लाइव न्यूज़ :

बैंकों की कार्यशैली में बदलाव हो

By भरत झुनझुनवाला | Updated: July 29, 2018 03:15 IST

बैंकों का राष्ट्रीयकरण इसलिए किया गया था कि सामान्य नागरिक को बैंक द्वारा अधिक मात्र में ऋण दिए जाएंगे जिससे उसकी आर्थिक स्थिति में सुधार हो।  

Open in App

घाटे में चल रहे सरकारी बैंकों को जीवित रखने के लिए सरकार द्वारा बार-बार उन्हें पूंजी उपलब्ध कराई जा रही है।  अनुमान है कि लगभग दो लाख करोड़ की विशाल धन राशि इन्हें पूंजी के लिए कुछ समय में उपलब्ध कराई जाएगी।  यह विशाल धनराशि हम आप जैसे सामान्य नागरिकों द्वारा खपत की जा रही वस्तुओं पर जीएसटी वसूल करके बैंकों को उपलब्ध कराई जा रही है।  सरकारी बैंकों के खस्ता हाल का खामियाजा आज जनता ङोल रही है।  बैंकों के राष्ट्रीयकरण का उद्देश्य आज उलट चुका है।  

बैंकों का राष्ट्रीयकरण इसलिए किया गया था कि सामान्य नागरिक को बैंक द्वारा अधिक मात्र में ऋण दिए जाएंगे जिससे उसकी आर्थिक स्थिति में सुधार हो।  लेकिन आज ठीक इसके उलट हो रहा है।  इस समस्या की जड़ में रिजर्व बैंक की नौकरशाही की अकुशलता है।  रिजर्व बैंक द्वारा सभी सरकारी और निजी बैंकों पर नियंत्रण किया जाता है।  रिजर्व बैंक ने व्यवस्था बना रखी है कि सभी बैंकों द्वारा प्राथमिक क्षेत्र जैसे छोटे उद्योग एवं कृषि को निर्धारित मात्र में ऋण दिए जाएंगे।  व्यवस्था है कि बैंकों द्वारा जितनी रकम जनता से जमा कराई जाती है उसका एक हिस्सा नगद में रखा जाएगा जिसे कैश रिजर्व रेशियो कहते हैं और दूसरा हिस्सा सरकारी बांडों में निवेश किया जाएगा जिसे स्टेट्यूटरी लिक्विडिटी रेशियो कहते हैं। 

 रिजर्व बैंक के लिए संभव था कि जिस प्रकार प्राथमिक क्षेत्रों को ऋण देने के लिए सभी बैंकों को आज बाध्य किया जा रहा है उसी प्रकार सत्तर के दशक में निजी बैंकों को प्राथमिक क्षेत्रों को ऋण देने के लिए बाध्य किया जाता।  उसी समय निजी बैंकों को कहा जा सकता था कि वे ग्रामीण क्षेत्रों में शाखाएं खोलें और छोटे उद्यमियों को ऋण दें।  रिजर्व बैंक अपनी इस जिम्मेदारी का निर्वाह करने में सफल नहीं हुआ और इसके कारण हमारी बैंकिंग व्यवस्था केवल अमीरों की रह गई।   अब हमारे सामने सरकारी बैंकों की अकुशलता का विकराल भूत खड़ा हुआ है।  इस समस्या को हल करने के लिए दो कदम उठाने पड़ेंगे।  पहला कदम यह कि रिजर्व बैंक की नौकरशाही की जवाबदेही निश्चित हो। 

नौकरशाही की अकुशलता की यह समस्या केवल रिजर्व बैंक तक सीमित नहीं है बल्कि यह समस्या संपूर्ण सरकारी तंत्र में व्याप्त है।   इसलिए जरूरत है कि रिजर्व बैंक सहित संपूर्ण सरकारी नौकरशाही के ढांचागत सुधारों पर सरकार ध्यान दे।  नौकरशाही के सुधार का पहला बिंदु यह है कि जनता द्वारा प्रत्येक वरिष्ठ सरकारी कर्मी का गुप्त मूल्यांकन कराया जाए।  जैसे सरकारी बैंक के जनरल मैनेजर के विषय में उस बैंक के उपभोक्ताओं का गुप्त सर्वेक्षण कराया जा सकता है।  उस बैंक के खातेदारों से पूछा जा सकता है कि उनकी दृष्टि में वर्तमान जनरल मैनेजर कुशल है अथवा अकुशल है।  दूसरा बिंदु यह है कि सरकार को सेंट्रल विजिलेंस कमीशन की तर्ज पर एक ‘केंद्रीय सरकारी कर्मी मूल्यांकन संगठन’ स्थापित करना चाहिए।  

इस संगठन का कार्य हो कि स्वयं इनिशिएटिव लेकर जितने सरकारी कर्मी हैं उनका गुप्त मूल्यांकन करे।  स्वयं जाकर बैंक की शाखाओं में बैठे और समङो कि बैंक की कार्यकुशलता कैसी है।  इस गोपनीय मूल्यांकन के आधार पर सरकारी कर्मियों को पदोन्नति दी जाए अथवा उन्हें बर्खास्त किया जाए।  तीसरा बिंदु यह है कि सभी सरकारी कर्मियों के कार्यो का प्रभाव क्या हुआ, इसका आकलन किया जाए।  जैसे अपने देश के हर जिले में लीड बैंक होता है।  लीड बैंक के जिले के मुख्य अधिकारी का मूल्यांकन इस बिंदु पर किया जाए उस जिले में लीड बैंक द्वारा छोटे उद्यमियों को दिए गए ऋण में कितनी वृद्घि अथवा कमी आई।  जिन अधिकारियों के कार्यकाल में ऋण में कमी हुई है उसकी जांच हो।  इस प्रकार के गुप्त मूल्यांकन के आधार पर सरकारी कर्मियों को पदोन्नति देनी चाहिए अथवा बर्खास्त कर देना चाहिए।  यह व्यवस्था रिजर्व बैंक में विशेषत: लागू करनी चाहिए।  

इससे रिजर्व बैंक की कार्यशैली में सुधार आएगा।  साथ-साथ सभी सरकारी बैंकों का निजीकरण कर देना चाहिए जिससे ये बैंक नौकरशाही के भ्रष्टाचार से मुक्त हो जाएं और देश के नागरिक पर दो लाख करोड़ की विशाल राशि वसूल करके इन बैंकों के भ्रष्टाचार को पोषित करने के लिए उपलब्ध कराने की जरूरत न रहे।  

टॅग्स :बैंकिंग
Open in App

संबंधित खबरें

कारोबारBank Holidays for December 2025: जल्दी निपटा लें जरूरी काम, दिसंबर में इतने दिन बैंक रहेंगे बंद; चेक करें लिस्ट

कारोबारएक दिन में कितना कर सकते हैं नकद लेनदेन? जानें ये नियम वरना आ जाएगा आयकर विभाग का नोटिस

कारोबारBank Holiday Today: क्या नवंबर के पहले दिन बैंकों में अवकाश? हॉलिडे लिस्ट में चेक करें अपने राज्य की छुट्टी

कारोबार1 नवंबर से नए नियम: बैंकिंग, जीएसटी, आधार और पेंशन में बड़े बदलाव, जानिए ये नए चेंज कैसे करेंगे आपको प्रभावित

कारोबारRBI New Rules: बैंक लॉकर रखने वाले ग्राहक ध्यान दें, 1 नवंबर से बदल रहे लॉकर को लेकर ये नियम, जानें RBI का अपडेट

कारोबार अधिक खबरें

कारोबारखाद्य सब्सिडी बढ़ी, नहीं घटी किसानों की चिंता

कारोबारविपक्ष फ्रस्ट्रेशन में हैं, कुछ भी बयान देते हैं, सीएम नायब सिंह सैनी ने कहा-जनता ने कांग्रेस की नीतियों को पूरी तरह से नकार दिया

कारोबारगृह मंत्री की डेड लाइन से पहले हमने खत्म कर दिया नक्सलवाद, नक्सलियों के पास थे पाकिस्तानी सेना जैसे हथियार?, सीएम मोहन यादव ने विधानसभा में रखे विचार

कारोबारस्वास्थ्य क्षेत्र में 42000 नई नौकरी, मुख्यमंत्री यादव ने विधान सभा पटल पर रखा पक्ष

कारोबार5 साल में हवाई अड्डों कारोबार में 01 लाख करोड़ रुपये का निवेश करने की योजना, अदाणी एयरपोर्ट्स के निदेशक जीत अदाणी ने कहा-लाखों नौकरी की संभावना