Shefali Jariwala Death: जानलेवा साबित हो रही है उम्र कम दिखने की सनक!
By लोकमत समाचार सम्पादकीय | Updated: July 2, 2025 05:42 IST2025-07-02T05:42:19+5:302025-07-02T05:42:19+5:30
Shefali Jariwala Death: पहले वक्त से जागना, वक्त पर खाना, दिन भर मेहनत करना, कुछ खेलना-कूदना और वक्त से सोना जिंदगी का दस्तूर था.

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Shefali Jariwala Death: कांटा लगा गर्ल, शेफाली जरीवाला की मौत ने फिर यह सवाल खड़ा कर दिया है कि प्रकृति की धारा के विपरीत बहकर जिंदगी को हम किस मुकाम पर ले जाना चाहते हैं. प्रकृति के निर्धारित नियम हैं. यदि आप उन नियमों का सम्मान करते हैं तो प्रकृति अपनी नेमत का सर्वश्रेष्ठ आपको देती है लेकिन जब आप जीवन में उच्छृंखलता को अपना लेते हैं तो प्रकृति का रूठना वाजिब है. यह बात आप हर जगह सुनेंगे कि पहले के लोग ज्यादा स्वस्थ रहते थे और जीवन के अंतिम दिनों में भी सक्रिय रहते थे. यह बात सही भी है क्योंकि पहले वक्त से जागना, वक्त पर खाना, दिन भर मेहनत करना, कुछ खेलना-कूदना और वक्त से सोना जिंदगी का दस्तूर था. मगर विकास की आंधी जीवन के इस स्वरूप को ले उड़ी और इसका असर हमारी सेहत पर दिखना शुरू हो गया.
बच्चे उम्र से पहले जवान होने लगे, जवानी को तनाव ने घेर लिया और बच्चों की मानसिक उम्र बड़ी तेजी से बढ़ने लगी. तो इसका असर स्वाभाविक रूप से आपकी त्वचा पर होगा ही होगा! आपका चेहरा कैसे गोरा दिखे, कैसे चमके, इसे लेकर बाजार में एक से एक उत्पाद आ गए. इस बात पर किसी ने गौर नहीं किया कि त्वचा तो वास्तव में आपके शरीर का दर्पण है.
शरीर जितना स्वस्थ रहेगा, त्वचा उतनी ही जवान रहेगी. शेफाली जरीवाला ने जब कांटा लगा का रीमिक्स गाया था तब उनकी उम्र महज 19 साल थी. ये उम्र प्राकृतिक उफान की होती है और बिना किसी साज सज्जा के भी खूबसूरती झलकती है. जब उनका निधन हुआ तब वो जवानी की दहलीज से बाहर जा रही थीं.
उनकी मौत की छानबीन करने वाले पुलिस अधिकारियों को उनके निवास से ऐसी दवाइयां मिली हैं जिन्हें एंटी एजिंग ड्रग कहा जाता है. यानी उम्र कम करने की दवाइयां! संभव है कि कम उम्र दिखने की हसरत उनके भीतर शायद उससे भी ज्यादा रही हो जितनी एक सामान्य व्यक्ति में होती है.
माना जाता है कि फिल्म और उससे जुड़े माध्यमों में उम्र कम दिखाना जरूरी होता है इसलिए तरह-तरह के जतन किए जाते हैं. इसमें प्लास्टिक सर्जरी से लेकर दवाइयों तक का सेवन शामिल होता है. मगर दवाइयां लेते वक्त लोग भूल जाते हैं कि इसके दुष्परिणाम क्या हो सकते हैं. यदि आप प्रकृति से अलग हट कर दवाइयां लेते हैं तो कुछ न कुछ उसका असर होता ही है.
इसीलिए डॉक्टर की जरूरत पड़ती है. माना जा रहा है कि शेफाली ने खाली पेट एंटी एजिंग दवाइयां लीं, जिसके कारण उन्हें हार्ट अटैक आया और उनकी मौत हो गई! यदि आप चिकित्सकों से बात करें तो वे बताएंगे कि उम्र और हृदय का रिश्ता बहुत गहराई के साथ जुड़ा हुआ है. यदि आपकी जीवनशैली ठीक है तो हृदय ठीक रहेगा और शरीर की उम्र बढ़ने की रफ्तार भी धीमी करने में मदद मिलेगी.
इसीलिए चिकित्सक सलाह देते हैं कि प्रतिदिन कम से कम आधे घंटे व्यायाम करें, योग करें, साइकिल चलाएं या फिर तैरें. मगर ज्यादातर स्थितियों में लोग इन सब चीजों के लिए समय न निकाल कर इस बात पर ध्यान देते हैं कि कौन सा क्रीम लगाने से त्वचा कितनी आकर्षक हो जाएगी.
संभव है कि कुछ क्रीम त्वचा को बेहतर बनाती हों लेकिन जब तक आप अंदर से स्वस्थ नहीं होंगे तब तक त्वचा पर निखार कहां से आएगा. शेफाली जरीवाला की मौत हमारे लिए बड़ा संदेश है कि हम प्रकृति के पास लौटें. प्राकृतिक जीवनशैली अपनाएं, योग करें, व्यायाम करें, स्वास्थ्यप्रद खाना खाएं और जिंदगी को खुशहाल रखें.
जाने-माने कार्डियोलॉजिस्ट डॉ. मोहित गुप्ता की एक रिसर्च बहुत चौंकाने वाली है कि 18 से 30 साल के कुछ युवाओं की जेनेटिक उम्र अपनी वास्तविक शारीरिक उम्र से दोगुना-तीन गुना पाई गई. इसका सबसे बड़ा कारण तनाव है. अपनी युवा पीढ़ी को इस तनाव से बचाने की जरूरत है. जिंदगी में सफलता बहुत जरूरी है लेकिन इसकी कीमत हमारे सुकून से आंकी जानी चाहिए.
यदि सफलता के साथ आपने सुकून भी अर्जित किया है तो ही आप सफल हैं. यदि शरीर स्वस्थ है तभी आप बेहतर दिख सकते हैं, आकर्षक दिख सकते हैं. दवाइयों से खूबसूरती नहीं आती है. और जो लोग ऐसी कोशिश करते हैं, वे खुद को छलावा दे रहे होते हैं. मौत को आमंत्रण दे रहे होते हैं. हमारे युवाओं के लिए यह संभलने का वक्त है.