ब्लॉग: यौन शोषण और अपराध की गिरफ्त में मॉलीवुड
By लोकमत समाचार ब्यूरो | Updated: September 4, 2024 15:43 IST2024-09-04T15:43:27+5:302024-09-04T15:43:30+5:30
आयोग ने चिंता जाहिर की है कि ऐसे अपराधों की थानों में प्राथमिकी दर्ज नहीं की जा रही है और बहुत दबाव में शिकायत दर्ज भी कर ली गई तो गिरफ्तारी कभी होती नहीं है।

ब्लॉग: यौन शोषण और अपराध की गिरफ्त में मॉलीवुड
डॉ. अंजनी कुमार झा
मलयालम फिल्म उद्योग ( मॉलीवुड) में यौन उत्पीड़न के मामले अब भी थम नहीं रहे हैं। शोषण, अत्याचार के अनेक सनसनीखेज मामलों के सार्वजनिक होने से केरल की फिल्म इंडस्ट्री में भूचाल सा आ गया है। मॉलीवुड में मलयाली के एक और अभिनेता जयसूर्या के विरुद्ध एक अभिनेत्री ने थाने में प्राथमिकी दर्ज कराई। इससे पूर्व मशहूर एक्टर सिद्दीकी को हाल में एक हीरोइन के साथ दुष्कर्म के आरोप में गिरफ्तार किया गया।
पहला मामला फिल्म निदेशक रंजीत का आया जिसमें बंगाल की एक्ट्रेस ने उन पर दुष्कर्म का आरोप लगाया। उपरोक्त सभी मामलों में पुलिस ने प्राथमिकी दर्ज कर आरोपियों को गिरफ्तार कर ली है. मामला इतना गंभीर है कि सिद्दीकी को एसोसिएशन ऑफ मलयालम मूवी आर्टिस्ट्स के महासचिव के पद से हाथ धोना पड़ गया. मामले की गंभीरता को देखते हुए ऐसे सभी मामलों की जांच अब एसआइटी को सौंप दी गई है।
जस्टिस के. हेमा कमेटी रिपोर्ट को केरल की एलडीएफ सरकार ने जारी किया जिसमें महिला अभिनेत्रियों के साथ हो रहे अत्याचार का ब्योरेवार वर्णन है। रिपोर्ट में साफ शब्दों में जिक्र है कि केरल फिल्म इंडस्ट्री में महिलाओं के लिए काम करने का उचित माहौल नहीं है। वर्ष २०१७ में गठित कमेटी ने २०१९ को राज्य सरकार को सौंपी रिपोर्ट, किंतु अगस्त, २०२४ में राज्य सरकार ने इसे सार्वजनिक किया।
रिपोर्ट में साफ-साफ उल्लेख है कि फिल्म इंडस्ट्री में महिलाओं के साथ यौन शोषण के अतिरिक्त शारीरिक उत्पीड़न भी किया जाता है। उसी को एक्ट्रेस के रूप में मौका दिया जाता है जो शारीरिक संबंध बनाने को तैयार हो। ऐसी लड़कियों को अभिनेत्री बनाया जाता है। उसे बहुत कम धन राशि दी जाती है। इनकार करने पर स्थापित एक्ट्रेस को जान से मारने की धमकी के साथ ब्लैकमेलिंग भी की जाती है।
इसके उलट जो ‘सहयोग’ करने से इनकार करती है, उसे कभी अवसर नहीं दिया जाता। अश्लीलता को फिल्मों में खूब परोसा जा रहा है और उस आड़ में सेक्स रैकेट के साथ ड्रग्स का हजारों करोड़ का धंधा फल-फूल रहा है।
अभिनेत्रियों से कम कपड़े पहनने और शूटिंग में अश्लील हरकतें करने को कहा जाता है। सफल तारिका की अब यही पहचान बन गई है। आयोग की आंतरिक शिकायत समिति ने साफ शब्दों में कहा है कि फिल्म इंडस्ट्री में महिलाओं को काम नहीं करना चाहिए। आयोग ने चिंता जाहिर की है कि ऐसे अपराधों की थानों में प्राथमिकी दर्ज नहीं की जा रही है और बहुत दबाव में शिकायत दर्ज भी कर ली गई तो गिरफ्तारी कभी होती नहीं है।