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अवधेश कुमार का ब्लॉग: घर वापसी के दिशा निर्देशों का सख्ती से हो पालन

By अवधेश कुमार | Updated: May 4, 2020 10:37 IST

गृह मंत्नालय ने अपने दिशा निर्देश में पूरी कोशिश की है जिससे एक-दूसरे के संपर्क में आकर संक्रमित होने, किसी संक्रमित के वापस जाने या फिर वापस जाने के बाद स्वास्थ्यकर्मियों की नजर से दूर रहने की संभावना न रहे.

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केंद्रीय गृह मंत्नालय द्वारा सभी राज्यों एवं केंद्रशासित प्रदेशों में फंसे लोगों को उनके गृह राज्यों में भेजने की हरी झंडी से स्वाभाविक ही लाखों लोगों को तत्काल राहत का अनुभव हुआ है. कई राज्य सरकारों और केंद्रशासित प्रदेशों के लिए भी यह एक बड़ी समस्या से निजात पाने की हरी झंडी जैसी है. गृह मंत्नालय ने अपने आदेश में कहा कि सभी राज्य और केंद्रशासित प्रदेश अपने यहां फंसे लोगों को उनके गृह राज्यों में भेजने के लिए एक मानक प्रोटोकॉल तैयार करें.

बहरहाल, अब इसके दिशा निर्देश हमारे सामने हैं. इसके आधार पर अलग-अलग राज्यों मे फंसे मजदूर, छात्न, तीर्थयात्नी, पर्यटक बसों व ट्रेनों से घर लौट सकते हैं. वैसे इस अनुमति का अर्थ यह नहीं है कि कोई कहीं से निकलकर अपने मूल गांव या शहर चला जाएगा. यह काम राज्यों को करना है. अगर कहीं पर कोई समूह फंसा हुआ है और वह अपने मूल निवास स्थान जाना चाहता है तो राज्य सरकारें आपसी सहमति के साथ इसकी व्यवस्था कर सकती हैं.

गृह मंत्नालय का जो दिशा निर्देश हमारे सामने है उसके अनुसार वापसी की प्रक्रिया को पूरा करने के लिए राज्य नोडल अधिकारियों की नियुक्ति करेंगे. वापस जाने वाले सभी लोगों का पंजीकरण करना होगा. नोडल अधिकारियों की जिम्मेदारी होगी कि वह फंसे हुए लोगों का रजिस्ट्रेशन कराएं. वापसी की प्रक्रिया शुरू होने के पहले सभी की स्क्रीनिंग की जाएगी और जिनमें कोरोना के लक्षण नहीं होंगे, सिर्फ उन्हें ही इजाजत दी जाएगी. वापसी के बाद उनका एक बार फिर से स्वास्थ्य परीक्षण किया जाएगा. उन्हें 14 दिन तक क्वारंटाइन में रहना होगा. गृह मंत्नालय ने इन सभी के मोबाइल में आरोग्य सेतु एप डाउनलोड करने को कहा है ताकि क्वारंटाइन के दौरान उन पर नजर रखी जा सके. स्थानीय स्वास्थ्य कर्मी इन सभी के स्वास्थ्य की समय-समय पर जांच करते रहेंगे.  

देखा जाए तो गृह मंत्नालय ने अपने दिशा निर्देश में पूरी कोशिश की है जिससे एक-दूसरे के संपर्क में आकर संक्रमित होने, किसी संक्रमित के वापस जाने या फिर वापस जाने के बाद स्वास्थ्यकर्मियों की नजर से दूर रहने की संभावना न रहे. राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों में पहुंचने वाले लोगों का पूरा ब्यौरा रखा जाएगा तथा आरोग्य सेतु से उन पर नजर भी. बसों और रेलों को सैनिटाइज किया जाएगा. साथ ही इसमें बैठने के दौरान शारीरिक दूरी के नियम को सख्ती से अपनाए जाने की भी बात है जो संभव है. तो जोखिम से बचने के सारे संभव उपाय किए गए हैं. जरूरत इन नियमों के सख्ती से पालन की है.

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