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नवीन जैन का ब्लॉग: सेहत की रक्षा करने में खरी उतर रही है साइकिल

By नवीन जैन | Updated: June 3, 2024 10:40 IST

कोरोना संक्रमण और लॉकडाउन बेशक अपने साथ बहुत कुछ नकारात्मकता लेकर आया था पर खुद की तथा प्रकृति दोनों की ही सेहत की कीमत का सबब भी इसी ने सिखाया. 

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ठळक मुद्देभारत में अनलॉक के बाद साइकिल की डिमांड तीन गुना बढ़ गई है. सेहत की रखवाली के लिए मशहूर साइकिल के दौर के फिर से लौटने के संकेत मिल रहे हैं. एक समय था जब भारत ही नहीं लगभग दुनियाभर में साइकिल का बोलबाला था.

सेहत की रखवाली के लिए मशहूर साइकिल के दौर के फिर से लौटने के संकेत मिल रहे हैं. एक समय था जब भारत ही नहीं लगभग दुनियाभर में साइकिल का बोलबाला था. क्या अब उसी साइकिल युग के लौटने की परिस्थितियां बन रही है? जी हां, विदेशों में भी साइकिल लेन बनाने की तैयारियां जोर-शोर से चालू हो रही हैं.

पेरिस की मेयर ऐनी. हिडाल्गो ने वहां के कई बड़े शहरों में साइकिल लेन बनाने का फैसला लिया है, जिसका नाम कोरोना लेंस रखा गया है. भारत में अनलॉक के बाद साइकिल की डिमांड तीन गुना बढ़ गई है. कोरोना संक्रमण और लॉकडाउन बेशक अपने साथ बहुत कुछ नकारात्मकता लेकर आया था पर खुद की तथा प्रकृति दोनों की ही सेहत की कीमत का सबब भी इसी ने सिखाया. 

आप यह जानकर हैरान रह जाएंगे कि लंदन में अब डॉक्टर अपने मरीजों को पर्ची पर दवाइयों के साथ रोज 30 मिनट साइकिल चलाने की सलाह भी दे रहे हैं. दरअसल, डॉक्टरों का मानना है कि ऐसा करके वे अपने मरीजो को दवाओं के साइड इफेक्ट से बचाने के साथ ही उनके दवाओं के खर्च में कटौती भी कर रहे हैं. पहले अधिकांश डॉक्टर साइकिल चलाने का सिर्फ जबानी परामर्श देते थे, लिखकर देने का चलन तो अब शुरू हुआ है. विश्व स्वास्थ्य संगठन से लेकर तमाम रिसर्च बताती हैं कि साइकिलिंग एक ऐसा व्यायाम है जिसके कई फायदे हैं. कैलोरी बर्न होने के अलावा जो पसीना निकलता है, उससे शरीर के विषैले पदार्थ निकल जाते हैं. रक्त संचार की प्रक्रिया को बेहतर बनाने के अलावा साइकिल मस्तिष्क तक रक्त पहुंचाती है. घुटने के दर्द की समस्या कम होने के अलावा शरीर के मसल्स को लाभ पहुंचता है. 

नियमित साइकिलिंग से मेटाबॉलिज्म अच्छा रहता है. सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि साइकिल चलाने से इम्यून सिस्टम बढ़ता है. सुबह खुली हवा में साइकिलिंग से डिप्रेशन तथा एंग्जाइटी की दिक्कतें भी दूर होती हैं. संयुक्त राष्ट्र द्वारा 3 जून को विश्व साइकिल दिवस घोषित किया गया. हालांकि चिंता की बात यह है कि दुनिया की आबादी के हिसाब से साइकिलों की संख्या कम हो रही है.

दुनियाभर की सरकारें और पर्यावरण की चिंता करने वाले लोग शहरी पर्यावरण की सुरक्षा के लिए साइकिल की सवारी को बढ़ावा देने में जुटे हैं. नीदरलैंड साइकिल को बढ़ावा देने में कई यूरोपीय देशों से आगे है.

नीदरलैंड सरकार साइकिल का इस्तेमाल करने वाले लोगों को टैक्स में छूट भी दे रही है. यहां तक कि नीदरलैंड के प्रधानमंत्री भी चर्चा के विषय बने हुए हैं क्योंकि वे साइकिल से ही संसद जाते हैं. इस देश में रोड एक्सीडेंट न के बराबर होते हैं. अनोखी बात यह भी है कि यहां देश की आबादी से ज्यादा साइकिलें हैं.

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