राम ठाकुर का ब्लॉग: लार में शुगर कराती है गेंद को स्विंग

By राम ठाकुर | Published: April 29, 2020 08:15 AM2020-04-29T08:15:52+5:302020-04-29T08:15:52+5:30

लार और पसीने के इस्तेमाल पर रोक लगने से ज्यादा परेशानी टेस्ट क्रिकेट में होगी, टेस्ट क्रिकेट में एक गेंद से करीब नब्बे ओवर गेंदबाजी करना होती है और जैसे-जैसे गेंद पुरानी होती है उसकी चमक भी घटती जाती है

Ram Thakur Blog: Cricket Ball, Saliva and Impact Of Coronavirus | राम ठाकुर का ब्लॉग: लार में शुगर कराती है गेंद को स्विंग

राम ठाकुर का ब्लॉग: लार में शुगर कराती है गेंद को स्विंग

कोविड-19 महामारी से बुरी तरह प्रभावित क्रिकेट जगत में इस समय लार पर माथापच्ची चल रही है. सुनने में भले ही यह अटपटा लग सकता है लेकिन यही सचाई है. इस मामले की गंभीरता का पता इसी से लगाया जा सकता है कि पिछले दिनों आईसीसी की बैठक में भी यह मुद्दा छाया रहा. सामान्य स्थितियों में गेदबाजों द्वारा लार अथवा पसीने से गेंद को चमकाने की प्रक्रिया पर शायद ही किसी ने इतनी गंभीरता से सोचा होगा. 

शायद ही किसी को इस बात का इल्म होगा कि अंतर्राष्ट्रीय मुकाबले में एक तेज गेंदबाज के लिए लार किस हद तक मददगार साबित होती है. जरा याद कीजिए उस दौर को जब पाकी तेज आक्रमण-इमरान खान, वसीम अकरम और वकार यूनिस की रिवर्स पूरे क्रिकेट जगत में तहलका मचा रखा था. उनके इस कारगर अस्र में अधिक पैनापन लाने में लार की ही भूमिका अहम हुआ करती थी. 

क्यों जरूरी है लार का इस्तेमाल 

कोरोना वायरस के संक्रमण के बाद क्रिकेट मुकाबलों के दौरान लार और पसीने का इस्तेमाल नहीं किया जा सकेगा. अब सवाल उठता है कि आखिर गेंदबाज के लिए लार क्यों जरूरी है. क्रिकेट मुकाबले के दौरान गेंदबाज को बार-बार अपनी लार गेंद को लगाते हुए देखा जाता है जो एक क्रिकेट प्रेमी को कतई पसंद नहीं आएगा. आखिर आएगा भी क्यों? कोई भी क्रिकेट प्रेमी गेंदबाज से सधी हुई गेंदबाजी करते देखना चाहता है न कि बार-बार मुंह से लार लगाते. लेकिन विशेषज्ञों की माने तो यही लार गेंदबाजों को विकेट झटकाने में अहम होती है. जानकारों के अनुसार लार में शुगर होने से वह भारी होती है जिससे गेंद को स्विंग करने में मदद मिलती है.

लार और पसीने के इस्तेमाल पर रोक लगने से ज्यादा परेशानी टेस्ट क्रिकेट में होगी. टेस्ट क्रिकेट में एक गेंद से करीब नब्बे ओवर गेंदबाजी करना होती है और जैसे-जैसे गेंद पुरानी होती है उसकी चमक भी घटती जाती है और यदि लार या पसीना के इस्तेमाल की अनुमति नहीं मिलेगी तो गेंदबाज के लिए स्विंग कराना और ही मुश्किल होता जाएगा.

पिछले सप्ताह वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिए आयोजित आईसीसी की बैठक में मुख्तलिफ क्रिकेट बोर्ड के मुख्य कार्यकारी अधिकाारियों ने लार के इस्तेमाल पर अलग-अलग सुझाव दिए. इनमें कृत्रिम पदार्थों के इस्तेमाल पर भी चर्चा की गई. लेकिन देश-विदेश के पूर्व और वर्तमान क्रिकेटरों ने इन कृत्रिम पदार्थों के उपयोग पर सवाल खड़े किए हैं. 

उनके अनुसार इन पदार्थों के इस्तेमाल से गेंद से छेड़छाड़ वाला मुद्दा भी प्रभावित हो सकता है. इसके अलावा कृत्रिम पदार्थों में नाखून जैसी चीजें भी आएंगी जो कानून प्रतिबंधित हैं. इन चीजों के प्रयोग पर समय-समय पर क्रिकेटर सजा भी काट चुके हैं. वर्ष 2018 में ऑस्ट्रेलियाई तत्कालीन कप्तान स्टीव स्मिथ और उपकप्तान डेविड वार्नर दक्षिण अफ्रीका यात्रा के दौरान गेंद से छेड़छाड़ के आरोप में एक साल का प्रतिबंध झेल चुके हैं. पिछले कुछ वर्षों से क्रिकेट को बल्लेबाजों का खेल बताया जा रहा है. इसकी वजह बल्लेबाजों के पक्ष में बनाए गए नए-नए कानून भी हैं. 

अब कोरोना वायरस ने गेंदबाजों की परेशानी और बढ़ा दी है. हालांकि, महज एक परेशानी मानकर चुप तो बैठा जा सकता. खेल के मैदान पर वहीं खिलाड़ी सफल होता है तो तमाम चुनौतियों से पार पाने में कामयाब होता है. उम्मीद है कि जिस तरह कोविड-19 को हराने की जंग जारी है ठीक उसी तरह गेंदबाज भी इसका तोड़ निकाल ही लेंगे.

Web Title: Ram Thakur Blog: Cricket Ball, Saliva and Impact Of Coronavirus

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