भरत झुनझुनवाला का ब्लॉग: महिलाओं के लिए श्रम के घटते अवसर

By भरत झुनझुनवाला | Published: September 9, 2019 09:47 AM2019-09-09T09:47:12+5:302019-09-09T09:47:12+5:30

आज हम देखते हैं कि कुछ विशेष पौधों में, जैसे पपीते अथवा आंवले के वृक्ष में, नर और मादा वृक्ष अलग-अलग होते हैं लेकिन इनकी बनावट, आकार अथवा पानी की जरूरत में कोई अंतर नहीं होता है.  उनमें अंतर केवल फूल के आकार, संख्या आदि में देखा जाता है. इससे आगे बढ़ें तो बंदरों में नर और मादा के शरीर के आकार में भी अंतर पैदा हो जाता है.

Bharat Jhunjhunwala's Blog: Declining Labor Opportunities for Women | भरत झुनझुनवाला का ब्लॉग: महिलाओं के लिए श्रम के घटते अवसर

भरत झुनझुनवाला का ब्लॉग: महिलाओं के लिए श्रम के घटते अवसर

भारत सरकार द्वारा समय-समय पर श्रमिकों का सर्वेक्षण कराया जाता है. 2018 के सर्वेक्षण में पाया गया कि केवल 23 प्रतिशत महिलाएं ही कार्यरत हैं. इससे पूर्व यह संख्या अधिक थी. 2012 में 31 प्रतिशत एवं 2005 में 43 प्रतिशत महिलाएं कार्यरत थीं. स्पष्ट है कि बीते पंद्रह साल में कार्यरत महिलाओं की संख्या में भारी गिरावट आई है.

इस विषय के दो पक्ष हैं. एक पक्ष यह है कि नई तकनीकों ने गृह कार्य के लिए श्रम की जरूरत इतनी कम कर दी है कि एक महिला चंद घंटों में पूरे परिवार के गृह कार्य को निपटा दे. अत: अपने अतिरिक्त समय का उपयोग वह अन्यत्न अपने विकास के लिए कर सकती है, जैसे रोजगार करने में, अध्यात्म में अथवा पेंटिंग आदि बना आत्मविकास में.

विषय का दूसरा पक्ष है कि समय क्र म में नर और मादा का अंतर बढ़ता जाता ही दिखता है. किसी समय केवल एक कोषीय जीव होते थे जिन्हें गैमेट कहा जाता है. इनमें नर और मादा का अंतर नहीं होता था. फिर भी कोई तो ये दो गैमेट मिलकर नए गैमेट का प्रजनन करते थे. दोनों जनक गैमेट एक से होते थे. इनमें जो ताकतवर गैमेट होता था वह अपने स्थान पर बना रहता था और कमजोर गैमेट उससे जाकर जुड़ता था और तब दोनों के सहयोग से नए गैमेट उत्पन्न होते थे. समय क्रम में जो ताकतवर गैमेट था वह मादा बना और जो कमजोर गैमेट था वह नर बना.

समय के साथ-साथ नर और मादा के बीच का यह अंतर बढ़ता गया. आज हम देखते हैं कि कुछ विशेष पौधों में, जैसे पपीते अथवा आंवले के वृक्ष में, नर और मादा वृक्ष अलग-अलग होते हैं लेकिन इनकी बनावट, आकार अथवा पानी की जरूरत में कोई अंतर नहीं होता है.  उनमें अंतर केवल फूल के आकार, संख्या आदि में देखा जाता है. इससे आगे बढ़ें तो बंदरों में नर और मादा के शरीर के आकार में भी अंतर पैदा हो जाता है. आगे चलें तो मनुष्य में नर और मादा के कार्य में भी विभाजन हो जाता है. महिला घर के कार्यो और बच्चों को पालने में अधिक समय देती है और पुरुष धन कमाने में.

आज महिलाओं के पास गृह कार्य के बाद काफी समय बच रहा है. एक उपाय यह हो सकता है कि महिलाओं को पार्ट टाइम कार्य के लिए अवसर उपलब्ध कराए जाएं. अत: श्रम सर्वेक्षण में जो कार्यरत महिलाओं के प्रतिशत में गिरावट आई है उसके दो परस्पर विरोधी पक्ष हैं.

एक तरफ यह शुभ सूचना है कि महिलाओं पर गृह कार्य और कमाई का दोहरा भार कम हो रहा है. दूसरी तरफ कार्यरत महिलाओं के प्रतिशत में गिरावट से महिलाओं की स्वतंत्न आय के स्रोत कम हो रहे हैं. इसका हल यही है कि महिलाओं को पार्ट टाइम कार्य के अवसर उपलब्ध कराए जाएं. तब उन पर गृह कार्य और कमाई का दोहरा भार नहीं पड़ेगा व स्वतंत्न आय के स्रोत भी बनेंगे.

Web Title: Bharat Jhunjhunwala's Blog: Declining Labor Opportunities for Women

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