ब्लॉग: निर्गुट सम्मेलन से जी-20 शिखर सम्मेलन तक भारत की सफलता

By विवेक शुक्ला | Published: September 8, 2023 09:18 AM2023-09-08T09:18:39+5:302023-09-08T09:28:32+5:30

भारत आगामी 9-10 सितंबर को होने वाले जी-20 शिखर सम्मेलन की मेजबानी के लिए तैयार है।

Blog: India's Success from Non-Aligned Summit to G-20 Summit | ब्लॉग: निर्गुट सम्मेलन से जी-20 शिखर सम्मेलन तक भारत की सफलता

ब्लॉग: निर्गुट सम्मेलन से जी-20 शिखर सम्मेलन तक भारत की सफलता

Highlightsजी-20 देशों के राष्ट्राध्यक्षों के अलावा भारत के निमंत्रण पर बांग्लादेश, नाइजीरिया जैसे देश भी शामिल होंगेइससे पहले भारत में इतना भव्य आयोजन 1983 के निर्गुट सम्मेलन में हुआ थाइस वक्त निर्गुट सम्मेलन में दर्जनों देशों के राष्ट्राध्यक्षों समेत 140 देशों के नुमाइंदों ने भाग लिया था

भारत आगामी 9-10 सितंबर को होने वाले जी-20 शिखर सम्मेलन की मेजबानी के लिए तैयार है। जी-20 देशों के राष्ट्राध्यक्षों के अलावा भारत के निमंत्रण पर बांग्लादेश, नाइजीरिया, मॉरीशस वगैरह देशों के राष्ट्रपति या प्रधानमंत्री भी सम्मेलन में विशेष अतिथि के रूप में शिरकत करेंगे।

इससे पहले इतना भव्य आयोजन 1983 में राजधानी दिल्ली में हुआ था। तब दिल्ली में 7-12 मार्च, 1983 को निर्गुट सम्मेलन का आयोजन हुआ था। उसमें दर्जनों देशों के राष्ट्राध्यक्षों समेत 140 देशों के नुमाइंदों ने भाग लिया था। इसके अलावा अमेरिका के राष्ट्रपति रोनाल्ड रीगन और मौरिस मिटर्रैंड वगैरह के संदेश भी सरकार को मिले।

तब कहा गया था कि इतना विशाल सम्मेलन कभी कहीं नहीं हुआ। उसमें क्यूबा के राष्ट्रपति फिदेल कास्त्रो, पाकिस्तान के राष्ट्रपति जिया उल हक, फिलिस्तीन लिबरेशन ऑर्गेनाइजेशन (पीएलओ) के नेता यासर अराफात भी पधारे थे। ये सब अशोक होटल में ठहरे थे।

तब सुरक्षा कारणों के चलते कास्त्रो और अराफात के चेहरों से मिलते-जुलते तीन-तीन और व्यक्ति भी अशोक होटल और विज्ञान भवन में घूम रहे थे। यह सब इसलिए किया जा रहा था ताकि इन्हें किसी भी संभावित हमलों से बचाया जा सके। निर्गुट सम्मेलन का आयोजन विज्ञान भवन में हुआ था।

बहरहाल, अब जी-20 सम्मेलन के दौरान विज्ञान भवन कहीं नहीं है। तब भी नई दिल्ली को एक तरह से सील कर दिया गया था। पर तब बैंक, सरकारी दफ्तर और स्कूल-कॉलेज खुले रहे थे। निर्गुट सम्मेलन में भाग लेने के लिए आने वाले राष्ट्राध्यक्षों की कारों के काफिले एयरपोर्ट से शांतिपथ, तीन मूर्ति, साउथ एवेन्यू, विजय चौक, मदर टेरेसा क्रिसेंट, सरदार पटेल मार्ग, पंचशील मार्ग, सफदरजंग रोड और विज्ञान भवन के आसपास रहे थे।

इस बार काफिले प्रगति मैदान तक जाएंगे क्योंकि वहां पर बने भारत मंडपम में ही जी-20 सम्मेलन का आयोजन होना है। बहरहाल, जी-20 सम्मेलन का आयोजन उस समय हो रहा है जब भारत संसार की आर्थिक महाशक्ति बन चुका है। 1983 से 2023 का भारत एकदम अलग है। कुछ समय पहले भारत ब्रिटेन  को पीछे छोड़कर विश्व की पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन गया है।

अब अमेरिका, चीन, जापान और जर्मनी की ही अर्थव्यवस्था आज के दिन भारत से बड़ी है। हमारी प्रगति की रफ्तार को देखकर यह कहा जा सकता है कि हम जल्दी ही जापान और जर्मनी को भी मात दे देंगे। हम दुनिया के आईटी सेक्टर की सबसे बड़ी ताकत हैं। निश्चित रूप से जी-20 शिखर सम्मेलन के सफल आयोजन से सारे संसार में भारत की प्रतिष्ठा और बढ़ेगी।

Web Title: Blog: India's Success from Non-Aligned Summit to G-20 Summit

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