वेदप्रताप वैदिक का ब्लॉग: क्या भाजपा लौट पाएगी?
By वेद प्रताप वैदिक | Published: January 8, 2019 05:51 AM2019-01-08T05:51:27+5:302019-01-08T05:51:27+5:30
अब वे 31 प्रतिशत मतदाता, जिन्होंने भाजपा को कुर्सी पर बिठाया था, मोहभंग की स्थिति में हैं। यदि 2019 के चुनाव में भाजपा जीते नहीं लेकिन सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरे, तब भी सरकार बनाना उसके लिए मुश्किल होगा
भाजपा के संस्थापक सदस्यों में से एक और पूर्व केंद्रीय मंत्री संघप्रिय गौतम के बयान ने तहलका-सा मचा दिया है। वे अटलजी और आडवाणीजी के साथी रहे हैं और उनकी उम्र 88 साल की है। वे मार्ग दिखा रहे हैं। उन्होंने भाजपा के नेताओं को खुला पत्र लिखकर मांग की है कि शिवराजसिंह चौहान को पार्टी अध्यक्ष बनाया जाए, नितिन गडकरी को उप-प्रधानमंत्री घोषित किया जाए और राजनाथ सिंह को मुख्यमंत्री के तौर पर उत्तरप्रदेश भेजा जाए। इस फेरबदल के बिना 2019 के चुनाव में भाजपा का लौटना मुश्किल है।
गौतमजी के सुझाव लागू होंगे कि नहीं, किसी को पता नहीं, क्योंकि भाजपा की सारी बातों का पता सिर्फ दो लोगों को ही रहता है। यदि गडकरी को आज उप-प्रधानमंत्री क्यों, प्रधानमंत्री भी बना दिया जाए तो वे अगले चार-पांच माह में क्या कर लेंगे ? हां, यदि वे शिक्षा और स्वास्थ्य के क्षेत्र में कोई क्र ांतिकारी कदम उठा लें, नए राम मंदिर की नींव डाल दें या पाकिस्तान से कोई भारी युद्ध हो जाए तो हो सकता है कि लोग उन्हें हाथोंहाथ उठा लें और उनके नेतृत्व में किसी तरह भाजपा सरकार बना ले। इसमें शक नहीं कि राजनाथ सिंह, गडकरी या सुषमा स्वराज जैसे लोग प्रधानमंत्री होते तो भाजपा को 2019 में लौटने की चिंता नहीं सताती।
अब वे 31 प्रतिशत मतदाता, जिन्होंने भाजपा को कुर्सी पर बिठाया था, मोहभंग की स्थिति में हैं। यदि 2019 के चुनाव में भाजपा जीते नहीं लेकिन सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरे, तब भी सरकार बनाना उसके लिए मुश्किल होगा। हां, उस समय गडकरी, राजनाथ और सुषमा जैसे योग्य, व्यावहारिक लोग नेतृत्व में हों तो भाजपा की सरकार दुबारा बन सकती है?