैं, लेकिन अब कोरोना प्रकोप के बाद रोजगार अवसर बढ़ाने की नई रणनीति पर आगे बढ़ना होगा. चीन से आयातित वस्तुओं पर आधारित उद्योग-कारोबार को ढहने से बचाने के लिए वैकल्पिक सहारा देना होगा. निर्यात आधारित उद्योगों को प्रोत्साहन देकर उनमें रोजगार बढ़ाना होगा. जिस तरह वैश्विक रिपोर्टो में आगामी दशक यानी वर्ष 2030 तक भारत की नई पीढ़ी के लिए देश और दुनिया में कौशल युक्त नए अवसरों की संभावनाएं बताई जा रही है,  उन्हें मुट्ठियों में लेने के लिए सरकार के द्वारा नए रणनीतिक कदम उठाने जरूरी होंगे.

Web Title: Jayantilal Bhandari blog: Falling economy increases employment crisis

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