Team India T20 World Cup 2024: भारत ने टी-20 विश्व कप दूसरी बार जीत कर न केवल देश-विदेश के क्रिकेट प्रेमियों के दिल में एक उत्साह और उमंग की लहर पैदा कर दी है, बल्कि अपनी विजय कहानी लिखते समय युवा पीढ़ी को नए प्रेरक संदेशों की श्रृंखला भी दे दी है. उनसे वह अपने जीवन के कठिन समय में लक्ष्यों को पाने के लिए बहुत कुछ सीख सकते हैं. शनिवार को फाइनल मुकाबले में भारतीय टीम जब पहले बल्लेबाजी कर रही थी, तब आरंभ में ही उसने अपने कप्तान रोहित शर्मा का विकेट खोने के बाद भी धैर्य का परिचय जारी रखा.
विकेट पतन ओवरों के साथ होते रहे, लेकिन बल्लेबाजों का संयम नहीं टूटा और न ही घबराहट को टीम के बीच आने दिया. इसी कारण टीम अपना स्कोर 176 तक पहुंचाने में सफल रही. इस चुनौतीपूर्ण आंकड़े तक पहुंचने में हर खिलाड़ी ने अपना योगदान दिया और हड़बड़ी से बचने का प्रयास किया. हालांकि पहले बल्लेबाजी का निर्णय लेकर गिरते हुए विकेट से टीम दबाव में मानी जा सकती है, किंतु यह परिस्थिति किसी भी खिलाड़ी ने झलकने नहीं दी. इसके बाद जब गेंदबाजी का अवसर आया तो अच्छी शुरुआत से आत्मविश्वास पैदा हुआ, लेकिन आखिरी दौर से कुछ पहले टीम एक बार फिर दबाव में आ गई.
मुकाबले पर आंखें गड़ाए क्रिकेट प्रेमियों की चिंताएं बढ़ गईं. मगर मैदान पर सामने आ रही हर चुनौती से बेपरवाह खिलाड़ियों ने अपने सर्वोत्कृष्ट प्रदर्शन पर ध्यान दिया. यही कारण रहा कि हाथ से जाता हुआ मैच दोबारा भारत की मुट्ठी में आ गया और सभी के प्रयासों से जीत की दहलीज पार करने में सफलता मिल गई.
इस कोशिश में टीम भावना ने किसी को हताश नहीं होने दिया और किसी के प्रयासों को नजरअंदाज नहीं किया गया. निश्चित ही यही आज के दौर में सफलता पाने का मूल मंत्र भी है. इन दिनों असफलता और निराशा के दौर से अनेक लोग गुजर रहे हैं. विशेष रूप से मुश्किलों में युवा किसी भी तरह का अतिवादी कदम उठाने के लिए तैयार रहते हैं.
किंतु इस तरह की सफलता उनके लिए एक सीख है. अतीत को देखा जाए तो भारतीय टीम ने अलग-अलग फार्मेट के विश्व कप लंबे-लंबे अंतराल के बाद जीते हैं. यहां तक कि कुछ खिलाड़ी टीम के कोच तक बन गए. किंतु उनका जीत पाने का जज्बा कम नहीं हुआ. हर एक का अपना प्रयास अपनी जगह जारी रहा.
किसी के टीम से हटने या शामिल होने पर अपने लक्ष्य को भटकने नहीं दिया और मैदान पर उसे सामूहिक बना दिया. जीवन की चुनौतियों और परेशानियों में इधर-उधर भटकने से बेहतर सही राह पर सीधे चलते रहना है. लक्ष्य पर नजर रखते हुए अपने प्रयास जारी रखना है. सामान्यत: सफलता चमत्कार जैसी दिखती है.
लेकिन उसके पीछे धीरज और आत्मविश्वास खड़े रहते हैं. विश्व कप जीतकर भारतीय क्रिकेट टीम ने देशवासियों को खुशियां तो दी ही हैं, साथ ही किंचित असफलताओं से निराश-हताश होने वाले लोगों के लिए बहुत कुछ सीखने का अवसर भी दिया है. यह जीत लक्ष्य पाने का अटूट प्रयास, धैर्य के साथ विश्वास और लगन के साथ आत्मविश्वास का संदेश देती है.