शशांक द्विवेदी का ब्लॉगः पीएसएलवी की प्रक्षेपण में कामयाबी

By लोकमत समाचार ब्यूरो | Published: December 13, 2019 07:05 AM2019-12-13T07:05:37+5:302019-12-13T07:05:37+5:30

देश की दूसरी खुफिया आंख कहे जा रहे रडार इमेजिंग सैटेलाइट के प्रक्षेपण के साथ ही देश की सीमाओं पर घुसपैठ की कोशिश लगभग नामुमकिन हो जाएगी.  इसमें लगे खास सेंसरों के चलते सीमापार आतंकियों के जमावड़े की भी सूचना पहले ही मिल जाएगी.

In PSLV’s 50th mission, ISRO successfully launches RISAT-2BR1 | शशांक द्विवेदी का ब्लॉगः पीएसएलवी की प्रक्षेपण में कामयाबी

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शशांक द्विवेदी 

इसरो ने अंतरिक्ष में एक बार फिर इतिहास रचते हुए पीएसएलवी सी-48 रॉकेट से रडार इमेजिंग अर्थ ऑब्जर्वेशन सैटेलाइट रीसैट-2बीआर-1 को प्रक्षेपित कर दिया. इसके साथ ही इसरो ने पीएसएलवी सी-48 रॉकेट से भेजे गए नौ विदेशी उपग्रहों को सफलतापूर्वक उनकी कक्षा में भेज दिया. इसरो के अनुसार, 628 किलोग्राम वजन के रडार इमेजिंग सैटेलाइट को अंतरिक्ष में 576 किमी की ऊंचाई वाली कक्षा में 37 डिग्री झुकाव पर स्थापित किया गया है. 

देश की दूसरी खुफिया आंख कहे जा रहे रडार इमेजिंग सैटेलाइट के प्रक्षेपण के साथ ही देश की सीमाओं पर घुसपैठ की कोशिश लगभग नामुमकिन हो जाएगी.  इसमें लगे खास सेंसरों के चलते सीमापार आतंकियों के जमावड़े की भी सूचना पहले ही मिल जाएगी. साथ ही सीमापार की गतिविधियों का विश्लेषण भी आसान हो जाएगा. पिछले साल 22 मई को लॉन्च किया गया आरआईसैट-2बी पहले से ही देश की खुफिया आंख के तौर पर निगरानी का काम कर रहा है.  

इस उड़ान के साथ ही पीएसएलवी रॉकेट ने अंतरिक्ष अभियानों का अपना ‘अर्धशतक’ पूरा कर लिया है. साथ ही यह श्रीहरिकोटा से छोड़ा जाने वाला 75वां मिशन भी  है. इसरो इस साल अप्रैल और मई 2019 में 2 सर्विलांस सैटेलाइट लॉन्च कर चुका है. 22 मई को सर्विलांस सैटेलाइट रीसैट-2 बी और एक अप्रैल को ईएमआईसैट लॉन्च किया गया था. इनका मुख्य काम दुश्मन के रडार पर नजर रखना है. 

कम लागत और लगातार सफल लॉन्चिंग की वजह से दुनिया का हमारी स्पेस टेक्नोलॉजी पर भरोसा बढ़ा है तभी अमेरिका सहित कई विकसित देश अपने सैटेलाइट की लॉन्चिंग भारत से करा रहे हैं. फिलहाल हम अंतरिक्ष विज्ञान, संचार तकनीक, परमाणु ऊर्जा और चिकित्सा के मामलों में न सिर्फ विकसित देशों को टक्कर दे रहे हैं बल्कि कई मामलों में उनसे भी आगे निकल गए हैं. 

अंतरिक्ष बाजार में भारत के लिए संभावनाएं बढ़ रही हैं, इसने अमेरिका सहित कई बड़े देशों का एकाधिकार तोड़ा है. कम लागत और सफलता की गारंटी इसरो की सबसे बड़ी ताकत है जिसकी वजह से स्पेस इंडस्ट्री में आने वाला समय भारत के एकाधिकार का होगा.

Web Title: In PSLV’s 50th mission, ISRO successfully launches RISAT-2BR1

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