Economy: उपभोक्ताओं के बढ़ते शोषण पर अंकुश लगना जरूरी?, जमाखोरी, कालाबाजारी, मिलावट पर कसे शिकंजा
By ललित गर्ग | Updated: December 24, 2024 05:52 IST2024-12-24T05:51:15+5:302024-12-24T05:52:10+5:30
Economy: उपभोक्ताओं को शोषण से बचाने के लिए इसी दिन 24 दिसंबर, 1986 को भारत सरकार ने ऐतिहासिक उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम-1986 लागू किया गया था.

सांकेतिक फोटो
Economy: भारत दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्थाओं में एक है और यह आजादी के शताब्दी वर्ष 2047 तक उच्च मध्य आय के दर्जे तक पहुंचने की आकांक्षा के साथ विश्व बाजार बनने के पथ पर आगे बढ़ने के लिए तैयार है. देश यह भी सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध है कि भारतीय बाजार एक ऐसी आदर्श बाजार व्यवस्था को स्थापित करें जिसमें उपभोक्ताओं की ठगी की बढ़ती घटनाओं पर पूर्णतः नियंत्रण हो. इसके लिए उपभोक्ता में उत्पादकता और गुणवत्ता संबंधित जागरूकता को बढ़ाने, जमाखोरी, कालाबाजारी, मिलावट, अधिक दाम, कम नाप-तौल, ठगी इत्यादि संकटों से उपभोक्ता को मुक्ति दिलाने एवं उपभोक्ता संरक्षण कानूनों के बारे में लोगों को जानकारी देकर उपभोक्ता के हितों की रक्षा करने केे उद्देश्य से भारत में 24 दिसंबर को राष्ट्रीय उपभोक्ता दिवस के रूप में मनाया जाता है.
उपभोक्ताओं को शोषण से बचाने के लिए इसी दिन 24 दिसंबर, 1986 को भारत सरकार ने ऐतिहासिक उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम-1986 लागू किया गया था. इस अधिनियम एवं बाद में किए गए संशोधनों का उद्देश्य उपभोक्ताओं का दोषपूर्ण वस्तुओं, लापरवाह सेवाओं एवं अनुचित व्यापार प्रथाओं से संरक्षण करना है.
उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम के छह मौलिक अधिकार सुरक्षा का अधिकार, चुनने का अधिकार, सूचित किए जाने का अधिकार, सुनवाई का अधिकार, निवारण पाने का अधिकार एवं उपभोक्ता शिक्षा का अधिकार है. यह दिन भारतीय ग्राहक आंदोलन के इतिहास में सुनहरे अक्षरों में लिखा गया है.
उपभोक्ता संरक्षण कानून से संबंधित महत्वपूर्ण तथ्य यह है कि किसी भी शासकीय पक्ष ने इस विधेयक को तैयार नहीं किया बल्कि अखिल भारतीय ग्राहक पंचायत ने प्रथमतः इस विधेयक का मसौदा तैयार किया. हम में से हर व्यक्ति किसी न किसी रूप में उपभोक्ता है. कोई व्यक्ति जो अपने उपयोग के लिए सामान खरीदता है, वह उपभोक्ता है.
उपभोक्ता क्योंकि संगठित नहीं है इसलिए हर जगह ठगा जाता है. इसलिए उपभोक्ता को जागना होगा और खुद को इन संकटों से बचाना होगा. बहुत कम उपभोक्ता जानते होंगे कि उनके क्या अधिकार हैं. राष्ट्रीय उपभोक्ता दिवस के माध्यम से उपभोक्ताओं को उनके अधिकारों के प्रति जागरूक किया जाता है.
इसके साथ ही अगर वह धोखाधड़ी, कालाबाजारी, घटतौली, ठगी आदि का शिकार होते हैं तो वह इसकी शिकायत कर सकें. इस कानून में जीवन एवं संपत्ति के लिए हानिकारक सामान और सेवाओं की बिक्री के खिलाफ सुरक्षा का अधिकार दिया गया है, खरीदी गई वस्तु की गुणवत्ता, मात्रा, क्षमता, शुद्धता, स्तर और मूल्य, जैसा भी मामला हो, उसके बारे में जानकारी का अधिकार एवं इसके लिए आवाज उठाने का अधिकार है.