जयंतीलाल भंडारी का ब्लॉग: आर्थिक शक्ति की अहमियत
By लोकमत समाचार ब्यूरो | Published: March 6, 2019 07:54 AM2019-03-06T07:54:18+5:302019-03-06T07:54:18+5:30
भारत मजबूत आर्थिक स्थिति के कारण युद्ध के भारी खर्चो को वहन करने की स्थिति में है। यही वह कारण है जिससे पाकिस्तान भारत के सामने घुटने टेकते हुए दिखाई दे रहा है। इसमें कोई दो मत नहीं है कि इस समय पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था दिवालिया जैसी स्थिति में है।
इन दिनों पूरी दुनिया के अर्थविशेषज्ञ यह कहते हुए दिखाई दे रहे हैं कि भारत के आर्थिक रूप से मजबूत होने के कारण आर्थिक रूप से कमजोर पाकिस्तान भारत के साथ युद्ध करने का दुस्साहस नहीं कर पाया है। भारत की आर्थिक शक्ति और भारतीय कूटनीति के कारण ही दुनिया के सभी देशों ने पाकिस्तान के आतंकवादी रवैये के खिलाफ भारत का न्यायोचित पक्ष लिया है। भारत के आर्थिक वजूद और वैश्विक आर्थिक मित्रता के कारण ही पाकिस्तान को भारत के वीर सपूत विंग कमांडर अभिनंदन को 59 घंटे बाद ही भारत को सौंपना पड़ा।
भारत मजबूत आर्थिक स्थिति के कारण युद्ध के भारी खर्चो को वहन करने की स्थिति में है। यही वह कारण है जिससे पाकिस्तान भारत के सामने घुटने टेकते हुए दिखाई दे रहा है। इसमें कोई दो मत नहीं है कि इस समय पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था दिवालिया जैसी स्थिति में है। पाकिस्तान की विकास दर चार फीसदी से भी कम है। चीन सहित कई विदेशी संस्थाओं पर बहुत अधिक आर्थिक निर्भरता ने पाकिस्तान को आर्थिक रूप से कमजोर बना दिया है।
इसका नतीजा यह हुआ है कि पाकिस्तान के पास अपने आयात बिलों का भुगतान करने के लिए कोई विशेष विदेशी जमा पूंजी शेष नहीं बची है। पाकिस्तान का निर्यात कम है और आयात इसका लगभग दोगुना है। पाकिस्तान पेट्रोलियम, इंडस्ट्रियल मटेरियल और खाद्य तेल जैसी जरूरी चीजों का आयात करता है। अंतर्राष्ट्रीय बाजार में इन चीजों के दाम लगातार बढ़ रहे हैं जबकि पाकिस्तान से निर्यात होने वाले कॉटन की कीमत लगातार घट रही है। एक ओर अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने पाकिस्तान को मिलने वाली अमेरिकी आर्थिक मदद में काफी कमी की है और अमेरिका ने कहा है कि अगले साल वह इस कटौती में और बढ़ोत्तरी कर सकता है। दूसरी ओर चीन से मिल रहे कर्ज पर भी पाकिस्तान को खासा ब्याज देना पड़ रहा है।