इजराइल-ईरान युद्धः एआई के इस्तेमाल से आर्थिक-सैन्य मजबूती में मिलेगी मदद

By डॉ जयंती लाल भण्डारी | Updated: June 30, 2025 05:21 IST2025-06-30T05:21:37+5:302025-06-30T05:21:37+5:30

Israel-Iran war: युद्ध में जिस वैश्विक आर्थिक महाशक्ति अमेरिका का इजराइल को अपार समर्थन रहा है, वह अमेरिका भी ग्लोबल एआई रैकिंग में दुनिया में सबसे आगे है.

Israel-Iran war Use AI help economic and military strength blog Jayantilal Bhandari | इजराइल-ईरान युद्धः एआई के इस्तेमाल से आर्थिक-सैन्य मजबूती में मिलेगी मदद

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Highlightsशक्ति और हथियारों की ताकत के साथ-साथ एआई के इस्तेमाल से भी निर्धारित होती है.भारत ने एआई की कुशलता से पाकिस्तान के आतंकी ठिकानों को बर्बाद करके अभूतपूर्व प्रदर्शन किया है,तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने के लिए एआई की नई शक्ति के साथ सुसज्जित होकर आगे बढ़ना होगा.

Israel-Iran war: हाल ही में इजराइल-ईरान युद्ध में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) की अहम भूमिका उभरकर दिखाई दी है. जहां इजराइल ने ईरान के खिलाफ एआई की मदद से सटीक हमले किए और इजराइल के मोसाद ने ईरान पर हमले की योजना बनाने में एआई का अभूतपूर्व इस्तेमाल किया, वहीं ईरान ने भी एआई के उपयोग से ड्रोन टेक्नोलॉजी का सफल प्रयोग किया. इस युद्ध में जिस वैश्विक आर्थिक महाशक्ति अमेरिका का इजराइल को अपार समर्थन रहा है, वह अमेरिका भी ग्लोबल एआई रैकिंग में दुनिया में सबसे आगे है.

ऐसे में इस युद्ध से यह रेखांकित हो रहा है कि अब युद्ध में जीत आर्थिक शक्ति और हथियारों की ताकत के साथ-साथ एआई के इस्तेमाल से भी निर्धारित होती है. यद्यपि हाल ही में ऑपरेशन सिंदूर के तहत भारत ने एआई की कुशलता से पाकिस्तान के आतंकी ठिकानों को बर्बाद करके अभूतपूर्व प्रदर्शन किया है,

लेकिन अब भारत को पाकिस्तान और चीन की सैन्य चुनौतियों से सभी प्रकार से मुकाबले के लिए और अधिक तैयार रहने तथा वर्ष 2028 तक दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने के लिए एआई की नई शक्ति के साथ सुसज्जित होकर आगे बढ़ना होगा. इसमें कोई दो मत नहीं हैं कि भारत एआई कुशलता की डगर पर लगातार आगे बढ़ रहा है.

हाल ही में 11 जून को बोस्टन कंसल्टिंग ग्रुप (बीसीजी) की रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत का आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) बाजार 2027 तक तीन गुना से ज्यादा बढ़कर 17 अरब डाॅलर तक पहुंचने का अनुमान है. भारत में एआई में बढ़ता निवेश, स्टार्टअप्स की लहर, डिजिटल तंत्र और दमदार प्रतिभा आधार एआई बाजार की रफ्तार को बढ़ावा दे रहे हैं.

ऐसे में भारत का एआई बाजार दुनिया में सबसे तेजी से बढ़ते एआई बाजारों में रेखांकित हो रहा है. यह बात महत्वपूर्ण है कि दुनिया का 16 फीसदी एआई टैलेंट भारत के पास है और भारत अमेरिका के बाद दूसरे स्थान पर है. रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत में अभी 6 लाख से अधिक एआई प्रोफेशनल्स हैं. इनकी संख्या वर्ष 2027 तक तेजी से बढ़कर 12.5 लाख पर पहुंच जाने की उम्मीद है.

रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि विभिन्न क्षेत्रों के उद्योग-कारोबार स्थानीय चुनौतियों को हल करने, नवाचार को बढ़ाने और प्रतिस्पर्धा लाभ बढ़ाने के लिए एआई को तेजी से अपना रहे हैं. इसमें कोई दो मत नहीं है कि अब तक भारत में उत्पादकता उतनी तेजी से नहीं बढ़ी है जितनी तेजी से विकास की महत्वाकांक्षा है.

इस प्रवृत्ति को बदलने के लिए उन क्षेत्रों की पहचान करने का प्रयास किया गया है जहां सरकार और निजी क्षेत्र दोनों द्वारा धन के उपयुक्त निवेश से एआई का उपयोग किया जा सके. यद्यपि देश में भारतजेन, देविका, सूत्र, ऐरावत, सर्वम-1, चित्रलेखा, एवरेस्ट-1 जैसे कई एआई मॉडल्स के लिए पेशेवर काम कर रहे हैं,

पर अब भारत के द्वारा शीघ्रतापूर्वक खुद का जनरेटिव एआई मॉडल विकसित करना जरूरी है. हमें देश की नई पीढ़ी को एआई हाई-स्किल्स डेवलपमेंट की विशेषज्ञता के लिए और अधिक तेजी से प्रवृत्त करना होगा. उच्च शिक्षा खासकर इंजीनियरिंग शिक्षा में बड़े बदलाव पर ध्यान देना होगा.

Web Title: Israel-Iran war Use AI help economic and military strength blog Jayantilal Bhandari

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