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गौतम ब्लॉग: नई धारावी में करोड़पति मिलेंगे, 'स्लमडॉग' नहीं

By लोकमत समाचार ब्यूरो | Updated: July 22, 2023 11:29 IST

जब धारावी को पुनर्जीवित करने का मौका मिला, तो मैंने स्वाभाविक रूप से इसे दोनों हाथों से थाम लिया.

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पूर्व हैवीवेट विश्व बॉक्सिंग चैंपियन माइक टायसन एक समय अपने जीवनकाल में भारत के दो स्थानों पर जाने के लिए विशेष तौर पर इच्छुक थे. एक ताजमहल और दूसरा धारावी.

धारावी से मेरा परिचय पहली बार 1970 के दशक के अंत में हुआ था. मैं मुंबई में नया था. हीरे के व्यापार में अपनी किस्मत आजमाने की चाहत से मैं इस शहर की ओर आकर्षित हुआ.

उस समय, मैंने धारावी को पहली बार देखा और इसके औद्योगिक कोलाहल से मंत्रमुग्ध हो गया, जो कई धर्मों, संस्कृतियों, भाषाओं को एक साथ लाता था और उन लोगों का स्वागत करता था जो जीविका की तलाश में आए थे.

भारत में बोली जाने वाली हर भाषा की गूंज धारावी की गलियों में समान तीव्रता से गूंजती थी, लेकिन इस शोर में भी अपनी एक लय थी. निश्चित तौर पर धारावी ने मुझे बेचैन कर दिया था. वहां के लोगों के रोजमर्रा के संघर्ष को देखकर मुझे लगा कि क्या यहां के लोगों की स्थिति कभी बदलेगी?

आज भी इस सवाल ने मेरा पीछा नहीं छोड़ा है. जैसे ही विमान मुंबई हवाई अड्डे पर उतरता है, धारावी मनुष्यों से बनी एक गुदड़ी की तरह पसरी हुई दिखाई देती है. विभिन्न पृष्ठभूमियों के प्रवासियों को आसानी से समायोजित करने की मुंबई की क्षमता वास्तव में नायाब है, और धारावी उस क्षमता का प्रतीक है.

इस पृष्ठभूमि में, जब धारावी को पुनर्जीवित करने का मौका मिला, तो मैंने स्वाभाविक रूप से इसे दोनों हाथों से थाम लिया. इस पुनर्वास परियोजना के लिए हमने जो बोली लगाई वह अन्य बोलियों से लगभग ढाई गुना अधिक थी. शायद इसका संबंध उस अमिट छाप से जुड़ा है जो मुंबई की पहली यात्रा ने मुझ पर छोड़ी थी.

हम इतने बड़े पैमाने की धारावी पुनर्वास परियोजना शुरू कर रहे हैं जो इतिहास में पहले कभी किसी ने नहीं की होगी. मैं इस यात्रा को चुनौतियों के पहाड़ की तरह मानता हूं. धारावी पुनर्वास परियोजना तीन कारणों से अद्वितीय है: यह दुनिया की सबसे बड़ी शहरी पुनर्वास और पुनरुद्धार परियोजना है.

इस परियोजना के तहत लगभग 10 लाख लोगों का पुनर्वास किया जाएगा. इसमें निवासियों के अलावा विभिन्न क्षेत्रों में विभिन्न आकार के औद्योगिक और वाणिज्यिक प्रतिष्ठानों का पुनर्वास भी शामिल है. इस परियोजना में सभी पात्र एवं अपात्र रहवासियों का समग्र और व्यापक पुनर्वास किया जाएगा.

आज मेरे पास धारावीकरों के जीवन को बदलने की सद्भावना और इस परियोजना को सफल बनाने का दृढ़ संकल्प है. धारावी के पुनर्निर्माण में मानवीय दृष्टिकोण को सर्वोपरि रखा जाएगा. पुनर्विकास नीति में अधिक से अधिक जनमत को शामिल किया जाएगा.

हम इस परियोजना में रुचि रखने वाले प्रत्येक मुंबईकर से परामर्श करने के लिए तैयार हैं, न केवल धारावी निवासियों से, बल्कि इस प्रकार के काम में विशेषज्ञता रखने वालों के साथ भी. सभी मुंबईवासियों को धारावी के पुनर्निर्माण में भाग लेना चाहिए.

धारावी के पुनर्निर्माण में मुंबई का अपना चेहरा, उसकी जीवटता, उसका साहस, उसका संकल्प सब कुछ सामने आना चाहिए. और ये सब करते समय इस बात का भी ध्यान रखना होगा कि ‘धारावी की आत्मा’ खत्म न हो जाए.

परियोजना के निर्माण के दौरान धारावीकरों को कहीं भी विस्थापित नहीं किया जाएगा. उन्हें अपना निवास छोड़ने के बाद बस नए घर में ही जाना होगा. वे सभी इस बात को तय करने में शामिल होंगे कि उनका नया घर कैसा होना चाहिए.

ये घर गैस, पानी, बिजली, स्वच्छता और सीवेज निपटान, स्वास्थ्य सुविधाओं, मनोरंजन सुविधाओं और खुली जगहों से सुसज्जित होंगे. धारावीकरों को विश्वस्तरीय शैक्षणिक और चिकित्सा सुविधाएं भी प्रदान की जाएंगी. यह नई तस्वीर कुछ इस तरह की होगी कि आपको यह कहते हुए गर्व महसूस होगा, ‘हम धारावी के निवासी हैं’.

सबसे बड़ी चुनौती यहां रोजगार सृजन केंद्रों का पुनर्निर्माण होगा. मैं धारावी को एक आधुनिक औद्योगिक केंद्र के रूप में पुनर्जीवित करने के लिए प्रतिबद्ध हूं.

सूक्ष्म और लघु उद्योगों का पुनर्वास करके धारावी नए युग का रोजगार केंद्र बनेगा. इसके लिए विभिन्न क्षेत्रों के विशेषज्ञों और शहरी समूहों की मदद ली जाएगी. कौशल विकास के लिए प्रशिक्षण केंद्र स्थापित किए जाएंगे. साझा सुविधा केंद्रों में सेवा और विनिर्माण दोनों क्षेत्र शामिल होंगे. इनमें रिसर्च सेंटर, डेटा सेंटर (विद्या केंद्र), सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम सुविधा केंद्र भी शामिल होंगे. ओपन नेटवर्क डिजिटल कॉमर्स पर आधारित एक संगठित और नियोजित बाजार विकसित किया जाएगा.

धारावी के पुनर्विकास के लिए लगभग पचास सालों से प्रयास चल रहे हैं. निविदा प्रक्रिया में कुछ महत्वपूर्ण बदलावों (अपात्र भूमि मालिकों का पुनर्वास, 45 एकड़ रेलवे भूमि को शामिल करना) के कारण धारावी का विकास बिना किसी देरी के शुरू हो सकता है.

महाराष्ट्र में सभी सरकारों के प्रयास, राज्य के सभी राजनीतिक दलों का समर्थन और केंद्र सरकार का बहुमूल्य समर्थन भी महत्वपूर्ण कारक हैं. मुझे अनुमान है कि इस परियोजना को पूरा करने के लिए मेरे सामने कितनी बड़ी-बड़ी चुनौतियां पेश आएंगी. मैं और मेरे सहकर्मी इसके लिए अथक परिश्रम करेंगे.

सच है, अगर इस प्रोजेक्ट के पूरा होने के बाद माइक टायसन दोबारा धारावी जाएंगे, तो वह इसे पहचान नहीं पाएंगे... लेकिन उन्हें यह भी एहसास होगा कि इस प्रक्रिया में धारावी की आत्मा खोई नहीं है. डैनी बॉयल जैसे लोगों को धारावी में नए करोड़पति मिल सकते हैं, लेकिन निश्चित रूप से उनके साथ ‘स्लमडॉग’ का खिताब नहीं लगा होगा।

टॅग्स :गौतम अडानीभारतबिजनेसधारावी
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