वीवीएस लक्ष्मण का कॉलम: भारत की जीत टीम भावना की मिसाल
By वीवीएस लक्ष्मण | Published: October 23, 2019 12:47 PM2019-10-23T12:47:41+5:302019-10-23T12:47:41+5:30
भारतीय टीम ने साउथ अफ्रीका को रांची में खेले गए तीसरे टेस्ट में पारी और 202 रनों से हराकर सीरीज 3-0 से अपने नाम कर लिया।
भारत ने दमदार और निर्विवाद वर्चस्व के साथ दक्षिण अफ्रीका को लगातार तीसरे टेस्ट में शिकस्त दी। घरेलू मैदान पर टीम की यह लगातार ग्यारहवीं सीरीज जीत है। दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ यह पहली 'क्लीन स्वीप' साबित हुई। रोहित शर्मा सीरीज के हीरो रहे। हालांकि टीम की इस ऐतिहासिक कामयाबी में टीम वर्क का कमाल रहा।
कागिसो रबाडा ने पहले दिन के शुरुआती सत्र में विकेट को भुनाते हुए भारत को परेशानी में डालने की कोशिश की थी, लेकिन रोहित ने संयमी पारी खेलते हुए स्थितियों को संभाला। समय के तकाजे को समझते हुए उन्होंने गेंद की गति और स्विंग को देखकर बैकफुट पर खेलना मुनासिब समझा। उनकी रणनीति का यह हिस्सा था। अंतत: अनुशासन के बल पर रोहित रनों का अंबार लगाने में सफल रहे।
रोहित इस बात को अच्छी तरह समझ चुके थे कि एक बार नजरें जमने के बाद शॉट्स खेलना आसान होता है। यही वजह रही कि विकेट को भांपने पर उन्हें दोहरा शतक ठोंकने में कोई परेशानी नहीं हुई। रोहित के साथ अजिंक्य रहाणे की चौथे विकेट के लिए की गई साझेदारी जीत में निर्णायक साबित हुई।
तीन विकेट पर 39 के स्कोर के बाद रहाणे ने अहम योगदान दिया। फिरकी के खिलाफ उनका फुटवर्क और मानसिकता देखने लायक थी। रांची की विकेट पर फिरकी के कमाल की उम्मीद थी, लेकिन हुआ इसके ठीक विपरीत। तेज आक्रमण प्रभावी रहा। मेजबानों के 497 रन के स्कोर के बाद तेज गेंदबाज घातक साबित हुए। उमेश यादव और मोहम्मद शमी बल्लेबाजों के लिए परेशानी का सबब बने। पहली पारी में उमेश की जिस गेंद पर डिकॉक आउट हुए वह मेरी नजर में 'बॉल ऑफ द मैच' थी।
डिकॉक शॉर्ट पिच गेंदों को बखूबी खेल लेते हैं, लेकिन उमेश ने उस गेंद को कुछ ज्यादा शॉर्ट फेंककर दक्षिण अफ्रीकी ओपनर को विकेट के पीछे कैच देने को मजबूर कर दिया। शहबाज नदीम के पदार्पण से मैं खुश हूं। प्रथम श्रेणी क्रिकेट में उनके द्वारा की गई मेहनत का यह फल है। ऐसे में उन्हें घरेलू मैदान पर पदार्पण का मौका मिलना बड़ी बात रही। घर के माहौल में चार विकेट झटक कर नदीम ने अपने पदार्पण को यादगार बनाया। मजबूत टीम की कमजोर टीम की ओर बढ़ते कदम पर प्रिटोरियाई क्रिकेट प्रबंधन को सोचने का वक्त आ गया है।