ब्लॉग: सुरीला बंधन : नरेंद्र मोदी और लता मंगेशकर

By लोकमत समाचार सम्पादकीय | Updated: September 28, 2024 11:08 IST2024-09-28T11:06:39+5:302024-09-28T11:08:51+5:30

लता मंगेशकर प्रधानमंत्री मोदी को स्नेह के साथ नरेंद्र भाई कहती थीं. वे नियमित रूप से उन्हें राखी भेजती थीं और प्रधानमंत्री भी हमेशा फोन कॉल या पत्र के जरिए जवाब देते थे.

Blog: Melodious bond: Narendra Modi and Lata Mangeshkar | ब्लॉग: सुरीला बंधन : नरेंद्र मोदी और लता मंगेशकर

नरेंद्र मोदी हमेशा लता मंगेशकर को 'दीदी' कहकर संबोधित करते थे

Highlightsनरेंद्र मोदी हमेशा लता मंगेशकर को 'दीदी' कहकर संबोधित करते थेलता मंगेशकर प्रधानमंत्री मोदी को स्नेह के साथ नरेंद्र भाई कहती थीं40 साल से ज्यादा समय तक चला यह रिश्ता अगाध आपसी सम्मान, अपने देश के लिए साझा प्यार और परिवार जैसे बंधन पर निर्मित हुआ था

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मेरी बहन लता मंगेशकर के बीच का रिश्ता सिर्फ एक-दूसरे की सराहना से कहीं बढ़कर है. 40 साल से ज्यादा समय तक चला यह रिश्ता अगाध आपसी सम्मान, अपने देश के लिए साझा प्यार और परिवार जैसे बंधन पर निर्मित हुआ था. यह खास रिश्ता हम सभी के लिए स्पष्ट था, जिनमें मेरी बहनें आशा भोसले, उषा मंगेशकर और परिवार के दूसरे लोग भी शामिल थे. उनके भाई-बहन जैसे रिश्ते में सच्ची चिंता और स्नेह था, जो पेशेवर संबंधों से परे था. वे प्रधानमंत्री मोदी को स्नेह के साथ नरेंद्र भाई कहती थीं. वे नियमित रूप से उन्हें राखी भेजती थीं और प्रधानमंत्री भी हमेशा फोन कॉल या पत्र के जरिए जवाब देते थे.

नरेंद्र मोदी हमेशा मेरी बहन को 'दीदी' कहकर संबोधित करते थे. दीदी अक्सर उन्हें याद दिलाती थीं, "हमारी मां गुजराती थीं" और जब भी प्रधानमंत्री मिलने आते थे, तो वे उन्हें गुजराती व्यंजन परोसती थीं. वे क्रिकेट और भोजन सहित कई विषयों पर चर्चा करते थे. मुझे याद है, सितंबर 2019 में लता दीदी के 90वें जन्मदिन पर, पीएम मोदी अमेरिका की आधिकारिक यात्रा पर थे. हवाई जहाज में चढ़ने से पहले, उन्होंने फोन करके दीदी को शुभकामनाएं दीं. दीदी ने फोन उठाया तो सम्मानपूर्वक उनका अभिवादन किया और कहा, 'प्रणाम मोदी जी' और जन्मदिन की शुभकामनाओं के लिए उनका धन्यवाद किया. पीएम मोदी ने तुरंत जवाब दिया, "दीदी, आप मुझसे बड़ी हैं. मुझे आपका आशीर्वाद लेना चाहिए." अपने सहज व्यवहार में लता दीदी ने जवाब दिया, "किसी व्यक्ति की महानता उसके कार्यों में झलकती है."

इस कॉल के दौरान वे दोनों भावुक हो गए और पीएम मोदी ने संगीत के प्रति उनके आजीवन समर्पण की प्रशंसा की. यह और भी अधिक भावनात्मक था कि पीएम मोदी ने उस महीने अपने मन की बात संबोधन में दीदी को अपनी शुभकामनाएं दीं और उनके फोन कॉल का ऑडियो प्रसारित किया, जिसने लाखों लोगों के दिलों को छू लिया.

देश के प्रति लता दीदी के अपार प्रेम और उनकी देशभक्ति ने उन्हें नरेंद्र मोदी से गहराई से जोड़ा. उन्होंने अक्सर कहा कि उन्हें लता मंगेशकर का मशहूर गाना ‘ऐ मेरे वतन के लोगों’ कितना पसंद है, जो उनके दिल में खास जगह रखता है. लता मंगेशकर के गानों के बड़े प्रशंसक नरेंद्र मोदी ने गुजरात के मुख्यमंत्री रहते हुए लता मंगेशकर और उषा मंगेशकर को प्रतिष्ठित ताना रीरी पुरस्कार से सम्मानित किया था. 2010 में, यह पुरस्कार समारोह उनके गृहनगर वडनगर में आयोजित किया गया था. हालांकि लता मंगेशकर स्वास्थ्य की वजह से इसमें शामिल नहीं हो सकीं, लेकिन उषा मंगेशकर मौजूद थीं.

जब नरेंद्र मोदी गुजरात के मुख्यमंत्री थे, तो दीदी को घुटने की समस्या थी. यह जानने के बाद, उन्होंने गुजरात से विशेषज्ञ डॉक्टरों को उनकी जांच के लिए भेजा.
दीदी कुछ साल पहले नरेंद्र मोदी की मां की तस्वीरों और वीडियो से बहुत प्रभावित हुईं और उनसे मिलने की तीव्र इच्छा हुई. हालांकि वे अपनी उम्र के कारण खुद उनसे मिलने नहीं जा सकीं, लेकिन उन्होंने अपनी ओर से एक व्यक्ति को हीराबा से आशीर्वाद लेने भेजा. उस जन्मदिन पर की गई बातचीत के दौरान प्रधानमंत्री मोदी ने बताया कि उनकी मां को यह जानकर बहुत खुशी हुई कि लता दीदी ने किसी को भेजा है और उन्हें उम्मीद है कि उनके बीच का रिश्ता मजबूत बना रहेगा.

2013 में दीदी ने गुजरात के तत्कालीन मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी को पुणे में दीनानाथ मंगेशकर अस्पताल का उद्घाटन करने के लिए आमंत्रित किया था. इस बात का कई लोगों ने स्वागत नहीं किया. लेकिन दीदी हमेशा अपने काम को लेकर आश्वस्त रहती थीं और उन्होंने मंच से यह भी कहा कि भारत को नरेंद्र मोदी जैसे राजनेता की जरूरत है, जो बाद में सच साबित हुआ और इससे दीदी बहुत खुश हुईं.

लता दीदी के निधन पर, प्रधानमंत्री मोदी अपने व्यस्त कार्यक्रम के बावजूद उन्हें श्रद्धांजलि देने मुंबई आए. उन्होंने परिवार के साथ समय बिताया और सभी को सांत्वना दी. हमने काशी में दीदी की अस्थियों को विसर्जित करने के लिए उनका मार्गदर्शन मांगा और उन्होंने बहुत मदद की. लता दीदी भगवान राम की बहुत बड़ी भक्त थीं और हमारे परिवार को हमेशा अयोध्या में उनकी याद में कुछ करने की इच्छा थी. प्रधानमंत्री मोदी ने अयोध्या में एक शानदार स्मारक के साथ लता मंगेशकर चौक बनाने का फैसला किया. उन्होंने व्यक्तिगत रूप से इस परियोजना की देखरेख की और सुनिश्चित किया कि यह एकदम सुंदर बने, जिसमें उनकी वीणा के चारों ओर 92 कमल थे, जो उनके निधन के समय उनकी आयु के प्रतीकस्वरुप थे. स्मारक पर दीदी की राम धुन भी बजाई जाती है, जो भगवान राम के प्रति उनकी भक्ति और उनकी संगीत विरासत का सम्मान व्यक्त करती है.

पहला लता मंगेशकर पुरस्कार पीएम मोदी को दिया गया. पुनः, अपने व्यस्त कार्यक्रम के बावजूद, उन्होंने दीदी की विरासत को सम्मान देने के लिए समय निकाला. कार्यक्रम के बाद, उन्होंने लता दीदी के भतीजे आदिनाथ मंगेशकर से उनकी पत्नी कृष्णा के बारे में पूछा. यह जानकर कि वह पीछे बैठी हैं, उन्होंने हाल ही में दिवंगत हुए उनके भाई के लिए संवेदना व्यक्त की. लता दीदी ने एक बार उनसे इसका जिक्र किया था और यह बात उन्हें याद रही. हमारे परिवार के प्रति उनका स्नेह ऐसा रहा है.

लता दीदी हमेशा प्रधानमंत्री के रूप में नरेंद्र मोदी की उपलब्धियों और देश में उनके द्वारा किए जा रहे सकारात्मक बदलावों पर गर्व व्यक्त करती थीं. दीदी हमेशा कहती थीं, ‘मेरे भाई मोदी देश को आगे ले जाएंगे’ और उन्होंने पिछले एक दशक में ऐसा किया भी है. आज, जब हमारा देश पीएम नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में उल्लेखनीय प्रगति कर रहा है, विश्व स्तर पर अग्रणी देश और विकसित राष्ट्र बनने की आकांक्षा रखता है, तो इससे लता दीदी सबसे ज्यादा खुश होतीं.

दीदी के निधन के दो साल बीत चुके हैं, लेकिन नरेंद्र मोदी का हमारे परिवार के प्रति स्नेह और सम्मान अब भी वैसा ही है. जब भी हम उनसे बात करते हैं, तो वे बताते हैं कि उन्हें दीदी की कितनी याद आती है. प्रधानमंत्री मोदी का यह अमिट सम्मान लता मंगेशकर की विरासत के लिए सबसे बड़ी प्रतिष्ठा है.

(हृदयनाथ मंगेशकर)

Web Title: Blog: Melodious bond: Narendra Modi and Lata Mangeshkar

भारत से जुड़ीहिंदी खबरोंऔर देश दुनिया खबरोंके लिए यहाँ क्लिक करे.यूट्यूब चैनल यहाँ इब करें और देखें हमारा एक्सक्लूसिव वीडियो कंटेंट. सोशल से जुड़ने के लिए हमारा Facebook Pageलाइक करे