सुधर जाओ एडीजीपी आरसी मिश्रा, रेप पर बेतुके बयान से पुलिस की ''नाकामी'' नहीं छुपा सकते आप
By पल्लवी कुमारी | Published: January 18, 2018 03:05 PM2018-01-18T15:05:58+5:302018-01-18T17:40:04+5:30
हरियाणा पुलिस के एडीजी आरसी मिश्रा ने कहा- रेप की घटनाएं अनंतकाल से होती चली आ रही हैं, ये हमारे समाज का हिस्सा है।
जुबान कितनी कमाल की चीज होती है ना, यही आपको बनाती है और अगर फिसल जाए तो आपकी जग-हंसाई भी कराती है। खासकर जब यह जुबान महिलाओं के विरोध में खुलती है और मर्दों की सोच को नंगा कर देती है। ऐसा करने में भारतीय पुलिस और नेता तो बिल्कुल भी पीछे नहीं है। इनकी जुबान तो महिलाओं पर टिप्पणी करने के लिए फिसलते ही रहती है। एक बार फिर किसी की जुबान फिसली है, या यूं कह ले कि बेतुके बयान देने की शायद उनको आदत ही होगी। ये महाशय हैं, हरियाणा पुलिस के एडीजी आरसी मिश्रा। इन्होंने अपनी बुद्धि का परिचय देते हुए हरियाणा में हो रहे लगातार रेप पर ऐसा बयान दे दिया है, जिसको सुन किसी भी महिला का खून खौल जाएगा, जैसे मेरा खौल रहा है। इनका कहना है कि रेप की घटनाएं अनंतकाल से होती चली आ रही हैं, ये हमारे समाज का हिस्सा है। इतने पर भी इनकी जुबान संभली नहीं, उन्होंने यह भी कह डाला कि पुलिस का काम है जांच करना, अपराधी को पकड़ना और सबूत पेश करना। तो मैं एडीजीपी आरसी मिश्रा से पूछना चाहती हूं कि जब आपको पता ही है कि पुलिस का क्या काम है, तो आप काम कीजिए ना, ये क्यों बता रहे हैं कि रेप कब से हो रहा है, आपका काम अपराधी को पकड़ना है, ना कि रेप का इतिहास बताना।
अब आप इसे हमारे देश की विडंबना ही समझिए, जो देश के रक्षक, भक्षकों जैसी भाषा बोल रहे हैं। रेप पर इस तरह के बयान देने वाले ये पहले नहीं हैं और भी कई देश के नेता और नामी महिलाएं भी इसमें शामिल हैं, जिनका मानना है कि रेप लड़कियों की गलतियों की वजह से ही होता है। रेप पर नेताओं के बयान अक्सर सुनने को मिलते हैं, जिसके बाद उनकी आलोचनाएं होती हैं लेकिन उन्हें कोई फर्क नहीं पड़ता और लोग इससे कोई सबक भी नहीं लेते हैं।
आपको भले ना याद हो लेकिन एक लड़की होने के नाते मुझे तो हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री ओमप्रकाश चौटाला का वह बयान आज भी याद है, जब उन्होंने कहा था कि अगर लड़कियां जल्दी शादी कर लेंगी तो रेप की घटनाएं रुक जाएंगी। अब ये तो चौटाला साहब ही जाने की उन्होंने इसके पीछे कौन सा साइंस लगाया था। उनकी जानकारी के लिए बता दूं कि हाल ही में हरियाणा में ही 15 जनवरी 2018 को ही एक शादीशुदा महिला का उसके पति के सामने घर घुसकर गैंगरेप हुआ है। याद तो मुझे समाजवादी पार्टी के मुखिया मुलायम सिंह यादव का बयान भी है, जब उन्होंने कहा था कि लड़के हैं, और लड़कों से गलती हो जाती है, तो नेताजी उस गलती की सजा भी तो मिलनी चाहिए।
सबसे ज्यादा दुख तो मुझे तब होता है जब महिलाएं भी रेप की घटनाओं को लेकर ऐसा ही सोचती हैं। बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने भी एक बयान में कहा था कि लड़के लड़कियों का रेप इसलिए करते हैं क्योंकि लड़कियां आजकल कुछ ज्यादा ही "फ्रैंक" हो गई हैं। बेचारी सीएम ममता और उनके मासूम "लड़के", कितने भले हैं वो रेप भी करते हैं तो उनकी दीदी दोष लड़कियों की "फ्रैंकनेस" को देती हैं।
ममता अकेली महिला सीएम नहीं जिनसे महिला विरोधी बयान दिया हो। दिल्ली की पूर्व मुख्यमंत्री शीला दीक्षित ने भी कहा था कि रेप लड़कियों के साथ इसलिए होता है क्योंकि वह रात में घर से बाहर निकलती हैं।" काश कि शीला दीक्षित ने ऐसा वाहियात बयान देने से पहले वो आंकड़े भी देखे होते जिनसे पता चलता है कि जिस तरह उनकी दिल्ली महिलाओं के संग अपराध में काफी आगे ही उसी तरह महिलाओं के संग रेप और यौन शोषण के मामले में ज्यादातर उनके करीबी, रिश्तेदार या पूर्व-परिचित शामिल होते हैं। काश कि सीएम रही शीला को पता होता कि बच्चियाँ और महिलाएँ सबसे ज्यादा असुरक्षित अपने घरों, दफ्तरों, स्कूल और पासपड़ोस में हैं।
मिश्रा, चौटाला, मुलायम जैसे पुरुष और शीला, ममता जैसी महिलाएं ये भी नहीं सोचती कि अगर महिलाओं के संग रेप के लिए उनके कपड़े या रवैया जिम्मेदार होता तो नाबालिग और मासूम बच्चियों के संग ऐसी घटनाएं नहीं होती। ऐसे बेतुके बयानों के उदाहरण तो इतने सारे हैं कि उन्हें लिखने के लिए एक उम्र कम पड़ जाएगी। ये लिस्ट थमेगी नहीं। जब भी ऐसे बयान सुर्खियों में आते हैं, तो दुख तो बहुत होता है लेकिन एक उम्मीद जगती है कि शायद सरकार इसपर कोई एक्शन लेगी लेकिन वो अपनी पीठ बचाने में लग जाती है, विपक्ष दल राजनीतिक माइलेज लेने की होड़ में लग जाते हैं और मीडिया सिर्फ खबरें बनाती है और हम तमाशा देखते हैं।