ब्लॉग: जी-20 में भारत की धाक, धमक और चमक

By लोकमत समाचार सम्पादकीय | Published: September 11, 2023 11:03 AM2023-09-11T11:03:26+5:302023-09-11T11:04:46+5:30

समग्र रूप में देखा जाए तो पिछले साल भर में भारत केवल जी-20 सम्मेलन का यजमान बनकर ही नहीं रहा, बल्कि वैश्विक स्तर पर अपनी धाक बताने, धमक को महसूस कराने और चमक दुनिया को दिखाने वाला बना।

Blog: India's power and shine in G-20 world saw the charisma of Narendra Modi | ब्लॉग: जी-20 में भारत की धाक, धमक और चमक

जी-20 सम्मेलन के माध्यम से नरेंद्र मोदी का करिश्मा एक बार फिर विश्व ने देखा

Highlightsजी-20 सम्मेलन के माध्यम से नरेंद्र मोदी का करिश्मा एक बार फिर विश्व ने देखाजब भारत को अध्यक्षता का अवसर मिला तो देश की कूटनीति काम आई छोटे शाब्दिक परिवर्तन यूक्रेन युद्ध के साथ सभी सदस्य देशों की सहमति बन गई

नई दिल्ली में शनिवार-रविवार को हुए जी-20 सम्मेलन के माध्यम से भारत का जलवा और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का करिश्मा एक बार फिर विश्व ने देखा। नई दिल्ली घोषणा-पत्र पर आम सहमति के साथ सम्मेलन को सार्थक बनाकर देश ने साबित किया कि वह अब वैश्विक स्तर पर अपनी केवल पहचान ही नहीं रखता, बल्कि मामलों को सुलझाने और कई निर्णयों को कराने की क्षमता भी रखता है।

बीती बार बाली में हुए सम्मेलन में रूस और चीन के विरोध के चलते विश्व नेताओं के बीच रूस-यूक्रेन युद्ध पर सहमति नहीं बनी थी। मगर जब भारत को अध्यक्षता का अवसर मिला तो देश की कूटनीति काम आई है और छोटे शाब्दिक परिवर्तन यूक्रेन युद्ध के साथ सभी सदस्य देशों की सहमति बन गई। यद्यपि घोषणा में यूक्रेन युद्ध के संबंध में बाली में पिछले साल हुई चर्चा को दोहराते हुए लिखा गया कि सभी देशों को संयुक्त राष्ट्र चार्टर के मकसद और मूल्यों के हिसाब से काम करना चाहिए।

सभी देशों को किसी अन्य देश की क्षेत्रीय अखंडता और संप्रभुता या राजनीतिक स्वतंत्रता के खिलाफ अधिग्रहण की धमकी या बल के इस्तेमाल से बचना चाहिए। परमाणु हथियारों का इस्तेमाल या इसकी धमकी देना भी किसी हालत में मंजूर नहीं होगा। घोषणा का संदेश केवल रूस और चीन के लिए नहीं है, बल्कि उन सभी देशों के लिए भी है, जो इस किस्म की मंशा रखते हैं। या इस तरह के विचार रखने वालों का प्रत्यक्ष-अप्रत्यक्ष समर्थन करते हैं।

सर्वविदित है कि रूस-यूक्रेन संघर्ष की शुरुआत के समय से ही भारत ने तटस्थ रुख रखते हुए इस मुद्दे से निश्चित दूरी बनाए रखी। अपनी चिंताओं के बावजूद भारत न तो रूस की आक्रामकता के साथ दिखा, न ही अमेरिका और यूरोपीय देशों की आक्रामक प्रतिक्रियाओं में शामिल हुआ। हालांकि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की नीति पर दोनों पक्षों ने सवाल भी उठाए। यहां तक कहा गया कि ‘यह दो नाव पर पैर रखकर’ चलने जैसा जोखिम है। किंतु प्रधानमंत्री मोदी ने उठते सवाल, बढ़ती आशंकाओं और आलोचनाओं के बीच हमेशा यही कहा- ‘यह युद्ध का समय नहीं है।’

शनिवार को जब जी-20 का घोषणा-पत्र जारी हुआ, उसमें भी मोदी की उसी पंक्ति को विशेष स्थान मिला। भारत ने जब यूक्रेन संघर्ष पर सदस्य देशों को नया पाठ बांटा, उसके कुछ ही घंटों बाद घोषणा-पत्र पर सहमति और उसे अपनाने की घोषणा हुई। एक तरफ जहां यूक्रेन के मुद्दे पर एक राय बनी, दूसरी ओर सम्मेलन के शुरू होते ही प्रधानमंत्री मोदी ने अफ्रीकी संघ के जी-20 परिवार में शामिल होने की घोषणा कर लंबे समय से चली आ रही मांग पूरी कर दी। अफ्रीकी संघ के 55 सदस्य देश हैं और वहां के कई देशों में खाद्य सुरक्षा एक बड़ा मुद्दा है। उन देशों में चीन के काफी हित साध्य होते हैं। ऐसे में उन्हें भारत के प्रयासों से जी-20 में आने से जहां फायदा मिलेगा, वहीं अफ्रीकी देशों में चीनी वर्चस्व को चुनौती मिलेगी।

हाल के दिनों में प्रधानमंत्री ने अफ्रीकी संघ की सदस्यता की भरपूर वकालत की है। उसको शामिल करने के पीछे एक तर्क यह भी दिया गया है कि अगर यूरोपीय संघ जी-20 का सदस्य हो सकता है तो अफ्रीकी संघ को क्यों नहीं शामिल किया जाना चाहिए। नई दिल्ली घोषणा-पत्र में दो बड़े मुद्दों के अलावा गरीब-अमीर देशों के बीच बढ़ती खाई कम करने के लिए वैश्विक आर्थिक संकट पर नियंत्रण, आतंकवाद के हर रूप की आलोचना, टिकाऊ विकास का लक्ष्य, ग्लोबल बायोफ्यूल अलायंस की शुरुआत, एक धरती-एक परिवार-एक भविष्य पर जोर, मल्टीलेटरल डेवलपमेंट बैंक को मजबूती, ग्लोबल साउथ की प्राथमिकताएं, क्रिप्टो करेंसी पर ग्लोबल पॉलिसी बनाने की दिशा में बातचीत, कर्ज पर बेहतर व्यवस्था के लिए कॉमन फ्रेमवर्क, दुनिया में तेजी से विकास करने वाले शहरों को सहायता निधि, ग्रीन और लो-कार्बन एनर्जी टेक्नोलॉजी पर काम, पवित्र ग्रंथों के खिलाफ हिंसा तथा धार्मिक घृणा के मामलों को समाप्त करना रखा गया है।

समग्र रूप में देखा जाए तो पिछले साल भर में भारत केवल जी-20 सम्मेलन का यजमान बनकर ही नहीं रहा, बल्कि वैश्विक स्तर पर अपनी धाक बताने, धमक को महसूस कराने और चमक दुनिया को दिखाने वाला बना। इसका लाभ दुनिया के अनेक देशों को होगा और भारत अपनी पहचान के साथ वैश्विक नेतृत्व करने की क्षमता में एक परिपक्व देश के रूप में नजर आएगा।

Web Title: Blog: India's power and shine in G-20 world saw the charisma of Narendra Modi

भारत से जुड़ीहिंदी खबरोंऔर देश दुनिया खबरोंके लिए यहाँ क्लिक करे.यूट्यूब चैनल यहाँ इब करें और देखें हमारा एक्सक्लूसिव वीडियो कंटेंट. सोशल से जुड़ने के लिए हमारा Facebook Pageलाइक करे