अपराधी साबित हो चुका व्यक्ति संसद में कैसे आ सकता है ?
By शशिधर खान | Updated: February 18, 2025 06:40 IST2025-02-18T06:40:04+5:302025-02-18T06:40:48+5:30
2024 आम चुनाव में जीतकर आए दागियों का विवरण एमीकस क्यूरे हंसारिया ने सुप्रीम कोर्ट में प्रस्तुत किया है

अपराधी साबित हो चुका व्यक्ति संसद में कैसे आ सकता है ?
पाक पोषित कश्मीरी आतंकियों की फंडिंग के आरोप में तिहाड़ जेल में बंद लोकसभा सदस्य शेख अब्दुल राशिद उर्फ इंजीनियर राशिद को संसद के बजट सत्र में शामिल होने की इजाजत दिल्ली हाईकोर्ट ने शर्त लगाकर दी. ऐसा करना हाईकोर्ट की विवशता थी क्योंकि इंजीनियर राशिद संविधान सम्मत लोकतांत्रिक प्रक्रिया के तहत चुनाव जीतकर ‘लामेकर’(संसद सदस्य) बने हैं.
अब्दुल राशि के वकील के गत हफ्ते हाईकोर्ट ने बताया कि संसद सदस्य की नियमित जमानत याचिका पर आदेश 28-08-2024 से लंबित है. 10-02-2025 को दिल्ली हाईकोर्ट ने जब इंजीनियर राशिद को दो दिन के लिए संसद के चालू सत्र में भाग लेने का पेरोल दिया, उसी दिन सुप्रीम कोर्ट ने बड़ी संख्या में दागियों के संसद पहुंचने पर बुनियादी सवाल उठाए. सुप्रीम कोर्ट जज दीपांकर दत्ता और मनमोहन की पीठ ने ‘राजनीति के अपराधीकरण’ पर कड़ी टिप्पणी करते हुए कहा कि आपराधिक मुकदमे में अपराधी साबित हो चुका कोई व्यक्ति संसद में वापस कैसे आ सकता है ?
राजनीति के आपराधीकरण के संबंध में सुप्रीम कोर्ट को दिए गए आंकड़े के अनुसार मौजूदा 18वीं लोकसभा के कुल 543 सदस्यों में से 251 के खिलाफ आपराधिक मुकदमे चल रहे हैं. 251 लोकसभा सदस्यों में से 170 ऐसे गंभीर अपराधों में फंसे हैं, जिसमें पांच या उससे ज्यादा वर्षों की सजा का प्रावधान है. सुप्रीम कोर्ट पीठ ने कई बुनियादी सवाल उठाते हुए कहा कि ‘‘हमें जनप्रतिनिधित्व कानून के सेक्शन 8 और 9 पर नए सिरे से विचार करने तथा उसके औचित्य पर सोचने की जरूरत है.
अगर कोई सरकारी कर्मचारी भ्रष्टाचार या सरकार के प्रति गैरवफादारी का दोषी पाया जाता है तो वो सेवा में रखने लायक नहीं माना जाता. मगर वो व्यक्ति मंत्री हो सकता है.’’ शीर्ष कोर्ट में जनप्रतिनिधित्व कानून के सेक्शन 8 और 9 की संवैधानिक वैधता को चुनौती दी गई है.
पीठ ने इस संबंध में भारत सरकार के अटॉर्नी जनरल से सहयोग मांगा कि आपराधिक मुकदमे में लिप्त व्यक्ति संसद में वापस कैसे आ जाते हैं. ला-मेकरों के खिलाफ चल रहे मुकमदे के जल्द निष्पादन की जहां तक बात है, शीर्ष कोर्ट ने याचिकाकर्ता को कहा कि दो जजों की खंडपीठ के लिए इस मामले को फिर से खोलना उपयुक्त नहीं है.
2024 आम चुनाव में जीतकर आए दागियों का विवरण एमीकस क्यूरे हंसारिया ने सुप्रीम कोर्ट में प्रस्तुत किया है. केरल के बाद तेलंगाना का नंबर है, जहां के 17 एमपी में से 14 आपराधिक मुकदमे में फंसे हैं. उसी क्रम में ओडिशा के 21 में से 16, झारखंड के 14 में से 10, तमिलनाडु के 39 में से 26 सांसद दागी हैं.
उसके अलावे अन्य प्रमुख और बड़े राज्य उत्तर प्रदेश, बिहार, महाराष्ट्र, पश्चिम बंगाल, कर्नाटक, आंध्र प्रदेश से जीते 50% सदस्य दागी हैं.