वेनेजुएला इस वक्त बड़ी चुनौती से गुजर रहा है. अमेरिकी युद्धपोतों ने उसे घेर रखा है, पनडुब्बियां और मिसाइलें तैनात हैं और ट्रम्प का आदेश मिलते ही वेनेजुएला पर हमला हो जाएगा. यदि दोनों देशों की सामरिक शक्ति की तुलना करें तो कोई मुकाबला ही नहीं है. अमेरिका निर्विवाद रूप से दुनिया का सबसे ताकतवर देश है और वेनेजुएला विश्व सैन्य रैंकिंग में 50 वें पायदान से भी नीचे है. लेकिन इसका यह मतलब कतई नहीं है कि अमेरिकी सेना हमला करेगी और वेनेजुएला नतमस्तक हो जाएगा. वेनेजुएला के राष्ट्रपति निकोलस मादुरो ने साफ कर दिया है कि अमेरिका ने कोई भी हरकत की तो उनका देश सशस्त्र संघर्ष करेगा.
उन्होंने नाम तो नहीं लिया लेकिन अमेरिका को संदेश दे दिया कि वे वियतनाम जैसा हौसला रखते हैं जिसे बीस साल में भी अमेरिका नहीं हरा पाया. 1955 से लेकर 1974 तक अमेरिका ने वियतनाम को पराजित करने की कोशिश की लेकिन वो कामयाब नहीं हुआ और वापस लौटना पड़ा.
निकोलस मादुरो ने अपने देश के युवाओं से कहा है कि वे सेना में शामिल हों ताकि अमेरिका यदि हमला करे तो उसे मुंहतोड़ जवाब दिया जा सके. निकोलस मादुरो को यह भरोसा है कि यदि जंग होती है तो रूस, चीन, ईरान, तुर्की और क्यूबा उसका साथ देंगे. ये देश भले ही उसके पक्ष में लड़ने न आएं लेकिन हर तरह की सामरिक मदद जरूर करेंगे. वैसे भी दुनिया इस वक्त ट्रम्प से परेशान है और कम से कम नैतिक समर्थन तो उन्हें मिलने वाला नहीं है.
दुनिया यह समझ रही है कि ड्रग्स तस्करी रोकने के लिए वेनेजुएला पर हमले की जो बात वे कर रहे हैं, उसकी सच्चाई कुछ और है. वेनेजुएला के पास भरपूर तेल है और ट्रम्प चाहते हैं कि उस पर अमेरिका का एकाधिकार हो. ड्रग्स तस्करी रोकना तो एक बहाना है. उन्होंने ड्रग्स तस्करी के सिंडिकेट को वेनेजुएला की सरकार से जोड़ दिया हैै. डोनाल्ड ट्रम्प तो यहां तक कह गए कि राष्ट्रपति मादुरो कार्टेल ऑफ द सन्स नाम का ड्रग तस्करी गिरोह चला रहे हैं. उन्होंने मादुरो की गिरफ्तारी पर 50 मिलियन डॉलर का इनाम भी घोषित कर रखा है.
वैसे यह पहली बार नहीं है जब वेनेजुएला में मादुरो की सरकार को समाप्त करने की कोशिश की जा रही है. जो बाइडेन के समय से ही अमेरिका इस कोशिश में लगा है लेकिन मादुरो लगातार आक्रामक रवैया अपना रहे हैं. अब तो मादुरो ने ट्रम्प को बड़ा ही तीखा जवाब दिया है कि यहां माफिया डॉन नहीं, एक क्रांतिकारी मिलेगा, जिसके पीछे उसकी जनता और सशस्त्र बल खड़े हैं.
मैं योद्धा हूं और राजनीति के साथ सैन्य रणनीति भी जानता हूं. मैं किसी भी ब्लैकमेल या धमकी के आगे झुकने वाला नहीं हूं. अब देखने वाली बात है कि अमेरिका का अगला कदम क्या होता है? क्या वो वाकई हमला करेगा? यदि हां, तो दुनिया में चल रही कई सारी जंगों में एक जंग और जुड़ जाएगी. दुनिया में हालात वाकई बिगड़ रहे हैं. शांति पसंद करने वालों के लिए ये वक्त ठीक नहीं है.