सारंग थत्ते का ब्लॉग: वायुसेना की आक्रामक भूमिका
By सारंग थत्ते | Published: October 8, 2019 01:32 PM2019-10-08T13:32:51+5:302019-10-08T13:32:51+5:30
भारत सरकार 114 लड़ाकू विमानों की खरीद के लिए विश्व की जानी-मानी कंपनियों से निविदाएं मंगा रही है.
भारतीय वायुसेना अपनी स्थापना की 87वीं वर्षगांठ मना रही है. आम तौर पर इस मौके को खुशियों से संजोया जाता है. इस बार का वायुसेना दिवस एक अनोखा अध्याय अपने साथ लिख रहा है. 8 अक्तूबर 1932 को स्थापित भारतीय वायुसेना अपना विशेष दिन दशहरे को मना रही है. देश के रक्षा मंत्नी इस अवसर पर फ्रांस पहुंच कर शस्त्न पूजा करने जा रहे हैं. हमारे 36 राफेल लड़ाकू विमानों की भारत आने की पहली कड़ी में पहला राफेल हमें सौंपा जाएगा. वे एक राफेल लड़ाकू विमान में उड़ान भी भरेंगे. पहली खेप भारतीय आकाश में पहुंचने में अभी मई 2020 तक इंतजार करना पड़ेगा. लेकिन भारतीय वायुसेना की आक्रामक क्षमता में एक गेम चेंजर सिद्ध होने जा रहा है फ्रांस का राफेल. 36 लड़ाकू विमान सन 2022 तक भारतीय वायुसेना को मिल जाएंगे.
भारतीय वायुसेना के सामने नए लड़ाकू विमानों की पहचान, खरीद-फरोख्त एवं प्रौद्योगिकी के अनुरूप प्रशिक्षण और परीक्षण की जिम्मेदारी बढ़ गई है. अगले वर्ष मई में राफेल लड़ाकू विमान की पहली खेप भारत पहुंचेगी, फिलहाल हमारे पायलट फ्रांस में प्रशिक्षण में जुटे हुए हैं. 12 नए सुखोई एसयू 30 भी हम अपने बेड़े में शामिल कर रहे हैं. 83 स्वदेशी तेजस भी आने वाले 7 सालों में वायुसेना में शामिल होंगे.
भारत सरकार 114 लड़ाकू विमानों की खरीद के लिए विश्व की जानी-मानी कंपनियों से निविदाएं मंगा रही है. जब 124 राफेल की जगह हमने 36 राफेल खरीदने का फैसला लिया था तब से हमारी स्क्वाड्रन संख्या को बढ़ाने की जद्दोजहद में हम लगभग पांच साल पिछड़ चुके हैं. हमारे मौजूदा लड़ाकू विमानों में मिराज 2000 का उन्नयन भी अभी होना बाकी है. जुलाई 2011 में 10947 करोड़ रुपए से 49 मिराज को अपग्रेड किया जाना था. इस बीच फ्रांस की कंपनी एम.बी.डी.ए. के साथ 2012 में 490 उन्नत किस्म के एमआईसीए ( माइका ) मिसाइल को मिराज के साथ जोड़ने की जरूरत पर बातचीत सफल हुई थी. अब तक इस पर कार्य बहुत धीमा है क्योंकि सिर्फ 10 मिराज का अपग्रेड किया जा चुका है. वायुसेना को आने
वाले समय में अपनी आक्रामक भूमिका के लिए बहुत कुछ हासिल करना है.