लाइव न्यूज़ :

ब्लॉग: जनता का भरोसा नहीं टूटने की देनी होगी गारंटी

By गिरीश्वर मिश्र | Updated: December 9, 2023 10:29 IST

इसमें कोई संदेह नहीं कि ताजे चुनाव परिणामों से भारतीय जनता पार्टी की छवि एक सशक्त दल के रूप में निखरी है। इस तरह के स्पष्ट जन-समर्थन को संयोग नहीं कहा जा सकता न इसे जाति, धन और धर्म का करिश्मा ही कह सकते हैं।

Open in App
ठळक मुद्देइसमें कोई संदेह नहीं कि ताजे चुनाव परिणामों से भाजपा की छवि एक सशक्त दल के रूप में निखरी हैभाजपा का ताजा चुनावी प्रदर्शन कल्याणकारी कार्यक्रमों की सफलता और प्राभाविकता को दर्शाता हैराष्ट्र की एकता, उसके गौरव को लेकर प्रधानमंत्री की प्रकट प्रतिबद्धता से जनता का मन भी बदला है

इसमें कोई संदेह नहीं कि ताजे चुनाव परिणामों से भारतीय जनता पार्टी की छवि एक सशक्त दल के रूप में निखरी है। इस तरह के स्पष्ट जन-समर्थन को संयोग नहीं कहा जा सकता न इसे जाति, धन और धर्म का करिश्मा ही कह सकते हैं। यह दिग्भ्रमित विपक्ष की सौगात भी कहना सही न होगा क्योंकि तेलंगाना के परिणाम विरुद्ध गए हैं।

इसके ठीक विपरीत कांग्रेस शासित दो प्रदेशों में मिले मुखर जनादेश आम आदमी का भरोसा और विश्वास तो दिखाते ही हैं, वे अपनी आशाओं और आकांक्षाओं के साथ आगे की राह भी दिखा रहे हैं। मध्य प्रदेश में सत्तारूढ़ दल के समाधान को देखें तो यही लगता है कि पार्टी का जनाधार निश्चित रूप से विस्तृत हुआ है।

बहुत हद तक अप्रत्याशित बढ़त वाला भाजपा का ताजा चुनावी प्रदर्शन तात्कालिक रणनीति और प्रचार से अधिक सघन जनसंपर्क तथा समाज के हाशिए के लोगों के लिए कल्याणकारी कार्यक्रमों की सक्रियता, उपलब्धता और प्राभाविकता को दर्शाता है।

राष्ट्र की एकता, उसके गौरव और उसकी सामर्थ्य को लेकर प्रधानमंत्री की प्रकट प्रतिबद्धता से जनता का मन भी बदला है। इस बदलाव के पीछे प्रधानमंत्री मोदी का अथक परिश्रम एक खास कारण है। आर्थिक विकास की ओर आगे बढ़ती एक बड़ी अर्थव्यवस्था के स्वप्न के साथ हाशिए के समाज की स्थिति को सुधारने के लिए प्रकट प्रतिबद्धता ने जनता को भरोसा दिलाया है।

यहां इसे भी रेखांकित किया जाना चाहिए कि मतदाता की समझदारी बढ़ने के साथ सरकार की भूमिका भी जनता की निगरानी में आ रहे हैं। प्रशासन तंत्र की चुस्ती-फुर्ती भी पूरी तरह संतोषजनक नहीं है। न्याय, शिक्षा और स्वास्थ्य की प्रचलित प्रणालियां न केवल अस्त-व्यस्त हैं बल्कि उनको बड़े दिनों से सुधार का इंतजार बना हुआ है। 

तुष्टिकरण की राजनीति से राजनीतिक फायदे तो उठाए जाते रहे हैं किंतु उसका अल्पकालिक असर सतही बदलाव के साथ चुक जाता है। स्वतंत्र देश में कार्यप्रणाली की भयानक जकड़नों को दूर करना होगा। आज अनेक संस्थाएं बुरी तरह से अव्यवस्था का शिकार हो रही हैं।

उनके स्वभाव के साथ गैरजरूरी छेड़छाड़ गुणवत्ता को कम करने वाला है। इसी तरह महंगाई, बेरोजगारी, असुरक्षा , भ्रष्टाचार और हिंसा को रोकना जरूरी है। वर्तमान जनादेश में यह गुहार भी छिपी है कि इन समस्याओं से छुटकारा दिलाया जाए। जनता का भरोसा न टूटे, इसकी गारंटी जमीनी स्तर पर देनी होगी।  

टॅग्स :BJPनरेंद्र मोदीराजस्थानमध्य प्रदेशछत्तीसगढ़Chhattisgarh
Open in App

संबंधित खबरें

भारतकर्नाटक नेतृत्व मुद्दा: दिल्ली कब बुलाया जाएगा?, डीके शिवकुमार ने कहा-मैं आपको सूचित करूंगा, बिना बताए कुछ नहीं करूंगा

भारतभाजपा के पूर्व मंत्री दीपक जोशी ने कांग्रेस नेत्री पल्लवी राज सक्सेना से रचाई शादी, देवास के आर्य समाज मंदिर से वायरल हुई तस्वीरें

भारतमहाराष्ट्र चुनावः 23 नगर परिषदों और नगर पंचायतों में मतदान, स्थानीय निकायों में खाली पड़े 143 सदस्य पदों पर पड़े रहे वोट, जानें लाइव

भारतArunachal Pradesh Local Body Election Results 2025: 186 जिला परिषद सदस्य सीट की गिनती जारी, ग्राम पंचायत में 6,227 उम्मीदवार निर्विरोध निर्वाचित

भारतलोकसभा, विधानसभा के बाद स्थानीय निकाय चुनावों के बीच नेताओं की आवाजाही?, राजनीति की नई शक्ल बनता दलबदल

भारत अधिक खबरें

भारतबिहार सीएम नीतीश कुमार की सास विद्यावती देवी के हुआ निधन, मुख्यमंत्री के पुत्र निशांत कुमार ने लिखा- प्यारी नानी मां के देहांत से मन व्यथित...

भारतSIR 2026 Voter List: एड्रेस बदलने की वजह से नहीं भर पा रहे SIR फॉर्म? इन डॉक्यूमेंट्स से बन जाएगा काम

भारतDelhi Fog: दिल्ली में छाया घना कोहरा, 100 से ज्यादा उड़ानें रद्द, यात्रियों के लिए जारी एडवाइजरी

भारतहाथियों के झुंड के टकराई राजधानी एक्सप्रेस, पटरी से उतरे कई डब्बे; 8 हाथियों की मौत

भारतMP News: भोपाल में आज मेट्रो का शुभारंभ, जानें क्या है रूट और कितना होगा टिकट प्राइस