अवधेश कुमार का ब्लॉग: महागठबंधन के प्रयास को धक्का

By अवधेश कुमार | Published: November 28, 2018 02:58 AM2018-11-28T02:58:19+5:302018-11-28T02:58:19+5:30

कई नेताआंे ने इस बैठक में कुछ विशेष घोषणाओं की तैयारी की थी. शरद पवार ने कहा था कि हमें एक न्यूनतम साझा कार्यक्रम तैयार करना है. वे इस बैठक में उसके लिए समिति का प्रस्ताव रख सकते थे.

Avadhesh kumar's blog: Pushing the Maha coalition's effort | अवधेश कुमार का ब्लॉग: महागठबंधन के प्रयास को धक्का

अवधेश कुमार का ब्लॉग: महागठबंधन के प्रयास को धक्का

 जो लोग भाजपा विरोधी महागठबंधन के प्रयास में लगे नेताओं के 22 नवंबर को राजधानी दिल्ली में होने वाली बैठक की प्रतीक्षा कर रहे थे निश्चय ही उन्हें धक्का लगा होगा. इस समय महागठबंधन के लिए सबसे ज्यादा कवायद करने वाले मुख्य नेता आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्नी चंद्रबाबू नायडू ने कोलकाता में ममता बनर्जी से मुलाकात के बाद स्वयं इस बैठक को स्थगित करने की घोषणा कर दी.

आखिर क्यों? अभी तो वे इस बैठक की तैयारी कर रहे थे. राजधानी में राहुल गांधी, शरद पवार, फारूक अब्दुल्ला, शरद यादव, मायावती, मुलायम सिंह यादव, बेंगलुरु में पूर्व प्रधानमंत्नी देवेगौड़ा, कुमारस्वामी, चेन्नई में एम. के. स्टालिन आदि से मुलाकात करके उन्हांेने एक साथ इकट्ठा होने का निमंत्नण दिया था.

11 नवंबर को राहुल गांधी का विशेष दूत बनकर अशोक गहलोत ने अमरावती जाकर नायडू से मुलाकात की थी. उसके बाद नायडू ने पत्नकारों से बातचीत करते हुए कहा था कि दिल्ली में हमारी बैठक प्रस्तावित है जिसमें भविष्य की कार्रवाई और रूपरेखा तय होगी. वे कोलकाता में ममता बनर्जी से भी भविष्य की रूपरेखा पर विचार करने तथा दिल्ली बैठक में शामिल होने का अनुरोध करने गए थे. अगर वहां से उन्हें यह घोषणा करनी पड़ी कि यह बैठक अब जनवरी में आयोजित होगी तो इसके पीछे गंभीर कारण होंगे. 

वास्तव में यह इस मायने में भारतीय राजनीति की एक बड़ी घटना है क्योंकि मोदी एवं भाजपा को पराजित करने के लिए एकजुट होने वाले उत्साहित नेताओं ने दिल्ली सम्मेलन को एक बड़े अवसर के रूप में देखा था. उन्हें लगता था कि मध्य प्रदेश, राजस्थान, तेलंगाना एवं मिजोरम चुनाव के पूर्व यह बैठक होती है तो इससे संदेश जाएगा कि विपक्षी एकता अब केवल बयानों और कल्पना तक सीमित नहीं है. विशेषकर कांग्रेस की नीति हर हाल में इस बैठक को सफल बनाने की थी.

कई नेताआंे ने इस बैठक में कुछ विशेष घोषणाओं की तैयारी की थी. शरद पवार ने कहा था कि हमें एक न्यूनतम साझा कार्यक्रम तैयार करना है. वे इस बैठक में उसके लिए समिति का प्रस्ताव रख सकते थे. एक साथ इतने नेता इकट्ठा होते, नरेंद्र मोदी और भाजपा के विरुद्ध एकजुट होकर लड़ने की घोषणाएं करते तो इन सबका प्रभाव माहौल निर्माण के रूप में होता. कहने का तात्पर्य यह कि विपक्षी दल एक बड़े अवसर से चूके हैं और भाजपा तथा राजग खेमे में इससे खुशी होगी.

Web Title: Avadhesh kumar's blog: Pushing the Maha coalition's effort

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