पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के साहसिक फैसले, परमाणु परीक्षण और ऑपरेशन मेघदूत

By लोकमत समाचार सम्पादकीय | Published: November 19, 2022 02:33 PM2022-11-19T14:33:13+5:302022-11-19T14:33:13+5:30

प्रिवी पर्स का खात्मा, बैंकों का राष्ट्रीयकरण और बांग्लादेश की मुक्ति के अलावा भी इंदिरा गांधी ने कई साहसिक निर्णय लिए।

Bold decisions of former Prime Minister Indira Gandhi, nuclear tests and Operation Meghdoot | पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के साहसिक फैसले, परमाणु परीक्षण और ऑपरेशन मेघदूत

पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के साहसिक फैसले, परमाणु परीक्षण और ऑपरेशन मेघदूत

आयरन लेडी के नाम से मशहूर भारत की पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी आज हमारे बीच नहीं हैं लेकिन एक नेतृत्वकर्ता के रूप में उन्होंने उस जमाने में जो फैसले लिए, उसने भारत की तस्वीर बदली। आज भारत जिस मजबूत स्थिति में है, उसमें निश्चित ही इंदिरा गांधी के फैसलों की अहम भूमिका रही है।

सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि उन्होंने जो फैसले लिए वो अपने वक्त में कठिन माने जाने वाले फैसले थे। उनकी जयंती पर याद करते हैं उनके उन सख्त फैसलों की जिसने सबको चकित कर दिया था। प्रिवी पर्स का खात्मा, बैंकों का राष्ट्रीयकरण और बांग्लादेश की मुक्ति के अलावा भी इंदिरा गांधी ने कई साहसिक निर्णय लिए।

18 मई 1974 को भारत ने जब राजस्थान के पोखरण फील्ड रेंज के लोहारकी गांव में परमाणु परीक्षण किया तो दुनिया देखती रह गई। अमेरिका तो हैरत में ही रह गया कि इतना बड़ा कारनामा भारत ने कर लिया और उसे खबर तक नहीं लगी। माना जाता है कि अमेरिकी खुफिया एजेंसी की यह बहुत बड़ी पराजय थी। अमेरिका नहीं चाहता था कि भारत परमाणु संपन्न राष्ट्र बने इसलिए उसने हमेशा ही भारत की राह में कांटे बिछाए। 

इधर इंदिरा गांधी ने न केवल वैज्ञानिकों को प्रोत्साहित किया बल्कि सरकार की तरफ से हरसंभव सहायता की और धन की कोई कमी नहीं आने दी। उस परमाणु परीक्षण का कोड नाम था स्माइलिंग बुद्धा। उस परमाणु परीक्षण का ही नतीजा है कि आज हम एक परमाणु शक्ति संपन्न राष्ट्र के रूप में अपनी पहचान बना पाए हैं। भारती की परमाणु शक्ति हमेशा शांति के लिए रही है लेकिन शांति के लिए शक्ति बहुत जरूरी है।

प्रधानमंत्री के रूप में इंदिरा गांधी ने कुछ ऐसे भी फैसले लिए जिनकी ज्यादा जानकारी सार्वजनिक नहीं हुई लेकिन उन फैसलों ने भारत को बहुत मजबूती प्रदान की। आज सियचिन के इलाके में भारत की तूती बोलती है तो इसका एक बड़ा कारण अप्रैल 1984 का वो फैसला था जिसे ऑपरेशन मेघदूत के नाम से जाना जाता है। भारतीय क्षेत्र में स्थित सियाचिन को एक बियाबान इलाका माना जाता था लेकिन अप्रैल 1984 में भारत को खबर लगी कि पाकिस्तान सियाचिन पर कब्जे की गुपचुप तैयारी कर रहा है। 

इंदिरा गांधी ने तत्काल फैसला लिया और भारतीय सेना से कहा कि पाकिस्तान के पहले भारत का झंडा सियाचिन पर फहराना चाहिए। भारतीय फौज ने बिना देर किए सियाचिन को अपनी सुरक्षा में ले लिया। पाकिस्तान की योजना धराशायी हो गई। सियाचिन की वजह से भारत की सुरक्षा आज बहुत मजबूत स्थिति में है।

Web Title: Bold decisions of former Prime Minister Indira Gandhi, nuclear tests and Operation Meghdoot

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