ब्लॉग: नहीं थम रहा हवाई किराया बढ़ने का सिलसिला
By अश्विनी महाजन | Published: June 22, 2023 12:25 PM2023-06-22T12:25:04+5:302023-06-22T12:25:04+5:30
हवाई किरायों में अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी वृद्धि हो रही है. एयरपोर्ट काउंसिल इंटरनेशनल (एशिया पैसिफिक) की रिपोर्ट के अनुसार अंतरराष्ट्रीय हवाई किरायों में 50 प्रतिशत तक वृद्धि दर्ज हुई है.
पिछले कुछ समय से देश के अंतर्देशीय वायु परिवहन में हवाई किराए लगातार बढ़ते जा रहे हैं. दिल्ली-मुंबई का अधिकतम हवाई किराया 20000 रुपए तक पहुंच गया, जो पूर्व में मात्र 7000 रुपए ही होता था. शेष मार्गों पर भी किराए में वृद्धि के संकेत मिल रहे हैं, जिससे यात्रियों को खासी कठिनाई का सामना करना पड़ रहा है. केंद्र सरकार के हस्तक्षेप के बाद किरायों में कुछ कमी देखने को तो मिल रही है लेकिन अभी भी ये काफी अधिक हैं.
कोविड के बाद यात्रियों की आवाजाही में काफी वृद्धि हुई है. पिछले दिनों मात्र एक ही दिन में 30 अप्रैल 2023 को 4.56 लाख यात्रियों ने देश में अंतर्देशीय हवाई यात्रा कर अभी तक का एक रिकॉर्ड भी बनाया. हवाई यात्राओं की मासिक यात्री संख्या 1.2 करोड़ से 1.3 करोड़ बनी हुई है.
पिछले दो दशकों में हवाई किरायों में खासी कमी के चलते कई यात्री जो परंपरागत तरीके से रेल में सफर करते थे, अब सस्ते किरायों के बलबूते हवाई यात्रा करने लगे हैं. गौरतलब है कि दिल्ली-मुंबई का एसी प्रथम दर्जे का राजधानी गाड़ी में रेल किराया 4730 रुपए है, जबकि समय पर बुकिंग करने पर हवाई किराया सामान्यतः उससे कम ही बैठता था, ऐसे में काफी लोग रेल की बजाय हवाई यात्रा को प्राथमिकता देने लगे थे. लेकिन हवाई किराया बढ़ने से लोग अब पुनः अन्य साधनों की ओर मुड़ सकते हैं जिससे हवाई यात्रा की मांग कम हो सकती है और इस उद्योग का विकास बाधित हो सकता है.
हवाई किरायों में अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी वृद्धि हो रही है. एयरपोर्ट काउंसिल इंटरनेशनल (एशिया पैसिफिक) की रिपोर्ट के अनुसार अंतरराष्ट्रीय हवाई किरायों में 50 प्रतिशत तक वृद्धि दर्ज हुई है. रिपोर्ट का यह भी कहना है कि भारत में हवाई किराये में सर्वाधिक वृद्धि 41 प्रतिशत थी, जबकि यूएई में यह वृद्धि 34 प्रतिशत, सिंगापुर में 30 और ऑस्ट्रेलिया में यह 23 प्रतिशत ही रही.
हालांकि यह कहा जा रहा है कि विमानन किरायों में वृद्धि के दो प्रमुख कारण हैं-पहला, ईंधन की कीमत में वृद्धि और दूसरा, समान्य महंगाई की दर में वृद्धि. वर्ष 2019 से अब तक विमानन ईंधन की कीमतों में 76 प्रतिशत वृद्धि हो चुकी है, जबकि विमानन कंपनियों की अन्य लागतें 10 प्रतिशत महंगाई की दर से बढ़ रही है. लेकिन साथ ही एयरपोर्ट काउंसिल इंटरनेशनल का मानना है कि किरायों को ऊंचा रखने के लिए विमानन कंपनियां आपूर्ति (सीट उपलब्धता) को सीमित रख कीमतों को ऊंचा रखने का प्रयास कर रही हैं. रिपोर्ट का यह भी मानना है कि कंपनियों का यह कृत्य विमानन उद्योग में ग्रोथ को प्रभावित कर सकता है.