जयंतीलाल भंडारी का ब्लॉग: क्रेडिट रेटिंग घटने से नई चुनौती

By लोकमत समाचार ब्यूरो | Updated: November 13, 2019 15:19 IST2019-11-13T15:19:29+5:302019-11-13T15:19:29+5:30

हाल ही में प्रकाशित बंबई स्टॉक एक्सचेंज (बीएसई) के आंकड़ों से पता चलता है कि अक्तूबर 2019 के अंत तक देश में शेयर बाजार से जुड़े निवेशकों की संख्या 4.14 करोड़ हो गई है.

New challenge due to decreasing credit rating in India | जयंतीलाल भंडारी का ब्लॉग: क्रेडिट रेटिंग घटने से नई चुनौती

प्रतीकात्मक तस्वीर

हाल ही में 8 नवंबर को वैश्विक रेटिंग एजेंसी मूडीज इन्वेस्टर सर्विस ने भारत की क्रेडिट रेटिंग स्थिर से घटाकर ऋणात्मक कर दी. रेटिंग घटाने के पीछे मूडीज ने अर्थव्यवस्था में सुस्ती जारी रहने, ग्रामीण परिवारों पर वित्तीय दबाव, रोजगार सृजन कम होने और गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों में नकदी संकट का हवाला दिया है. हालांकि मूडीज ने भारत की दीर्घावधि की सॉवरिन रेटिंग बीएए2 को बरकरार रखा है, जो नीचे से दूसरा निवेश ग्रेड स्कोर है. रेटिंग एजेंसी ने अपनी रिपोर्ट में कहा है, परिदृश्य को ऋणात्मक करने के मूडीज के निर्णय से पता चलता है कि आर्थिक विकास के निचले स्तर पर बने रहने का जोखिम बढ़ रहा है.

धीरे-धीरे कर्ज का बोझ बढ़ रहा है, जो पहले से ही उच्च स्तर पर है. इससे कारोबारी निवेश और उच्च वृद्धि को मदद देने के लिए आगे के सुधारों की संभावना भी कम हुई है. निश्चित रूप से मूडीज के द्वारा भारत की क्रे डिट रेटिंग घटाए जाने से भारत में आने वाले प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) और संस्थागत विदेशी निवेश (एफआईआई) पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ने की आशंका बढ़ गई है.

हाल ही में प्रकाशित बंबई स्टॉक एक्सचेंज (बीएसई) के आंकड़ों से पता चलता है कि अक्तूबर 2019 के अंत तक देश में शेयर बाजार से जुड़े निवेशकों की संख्या 4.14 करोड़ हो गई है. पिछले एक साल के दौरान शेयर बाजार से 49 लाख नए निवेशक जुड़े. लेकिन तेजी से विकसित हो रहे भारत के लिए शेयर बाजार के विकास की गति धीमी है. जहां भारत के केवल 3.3 प्रतिशत लोग ही शेयर बाजार से संबद्ध हैं, वहीं ऑस्ट्रेलिया के 40 प्रतिशत, न्यूजीलैंड के 31 प्रतिशत, इंग्लैंड के 30 प्रतिशत, जापान के 29 तथा अमेरिका के 26 प्रतिशत लोग  शेयर बाजार से संबद्ध हैं.

यह जरूरी है कि 8 नवंबर को  मूडीज ने जिस तरह देश की क्रे डिट रेटिंग आउटलुक को निगेटिव किया है, उसके मद्देनजर भारतीय शेयर बाजार में निवेशकों के लिए नए कर प्रोत्साहन जल्द घोषित किए जाएं. वहीं शेयर बाजार की कंपनियों के लिए सेबी की सतर्क निगाहें भी जरूरी हैं और सेबी को भविष्य के लिए ऐसे कदम सुनिश्चित करने चाहिए जिससे शेयर बाजार अनुचित व्यापार व्यवहार से बच सके. हम आशा करें कि सरकार शीघ्र ही शेयर बाजार से संबद्ध निवेशकों को प्रोत्साहन देगी व निवेशक शेयर बाजार के माध्यम से देश की अर्थव्यवस्था के प्रभावी घटक बनते हुए दिखाई देंगे.  

Web Title: New challenge due to decreasing credit rating in India

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