Gold: भारतीय घरों में समृद्धि और सुरक्षा का जीवंत प्रतीक है सोना

By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Updated: May 3, 2025 06:05 IST2025-05-03T06:05:09+5:302025-05-03T06:05:50+5:30

Gold: भारतीय महिलाएं दुनिया में सबसे स्मार्ट फंड मैनेजर हैं. बैंकों में पैसे डालने वाली और भारी घाटे वाली फंडिंग करने वाली सरकारों, केंद्रीय बैंकों व अर्थशास्त्रियों को भारत से सबक सीखना चाहिए.

Gold living symbol prosperity security in Indian homes blog Prabhu Chawla | Gold: भारतीय घरों में समृद्धि और सुरक्षा का जीवंत प्रतीक है सोना

सांकेतिक फोटो

Highlightsदेश उस धातु का आयात करता है, जिसका मोल हमेशा बना रहता है!’ दस साल पहले मैंने एक कार आठ लाख रुपए में खरीदी थी.मेरी पत्नी ने आठ लाख रुपए का सोना खरीदा था.

प्रभु चावला

वैश्विक वित्त के क्षेत्र में भारतीय स्त्रियों ने सोने को शाश्वत सौंदर्य के साम्राज्य में बदल दिया है, जो बहुत बड़ी उपलब्धि है. कोटक महिंद्रा बैंक के दिग्गज उदय कोटक ने महिलाओं को सबसे स्मार्ट फंड मैनेजर बताया है. उनका यह दावा मंदिरों की घंटियों की तरह पवित्र है. विगत 22 अप्रैल को उन्होंने एक्स पर पोस्ट किया, ‘सोने का यह प्रदर्शन यह बताता है कि भारतीय महिलाएं दुनिया में सबसे स्मार्ट फंड मैनेजर हैं. बैंकों में पैसे डालने वाली और भारी घाटे वाली फंडिंग करने वाली सरकारों, केंद्रीय बैंकों व अर्थशास्त्रियों को भारत से सबक सीखना चाहिए.

यह देश उस धातु का आयात करता है, जिसका मोल हमेशा बना रहता है!’ आरपीजी ग्रुप के चेयरमैन हर्ष गोयनका ने इसे दूसरी तरह से अभिव्यक्त किया, ‘दस साल पहले मैंने एक कार आठ लाख रुपए में खरीदी थी. जबकि मेरी पत्नी ने आठ लाख रुपए का सोना खरीदा था. आज उस कार का मूल्य 1.5 लाख रुपए है. और उस सोने का मूल्य? उसकी कीमत 32 लाख रुपए है.

मैंने पत्नी से कहा, ‘सोना हम बेच देते हैं, चलो, कहीं छुट्टियां मनाकर आते हैं.’ उसने कहा, ‘छुट्टियां हम पांच दिन मनाएंगे. जबकि सोना पांच पीढ़ियों तक टिका रहेगा.’ इसका संदेश क्या है? यही कि पत्नियां ज्यादा स्मार्ट होती हैं. भारत में सोना एक पवित्र कथा, एक ईश्वरीय शक्ति है, जिसे स्त्रियां कवियों द्वारा शुद्धता के बखान तथा गुरुओं के महात्म्य वर्णन के आधार पर धारण करती हैं.

सोने के आलोचक रहे उदय कोटक ने कभी इसे गैर उत्पादक संपत्ति बताया था, और 2019 में देश के चालू खाते के घाटे के लिए सोने के आयात को जिम्मेदार ठहराया था. पर वहां से सोने का उत्थान जैसे मिथकीय फीनिक्स पक्षी की तरह हुआ. अकेले 2025 में इसकी कीमत में हुई 25 प्रतिशत वृद्धि ने इसके आलोचकों को खामोश कर दिया है.

एक विरासती संपत्ति ऐसी वित्तीय ताकत में रूपांतरित हो गई है, जिसके आगे शेयर और बाॅन्ड कमतर नजर आते हैं. यह सिर्फ निवेश का नहीं, कीमियागीरी का भी परिणाम है, और इसे उन स्त्रियों ने अंजाम दिया है, सोने में जिनके अगाध भरोसे ने इसे एक सांस्कृतिक धरोहर से आर्थिक उपलब्धि में बदल दिया है.

सालाना 15 प्रतिशत का रिटर्न देने वाला सोना अब घर में छिपाकर रखने वाली संपत्ति नहीं, बल्कि एक धूमकेतु है, जिसके गतिपथ को महिलाओं की दूरदृष्टि रफ्तार देती है. गांवों में सोना सूखे के विरुद्ध एक किसान की पत्नी का ढाल है. गोल्ड एक्सचेंज से लेकर ट्रेडेड फंड और सॉवेरन बाॅन्ड्स तक महिलाओं ने वित्तीय मोर्चों को मथ दिया है,

उनकी मेधा ने भारत के आर्थिक भूदृश्य को इस चतुराई से आकार दिया है कि इससे अर्थव्यवस्था के दिग्गज तक हतप्रभ हैं. भारतीय नारियों के हाथों में सोना महज एक संपत्ति नहीं रहता, बल्कि बुद्धि, परंपरा और क्रांति में बदल जाता है. बड़ा खजाना दरअसल इस धातु में नहीं, बल्कि महिलाओं की दूरदर्शिता में है.

उनका नजरिया एक ऐसी करेंसी है, जिसकी प्रतिद्वंद्विता दुनिया का कोई बाजार नहीं कर सकता. ये नारियां अब नई सामाजिक उद्यमी हैं, जो जानती हैं कि कैसे बचना और फलना-फूलना है, तथा बाजार की शक्तियों से अलग हटकर कैसे ज्यादा समृद्धि लानी है. 

Web Title: Gold living symbol prosperity security in Indian homes blog Prabhu Chawla

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