ग्रामीणों की आमदनी में इजाफा होना सुखद संकेत

By लोकमत समाचार सम्पादकीय | Updated: October 11, 2024 11:38 IST2024-10-11T05:19:53+5:302024-10-11T11:38:52+5:30

रिपोर्ट के मुताबिक बीते पांच साल के दौरान गांवों में रहने वालों की आमदनी में बड़ा इजाफा हुआ है। ये आमदनी लगातार बढ़ ही रही है। ग्रामवासियों की औसत मासिक आमदनी साल 2016-17 में 8,059 रुपए थी, जो साल 2021-22 में बढ़ कर 12,698 रुपए हो गई है। 

Increasing income of villagers is a good sign says | ग्रामीणों की आमदनी में इजाफा होना सुखद संकेत

ग्रामीणों की आमदनी में इजाफा होना सुखद संकेत

ग्रामीणों की आमदनी में बढ़ोत्तरी हो रही है। ग्रामीण इलाकों में विकास और खेती-बाड़ी को बढ़ावा देने के लिए वित्त मंत्रालय के अंतर्गत आने वाले नाबार्ड की एक सर्वे रिपोर्ट में इसका खुलासा हुआ है। रिपोर्ट के मुताबिक बीते पांच साल के दौरान गांवों में रहने वालों की आमदनी में बड़ा इजाफा हुआ है। ये आमदनी लगातार बढ़ ही रही है। ग्रामवासियों की औसत मासिक आमदनी साल 2016-17 में 8,059 रुपए थी, जो साल 2021-22 में बढ़ कर 12,698 रुपए हो गई है। 

मतलब कि पांच साल में आय में 57.6 प्रतिशत की बढ़ोत्तरी। नाबार्ड सर्वेक्षण में यह भी उल्लेख किया गया है कि ग्रामीण परिवारों की बचत में भी वृद्धि हुई है। औसत मासिक व्यय 2016-17 के 6,646 रुपए से बढ़कर 2021-22 में 11,262 रुपए हो गया है। देश की दो तिहाई आबादी ग्रामीण क्षेत्रों में रहती है। ग्रामीण अर्थव्यवस्था राष्ट्रीय आय में 46 प्रतिशत का योगदान करती है।

इस प्रकार, ग्रामीण अर्थव्यवस्था और जनसंख्या की प्रगति और विकास देश की समग्र प्रगति और समावेशी विकास का मुख्य आधार है। भारत का दिल गांवों में बसता है। शहरों में कमाई के अवसर ज्यादा होने के चलते इन इलाकों में लोगों का खर्च भी ज्यादा है, हालांकि, अब खर्च करने के मामले में ग्रामीण इलाके भी पीछे नहीं रह गए हैं। गांवों में रहने वाले परिवार अब ज्यादा खर्च करने लगे हैं।

गांवों और शहरों में रहने वाले परिवारों के खर्च का अंतर तेजी से घटता जा रहा है। करीब साढ़े छह लाख गांवों के समृद्ध ताने-बाने से बुने भारत के सामाजिक-आर्थिक परिवेश में ग्रामीण क्षेत्रों और ग्रामीण जनों की महत्वपूर्ण भूमिका रही है। देश की रीढ़ कहे जाने वाले इन गांवों के विकास के बिना देश के संपूर्ण विकास की कल्पना भी निरर्थक है। 

ग्रामीण विकास दरअसल ग्रामीण गरीबी को कम करने और जीवन स्तर को बेहतर बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। ग्रामीण क्षेत्र राष्ट्रीय अर्थव्यवस्था में महत्वपूर्ण योगदान करते हैं। ऐसा माना जाता है कि देश की प्रगति की प्रक्रिया में ग्रामीण विकास आज पहले की तुलना में कहीं अधिक प्रासंगिक है। जनसंख्या का जो बड़ा हिस्सा ग्रामीण क्षेत्रों में रहता है, उनका विकास और योगदान राष्ट्र निर्माण के प्रयासों के लिए बहुत जरूरी है। 

यदि ग्रामीण भारत पिछड़ा रहेगा तो देश का  विकास भी नहीं हो सकता, इसलिए ग्रामीण विकास न केवल ग्रामीण क्षेत्रों में रहने वाली अधिकांश आबादी के लिए महत्वपूर्ण है, बल्कि राष्ट्र की समग्र आर्थिक वृद्धि के लिए भी आवश्यक है। देश के विकास की प्रक्रिया में ग्रामीण विकास को आज पहले से कहीं अधिक महत्वपूर्ण माना जाता है। इन अर्थों में नाबार्ड की रिपोर्ट आशा जगाती है कि देश के विकास के लिए बन रही योजनाओं का लाभ ग्रामीण इलाकों तक पहुंच रहा है और उनका सकारात्मक परिणाम भी सामने आ रहा है।

Web Title: Increasing income of villagers is a good sign says

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