भारत-ब्रिटेन एफटीएः मुक्त व्यापार समझौतों से बढ़ेंगे अवसर, भारत की विकास दर 6.6 फीसदी

By डॉ जयंती लाल भण्डारी | Updated: October 17, 2025 05:23 IST2025-10-17T05:23:49+5:302025-10-17T05:23:49+5:30

Egypt summit: अमेरिका के साथ प्रस्तावित व्यापार समझौते को अंतिम रूप देने के लिए भारत के अधिकारियों का एक उच्चस्तरीय दल वाणिज्य सचिव की अगुआई में अमेरिका जाएगा.

Egypt summit Free trade agreements increase opportunities India-UK FTA India's growth rate 6-6 percent blog Jayantilal Bhandari | भारत-ब्रिटेन एफटीएः मुक्त व्यापार समझौतों से बढ़ेंगे अवसर, भारत की विकास दर 6.6 फीसदी

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Highlights100 फीसदी टैरिफ से भारत से अमेरिका को निर्यात  की नई संभावनाएं भी उभरकर दिखाई दे रही हैं.भारत की विकास दर में 20 आधार अंकों की वृद्धि करते हुए इसे बढ़ाकर 6.6 फीसदी कर दिया गया है.मुक्त व्यापार समझौतों (एफटीए) से निर्यात और निवेश बढ़ने का अभूतपूर्व परिदृश्य उभरकर दिखाई दे रहा है.

Egypt summit: यकीनन यह सुकूनदेह है कि 14 अक्तूबर को अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने मिस्र में आयोजित वैश्विक नेताओं के शिखर सम्मेलन में कहा कि भारत एक महान देश है.  प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी उनके एक बहुत अच्छे दोस्त हैं और उन्होंने शानदार काम किया है. साथ ही उन्होंने भारत से अच्छे कारोबार संबंधों का संकेत दिया. इसी परिप्रेक्ष्य में उल्लेखनीय है कि अमेरिका के साथ प्रस्तावित व्यापार समझौते को अंतिम रूप देने के लिए भारत के अधिकारियों का एक उच्चस्तरीय दल वाणिज्य सचिव की अगुआई में अमेरिका जाएगा.

यह बात भी महत्वपूर्ण है कि अमेरिका के द्वारा चीन पर एक नवंबर से लागू किए जाने वाले वाले अतिरिक्त 100 फीसदी टैरिफ से भारत से अमेरिका को निर्यात  की नई संभावनाएं भी उभरकर दिखाई दे रही हैं. यहां यह भी उल्लेखनीय है कि 14 अक्तूबर को अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष के द्वारा प्रकाशित रिपोर्ट के तहत भारत की विकास दर में 20 आधार अंकों की वृद्धि करते हुए इसे बढ़ाकर 6.6 फीसदी कर दिया गया है.

गौरतलब है कि इस समय ट्रम्प टैरिफ की चुनौतियों के बीच भारत के मुक्त व्यापार समझौतों (एफटीए) से निर्यात और निवेश बढ़ने का अभूतपूर्व परिदृश्य उभरकर दिखाई दे रहा है. मोदी सरकार के कार्यकाल के दौरान मॉरीशस, संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) और ऑस्ट्रेलिया के साथ किए गए एफटीए की प्रगति से संबंधित जो नए आंकड़े प्रकाशित हुए हैं,

उनके मुताबिक जहां इन देशों के साथ व्यापार तेजी से बढ़ा है, वहीं इन देशों में निर्यात भी बढ़े हैं. हाल ही में 8-9 अक्तूबर को भारत दौरे पर आए ब्रिटेन के प्रधानमंत्री कीएर स्टार्मर ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ विगत 24 जुलाई को भारत और ब्रिटेन (यूके) के बीच एफटीए के विभिन्न पहलुओं पर महत्वपूर्ण रणनीतिक विचार मंथन किया है.

ब्रिटेन के प्रधानमंत्री कीएर स्टार्मर ने कहा कि भारत और ब्रिटेन के बीच एफटीए से मिलने वाले अवसर बेजोड़ होंगे. भारत के साथ एफटीए आर्थिक वृद्धि का लांच पैड है.  उन्होंने यह भी कहा कि भारत 2028 तक दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने की ओर अग्रसर है. गौरतलब है कि भारत में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने एफटीए को मंजूरी दे दी है, अब ब्रिटेन के द्वारा संसद की मंजूरी ली जाएगी.

इसी तरह भारत और ओमान के बीच एफटीए को लेकर बातचीत पूरी हो चुकी है और जल्द ही दोनों के बीच शीघ्र ही एफटीए पर हस्ताक्षर होने की उम्मीद है. इतना ही नहीं वर्ष 2025 के अंत तक यूरोपीय यूनियन के साथ एफटीए लागू होने की पूरी संभावना है. इसमें कोई दो मत नहीं हैं कि इस समय भारत तेजी से नए एफटीए की ओर कदम बढ़ाने की रणनीति के साथ आगे बढ़ रहा है.

उल्लेखनीय है कि एक अक्तूबर से भारत और चार यूरोपीय देशों आइसलैंड, स्विट्जरलैंड, नॉर्वे और लिकटेंस्टाइन के समूह यूरोपियन फ्री ट्रेड एसोसिएशन (एफ्टा) के बीच  एफटीए लागू हो गया हैं.  इस व्यापार समझौते पर 10 मार्च, 2024 को हस्ताक्षर किए थे, लेकिन प्रक्रिया संबंधी औपचारिकताओं के कारण यह समझौता अब लागू हुआ है.

वस्तुतः मुक्त व्यापार समझौता दो या दो से अधिक देशों के बीच एक ऐसी व्यवस्था है जहां वे साझेदार देशों से व्यापार की जाने वाली वस्तुओं पर सीमा शुल्क को खत्म कर देते हैं या कम करने पर सहमत होते हैं. भारत और एफ्टा देशों के बीच लागू हुआ यह व्यापार समझौता यूरोप के एक महत्वपूर्ण आर्थिक ब्लॉक के साथ भारत के विदेश व्यापार को नई दिशाएं देगा.

इस समझौते के तहत भारत ने एफ्टा देशों की 80-85 प्रतिशत वस्तुओं पर शुल्क शून्य किया है. इसके बदले में भारत को 99 प्रतिशत वस्तुओं पर शुल्क-मुक्त बाजार पहुंच मिलेगी.  जहां कृषि, डेयरी, सोया व कोयला सेक्टर को इस व्यापार समझौते से दूर रखा गया है, वहीं प्रोडक्शन लिंक्ड इंसेंटिव (पीएलआई) स्कीम से जुड़े सेक्टर के लिए भी भारतीय बाजार को नहीं खोला गया है.

ग्रीन व विंड एनर्जी, फार्मा, फूड प्रोसेसिंग, केमिकल्स के साथ उच्च गुणवत्ता वाली मशीनरी के क्षेत्र में एफ्टा देश भारत में निवेश करेंगे जिससे इन सेक्टर में हमारा आयात भी कम होगा और भारतीय उत्पादों की गुणवत्ता बढ़ाने में मदद मिलेगी. निस्संदेह भारत के हिसाब से इस व्यापार समझौते का सबसे बड़ा लाभ एफ्टा देशों से मिली निवेश प्रतिबद्धता है.

अब यह समझौता लागू होने के बाद आगामी 10 वर्षों के भीतर एफ्टा देशों से भारत में 50 अरब डॉलर का निवेश और अगले 5 वर्षों में अतिरिक्त 50 अरब डॉलर निवेश की उम्मीद है.  इससे 15 वर्षों में भारत में 10 लाख प्रत्यक्ष नौकरियों के सृजन की आस है.  बहरहाल भारत ने ऐसा पहला समझौता किया है, जिसमें बाजार तक पहुंच निवेश से जुड़ी हुई है.

यह भी महत्वपूर्ण है कि इस समझौते में 14 अध्याय हैं. इनमें वस्तुओं के व्यापार, उत्पत्ति के नियम, शोध एवं नवाचार, बौद्धिक संपदा अधिकार (आईपीआर), सेवाओं का व्यापार, निवेश प्रोत्साहन और सहयोग, सरकारी खरीद, व्यापार में तकनीकी बाधाएं और व्यापार सुविधा शामिल है.निश्चित रूप से अब एफटीए की डगर पर आगे बढ़ते समय यह ध्यान रखा जाना होगा कि एफटीए तभी लाभकारी होते है,

जब वे सही तरीके से इस्तेमाल में लाए जाएं.  चूंकि अब निकट भविष्य में भारत कई देशों के साथ एफटीए पर हस्ताक्षर करेगा, इस परिप्रेक्ष्य में सरकार के द्वारा निर्यातकों और छोटे व्यवसायियों को नए बाजारों के लाभ से संबंधित पर्याप्त जानकारी देकर नए मौकों का फायदा उठाने के लिए जागरूक बनाया जाना होगा.

साथ ही सरकारी निकायों के द्वारा गैर शुल्क बाधाओं संबंधी समाधान हेतु उपयुक्त मार्गदर्शन भी दिया जाना होगा.  इसके साथ-साथ एफटीए के तहत निर्यात बढ़ाने के लिए उत्पादन की गुणवत्ता सुधारने और कारोबार की सुगमता के लिए अधिक प्रयास किए जाने होंगे.

उम्मीद करें कि ट्रम्प के टैरिफ की चुनौतियों के बीच भारत के तेजी से बढ़ते हुए एफटीए भारत के निर्यात और निवेश के लिए मील का पत्थर साबित होंगे. उम्मीद करें कि अब अमेरिका के अलावा भारत के द्वारा कनाडा, दक्षिण अफ्रीका, न्यूजीलैंड, इजराइल सहित अन्य प्रमुख देशों के साथ भी एफटीए शीघ्र ही आकार लेते हुए दिखाई देंगे.  

Web Title: Egypt summit Free trade agreements increase opportunities India-UK FTA India's growth rate 6-6 percent blog Jayantilal Bhandari

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