अयाज मेमन का कॉलम: चर्चा कपिल-अख्तर विवाद की
By अयाज मेमन | Published: April 14, 2020 02:10 PM2020-04-14T14:10:00+5:302020-04-14T14:10:00+5:30
असल में सहायता निधि के लिए मुकाबलों का आयोजन खेल जगत में और खासकर क्रिकेट में नई बात नहीं है। कुछ दिन पहले ही बुशफायर संकट से घिरे पीड़ितों की मदद के लिए क्रिकेट मैच का आयोजन किया गया था
लॉकडाउन की वजह से क्रिकेट की वैश्विक गतिविधियां थम चुकी हैं और इस दरमियान चर्चा का विषय है पाकिस्तान के पूर्व तेज गेंदबाज शोएब अख्तर एवं पूर्व भारतीय कप्तान कपिल देव के बीच का विवाद। क्रिकेट की दुनिया के सबसे तेज गेंदबाजों में से एक अख्तर एवं भारत के हरफनमौला खिलाड़ी कपिल देव ने अपनी-अपनी राय रखी है, मगर दोनों में काफी फर्क है।
अख्तर ने अपने यूट्यूब चैनल के माध्यम से कहा था कि कोविड-19 के खिलाफ लड़ाई में भारत और पाकिस्तान के बीच तीन एकदिवसीय मुकाबलों की श्रृंखला का आयोजन किया जाए, जिससे दोनों मुल्कों की आर्थिक मदद होगी और दोस्ताना माहौल में श्रृंखला का लुत्फ उठाया जा सकेगा। अख्तर की इस राय का जवाब कपिल ने अपने स्टाइल में दिया।
अख्तर को उन्होंने जमकर खरी-खोटी सुनाई। कपिल ने कहा, 'भारत आर्थिक समस्या का सामना नहीं कर रहा है। बीसीसीआई पहले ही पीएम केयर्स निधि में 51 करोड़ रुपये मदद कर चुका है और जरूरत पड़ने पर इसमें और इजाफा किया जाएगा।'
कपिल ने कहा कि मौजूदा दौर में क्रिकेट अत्यावश्यक नहीं है। उन्होंने कहा, 'आगामी पांच-छह महीनों में क्रिकेट खेलने के बारे में तो सोचा भी नहीं जा सकता। तीन मुकाबलों की श्रृंखला से कितनी आय होगी? और अव्वल यह कि इन हालातों में खिलाड़ियों और अन्य लोगों की जान से खिलवाड़ होगा।'
अख्तर भी कहां खामोश बैठने वाले थे, 'उन्होंने कपिल को जवाब देते हुए कहा, शायद कपिल के पास काफी पैसा है लेकिन हर किसी के पास नहीं है। भारत-पाक श्रृंखला दुनिया का ध्यान आकृष्ट करेगी और इसके माध्यम से जो धन अर्जित होगा, उससे दोनों देशों के लिए कोविड-19 के खिलाफ युद्ध आसान होगा।'
असल में सहायता निधि के लिए मुकाबलों का आयोजन खेल जगत में और खासकर क्रिकेट में नई बात नहीं है। कुछ दिन पहले ही बुशफायर संकट से घिरे पीड़ितों की मदद के लिए क्रिकेट मैच का आयोजन किया गया था, जिसमें भारत की और से सचिन तेंदुलकर, युवराज सिंह और पाकिस्तान की ओर से वसीम अकरम तथा अन्य देशों के पूर्व क्रिकेटरों ने हिस्सा लिया था। लेकिन वर्तमान में भारत-पाक मुकाबला और वह भी सहायतार्थ कराना काफी बड़ी चुनौती है। सियासी और जज्बाती तौर पर इन मुकाबलों का स्थान अलग है।
दूसरी ओर शाहिद अफरीदी की सहायता निधि में योगदान करने की अपील कुछ दिनों पहले हरभजन सिंह और युवराज सिंह ने की थी, जिसके लिए इन दोनों भारतीय क्रिकेटरों को सोशल मीडिया पर काफी ट्रोल किया गया था। आईसीसी स्पर्धाओं का अपवाद यदि छोड़ दें तो 2013 से भारत और पाकिस्तान के बीच क्रिकेट मुकाबले नहीं हो रहे हैं। सियासी रिश्तों में जब तक सुधार नहीं होगा दोनों देशों के दरमियान क्रिकेट के मुकाबले लगभग असंभव हैं।