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ब्लॉग: अचानक होने वाली मौतों का कोविड वैक्सीन से नहीं है संबंध

By ऋषभ मिश्रा | Updated: December 1, 2023 12:21 IST

वैक्सीन की जगह इन मौतों का कारण परिवार में मौतों की एक फैमिली हिस्ट्री अथवा पारिवारिक पृष्ठभूमि का होना या फिर थकावट हो सकता है।

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हमारे देश में कोविड के बाद से बड़ी संख्या में युवाओं की अचानक से बढ़ती मौतों पर हाल ही में सरकार ने एक जांच कमेटी बैठाई थी। इसका मकसद कम उम्र में इतनी बड़ी संख्या में युवाओं में अचानक हृदयाघात (हार्ट-अटैक) से होने वाली मौतों की बढ़ती घटनाओं की जांच करना था और अब ये जांच पूरी हो गई है।

दरअसल पूरे देश में इस बात पर चर्चा हो रही थी, कि कहीं ये मौतें कोविड की वैक्सीन के कारण तो नहीं हो रही हैं या फिर ये कोविड की वैक्सीन के ही दुष्प्रभाव (साइड-इफेक्ट्स) तो नहीं हैं।

लेकिन ‘आईसीएमआर’ द्वारा की गई इस स्टडी में 1 अक्तूबर 2021 से 31 मार्च 2023 के बीच हुई ऐसी घटनाओं का विश्लेषण किया गया, जिनमें अलग-अलग कारणों से 29 हजार से ज्यादा लोगों की अचानक मृत्यु हो गई। इनमें ज्यादातर लोग ऐसे थे जिन्हें या तो पहले से कोई बीमारी थी या जिनकी मृत्यु किसी दुर्घटना में हुई थी।

सिर्फ 729 लोग ऐसे पाए गए, जो अपनी मृत्यु से कुछ घंटे पहले बिल्कुल स्वस्थ थे लेकिन इसके बाद अचानक उन्हें हृदयाघात आया और मौत हो गई। आईसीएमआर ने जब इन सभी मृतकों से जुड़ी जानकारियों को इकठ्ठा कर उनका अध्ययन किया तो पता चला कि जिन लोगों की कोविड के बाद अचानक मृत्यु हुई उनमें से 10 फीसदी लोग ऐसे थे, जिनके परिवार में पहले भी किसी सदस्य की इसी तरह से अचानक मृत्यु हो चुकी थी।

यानी इन लोगों के परिवारों में ऐसी मौतों की एक फैमिली हिस्ट्री अथवा पारिवारिक पृष्ठभूमि है। 18 फीसदी लोग ऐसे थे जो जरूरत से ज्यादा शारीरिक गतिविधि कर रहे थे, और ओवर एक्जर्शन यानी कि थकावट की अधिकता के कारण इन लोगों की अचानक मृत्यु हुई। इनमें कुछ लोग ऐसे भी थे जो कोविड होने के बाद जरूरत से ज्यादा वर्कआउट या फिर व्यायाम कर रहे थे। 27 फीसदी लोग ऐसे थे, जो धूम्रपान करते थे और अपनी मृत्यु से पहले भी इन लोगों ने धूम्रपान किया था।

27 फीसदी लोग ऐसे थे जो शराब पीते थे, और इनमें से भी 7 फीसदी वो लोग थे जिन्हें शराब पीने की लत थी और अपनी मृत्यु से पहले भी इन लोगों ने शराब का सेवन किया था। इन नतीजों के आधार पर आईसीएमआर का कहना है कि भारत में अचानक होने वाली मौतों का कारण कोविड की वैक्सीन नहीं है।

बल्कि कोविड की वैक्सीन तो अचानक से होने वाली मृत्यु के खतरे को और भी कम करती है। वैक्सीन की जगह इन मौतों का कारण परिवार में मौतों की एक फैमिली हिस्ट्री अथवा पारिवारिक पृष्ठभूमि का होना या फिर थकावट हो सकता है।

पिछले दिनों केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मांडविया ने भी कहा था कि हमारे देश में जिन लोगों को भी कोविड हो चुका है, ऐसे लोगों को ज्यादा शारीरिक मेहनत से बचना चाहिए. अब आईसीएमआर की स्टडी भी इसी तरफ इशारा कर रही है। 

टॅग्स :कोविड-19 इंडियाकोरोना वायरसVaccine Administration Cell of the Union Health Ministry
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