G20 Summit 2023: जी20 सम्मेलन से नए दौर की शुरुआत, 37 पृष्ठों के घोषणा पत्र में क्या-क्या

By अवधेश कुमार | Published: September 13, 2023 02:09 PM2023-09-13T14:09:19+5:302023-09-13T14:10:54+5:30

G20 Summit 2023: 37 पृष्ठों के घोषणा पत्र में पृथ्वी, यहां के लोग, शांति व समृद्धि वाले खंड में चार बार यूक्रेन युद्ध की चर्चा है किंतु रूस का नाम कहीं नहीं है.

G20 Summit 2023 new era begins G20 conference what's included in 37-page manifesto blog Avadhesh Kumar | G20 Summit 2023: जी20 सम्मेलन से नए दौर की शुरुआत, 37 पृष्ठों के घोषणा पत्र में क्या-क्या

G20 Summit 2023: जी20 सम्मेलन से नए दौर की शुरुआत, 37 पृष्ठों के घोषणा पत्र में क्या-क्या

Highlightsयूक्रेन युद्ध के बाद पहला सम्मेलन है जिसके घोषणा पत्र से कोई देश नाखुश या असंतुष्ट नहीं है.अमेरिका और पश्चिमी देश संतुष्ट हैं तथा रूस और चीन भी.कूटनीति को भारत ने कैसे साधा होगा इसकी कल्पना आसान नहीं है.

G20 Summit 2023: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जी20 अध्यक्ष के नाते जब ‘स्वस्ति अस्तु विश्व’ यानी संपूर्ण विश्व सुखी हो के साथ शिखर सम्मेलन के समापन की घोषणा की तो ये कोरे शब्द नहीं थे. जी20 का नई दिल्ली शिखर सम्मेलन अनेक दृष्टियों से ऐतिहासिक और सफल माना जाएगा. यूक्रेन युद्ध के बाद पहला सम्मेलन है जिसके घोषणा पत्र से कोई देश नाखुश या असंतुष्ट नहीं है.

अमेरिका और पश्चिमी देश संतुष्ट हैं तथा रूस और चीन भी. इस कूटनीति को भारत ने कैसे साधा होगा इसकी कल्पना आसान नहीं है. 37 पृष्ठों के घोषणा पत्र में पृथ्वी, यहां के लोग, शांति व समृद्धि वाले खंड में चार बार यूक्रेन युद्ध की चर्चा है किंतु रूस का नाम कहीं नहीं है.

सम्मेलन के पहले दिन दूसरे सत्र में जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दिल्ली घोषणा पत्र स्वीकार करने की घंटी बजाई तभी साफ हो गया कि भारत की कूटनीति सफल रही है.  सम्मेलन आरंभ होने के एक दिन पहले तक यूक्रेन से लेकर जलवायु परिवर्तन, खाद्य सुरक्षा, विकासशील और कमजोर देश को वित्तीय सहायता व सस्ते कर्ज उपलब्ध कराने, साइबर सुरक्षा जैसे मुद्दों पर सहमति नहीं बन रही थी.

घोषणा पत्र में यूक्रेन युद्ध से जुड़ा पैराग्राफ खाली छोड़ना पड़ा था. भारतीय प्रयासों ने रंग लाया और घोषणा पत्र में यूक्रेन युद्ध, जलवायु परिवर्तन, लैंगिक असमानता, आर्थिक चुनौतियां, हरित विकास, आतंकवाद, क्रिप्टो करेंसी, महिलाओं के उत्थान समेत वो सारे मुद्दे शामिल किए गए जिन्हें भारत ने तैयार किया था.

इस एक पहलू से साफ हो जाता है कि अपनी अध्यक्षता में भारत ने किस तरह अंतरराष्ट्रीय व्यवस्था, देशों के संबंध, राजनय, व्यक्ति के जीवन आदि से संबंधित भारतीय विचारों को लेकर पिछले एक वर्ष तक काम किया होगा. भारत के लगभग 60 शहरों में 220 से ज्यादा बैठकें जी20 की हुई हैं.

इनमें कुल 112 परिणाम दस्तावेज व अध्यक्षीय दस्तावेज तैयार हुए. पिछले इंडोनेशिया की राजधानी बाली के सम्मेलन में कुल 50 परिणाम व अध्यक्षीय दस्तावेज स्वीकृत हुए थे. इनमें 73 परिणाम दस्तावेज यानी आउटकम डॉक्युमेंट हैं जो देश के विभिन्न शहरों में सदस्य देशों के मंत्रियों और अधिकारियों की ओर से बैठकों में बनी सहमति पर तैयार हुए हैं.

ऐसा कोई विषय नहीं जिन पर बैठक नहीं हुई. जब भारत ने इसका नारा ही एक पृथ्वी, एक परिवार और एक भविष्य दिया तथा इसके साथ वसुधैव कुटुंबकम जोड़ दिया तो फिर इसके परे कुछ हो ही नहीं सकता था. निश्चय ही इसके सदस्य देशों के साथ अन्य देशों को भी इन शब्दों के भारतीय अर्थ समझाए गए होंगे.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सामने इंडिया की जगह भारत लिखा हुआ था. भारत नाम को वैश्विक स्वीकृति की ठोस नींव पड़ चुकी है. भारत शब्द के साथ विश्व यह मानने को विवश होगा कि हम लाखों वर्ष पूर्व के प्राचीनतम राष्ट्र हैं. इस नाते भी जी20 सम्मेलन को इतिहास के अध्याय में याद किया जाएगा.

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