प्रकाश बियाणी का ब्लॉग: शेयर मार्केट में तेजी, अर्थव्यवस्था में सुस्ती!

By Prakash Biyani | Published: November 29, 2019 03:10 PM2019-11-29T15:10:38+5:302019-11-29T15:10:38+5:30

वित्त मंत्नी निर्मला सीतारमण ने हाल ही में राज्यसभा में कहा है कि अर्थव्यवस्था में सुस्ती है, मंदी नहीं. शेयर मार्केट में आई तेजी उनके इस कथन की पुष्टि करती है

Prakash biyani Blog: Boom in Share Market, slowdown in Economy | प्रकाश बियाणी का ब्लॉग: शेयर मार्केट में तेजी, अर्थव्यवस्था में सुस्ती!

प्रकाश बियाणी का ब्लॉग: शेयर मार्केट में तेजी, अर्थव्यवस्था में सुस्ती!

28 नवंबर को बीएसई सूचकांक 109 अंक बढ़कर 41,130 पर बंद हुआ. निफ्टी की क्लोजिंग 50 अंक बढ़कर 12,151 पर हुई. अब यह तेजड़ियों का खेल है या वास्तव में देश की इकोनॉमी ने करवट ले ली है? रिटेल निवेशक असमंजस में हैं कि शेयर मार्केट में खरीद करें या प्राफिट बुकिंग करें? 

वित्त मंत्नी निर्मला सीतारमण ने हाल ही में राज्यसभा में कहा है कि अर्थव्यवस्था में सुस्ती है, मंदी नहीं. शेयर मार्केट में आई तेजी उनके इस कथन की पुष्टि करती है पर इसके साथ ही राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय रेटिंग एजेंसियों का आकलन है कि चालू वित्त वर्ष में जीडीपी की ग्रोथ रेट 4.2 से 4.7 फीसदी ही रहेगी. यह शोध का मुद्दा है कि सेंसेक्स ने पिछले दो माह में 13 फीसदी की तेजी दर्ज की है पर जीडीपी की ग्रोथ रेट घट रही है. इस पहेली को सुलझाने के पहले जानें कि शेयर सूचकांक क्यों कुलांचे भर रहा है.

जुलाई 2019 में निर्मला सीतारमण ने सालाना बजट पेश करते हुए शेयर मार्केट को अप्रिय लगनेवाले कई घोषणाएं की थीं और लिस्टेड कंपनियों में खुदरा निवेश की हिस्सेदारी बढ़ाकर 35 फीसदी कर दी थी. इसका मतलब था प्रमोटर बड़ी संख्या में शेयर बेचें और शेयरों की कीमत गिरे. यह आशंका भी जन्मी थी कि मल्टीनेशनल कंपनियां और कुछ आईटी कंपनियां खुद को डीलिस्ट कर लेंगी. वित्त मंत्नी ने बैंक खाते से एक साल में एक करोड़ रुपए से अधिक की निकासी पर दो प्रतिशत की दर से टीडीएस लगा दिया था. पेट्रोल-डीजल पर 1 रु पए सेस बढ़ा दिया था. 

परिणामत: 5 जुलाई 2019 को बजट प्रस्तुति के बाद सूचकांक 792 अंक टपक गया. जुलाई-अगस्त में विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों ने भारी बिकवाली की. कोर सेक्टर- स्टील सीमेंट, इलेक्ट्रिसिटी, कंस्ट्रक्शन, नेचरल गैस, क्रूड ऑइल प्रोडक्शन घटने लगा. ऑटोमोबाइल सेक्टर की बिक्री घटी. अर्थव्यवस्था सुस्ती और मंदी की गिरफ्त में फंसी तो निर्मला सीतारमण ने बजट में हुई भूलों को सुधारा. उन्होंने घरेलू कंपनियों और नई मैन्युफैक्चरिंग कंपनियों पर कॉर्पोरेट टैक्स घटाया. शेयरों की बिक्री से कैपिटल गेन पर सरचार्ज बढ़ोत्तरी वापस ले ली. जिन कंपनियों ने 5 जुलाई से पहले शेयर बायबैक की घोषणा की थी उन पर  कर वापस ले लिया. मेट यानी मिनिमम अल्टरनेटिव टैक्स खत्म कर दिया. 

इतने जतन से भी शेयर मार्केट में उत्साह नहीं लौटा तो वित्त मंत्नी ने विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों पर लगाया सरचार्ज वापस लिया. ऑटो सेक्टर को रिलीफ दी. रियल एस्टेट सेक्टर को  25 हजार करोड़ रु पए का पैकेज दिया. एनबीएफसी को 20 हजार करोड़ रु पए दिए. कॉन्ट्रैक्ट मैन्युफैक्चरिंग व कोयला खनन में 100 फीसदी एफडीआई की अनुमति दी. 10 बैंकों को मिलाकर 4 बैंक बनाने की घोषणा की. बैंकों से कहा कि ऋण मेला आयोजित करें. 

बैंकों ने मार्केट में लिक्विडिटी बढ़ाने के लिए अक्तूबर 2019 में 2.52 अरब रुपए कर्ज दिया. इन सबका सुफल है कि विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों ने नवंबर 2019 में शेयर मार्केट में 19 हजार करोड़ रु पए से ज्यादा निवेश किया. शेयर मार्केट दौड़ पड़ा, पर अर्थव्यवस्था की सुस्ती दूर नहीं हुई है. देश के मैक्रो इकोनॉमिक डेटा आज भी अर्थव्यवस्था में गिरावट दर्शा रहे हैं. मैन्युफैक्चरिंग दो साल के न्यूनतम स्तर पर है. 

शेयर बाजार जो बीत गया उस पर नहीं, भविष्य पर भरोसा करता है. तद्नुसार शेयर मार्केटियर मानते हैं कि मार्केट में तेजी अच्छे दिन आने का संकेत है. अब ऐसा होगा या नहीं यह तो समय बताएगा, पर अर्थव्यवस्था से सुस्ती भगाने के सारे जतन अभी तो वैसे ही हैं जैसे टायर पंचर हो जाए तो पंचर बनवाने के बजाए हर 5-10 किमी पर हवा भरकर यात्ना करना. 

Web Title: Prakash biyani Blog: Boom in Share Market, slowdown in Economy

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