बिहारः महागठबंधन सरकार बनने के बाद दूसरी बार मंत्रिमंडल का विस्तार, जदयू विधायक रत्नेश सदा ने ली मंत्री पद की शपथ, सीएम नीतीश के पैर छूकर आशीर्वाद लिया
By एस पी सिन्हा | Published: June 16, 2023 02:35 PM2023-06-16T14:35:27+5:302023-06-16T14:39:56+5:30
जनता दल (यूनाइटेड) के विधायक रत्नेश सदा को शुक्रवार को नीतीश कुमार के मंत्रिमंडल में मंत्री के तौर पर शामिल किया गया। बिहार के राज्यपाल राजेन्द्र विश्वनाथ आर्लेकर ने यहां राजभवन में सदा को पद और गोपनीयता की शपथ दिलाई।
पटनाः बिहार में महागठबंधन की सरकार बनने के बाद शुक्रवार को दूसरी बार कैबिनेट का विस्तार हुआ। इस दौरान जदयू विधायक रत्नेश सदा को राज्यपाल राजेंद्र विश्वनाथ अर्लेकर ने शपथ दिलाई। वह सोनवर्षा से लगातार तीन बार जदयू से विधायक हैं। शपथ लेने से पहले रत्नेश सदा ने मुख्यमंत्री नीतीश के पैर छूकर उनसे आशीर्वाद लिया।
मुसहर समाज से आने वाले रत्नेश सदा को नीतीश मंत्रिमंडल में शामिल करने के पीछे हालिया राजनीतिक घटनाक्रमों को माना जा रहा है। इस दौरान मौके पर मौजूद उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने उन्हें गले लगाकर शुभकामनाएं दी।
#WATCH | Patna, Bihar: Ratnesh Sada, Janata Dal (United) MLA from Sonbarsa Assembly constituency takes oath at Raj Bhavan as the minister replacing Hindustani Awam Morcha- Secular (HAM-S) president Santosh Kumar Suman, who resigned on 13th June. pic.twitter.com/vzPmwOfWjc— ANI (@ANI) June 16, 2023
रत्नेश सदा के शपथ ग्रहण समारोह में मंत्री विजय चौधरी, बिजेंद्र यादव, तेज प्रताप यादव, श्रवण कुमार, अशोक चौधरी, प्रो चंद्रशेखर समेत अन्य कई मंत्रियों के अलावे जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह और प्रदेश अध्यक्ष उमेश कुशवाहा भी मौजूद थे। बता दें कि नीतीश कैबिनेट से मंत्री संतोष मांझी के इस्तीफे के बाद रत्नेश सदा को मंत्री बनाया गया है।
#WATCH | I resigned and made him (Jitan Ram Manjhi) the CM, everyone knows what he says now. Everyone knew that he was meeting BJP people and then used to come to us also. When I asked them (Jitan Ram Manjhi and Santosh Kumar Suman) to either merge their party with us or… pic.twitter.com/8J1Ud075W8— ANI (@ANI) June 16, 2023
ऐसे में सियासी जानकारों का मानना है कि नीतीश कुमार ने मांझी के दलित वोट काटने के लिए रत्नेश सदा को सरकार में शामिल किया है। रत्नेश जीतनराम मांझी की तरह ही दलित समुदाय के नेता हैं। वे मुसहर समाज से आते हैं। ऐसे में चर्चा है कि रत्नेश सदा जीतनराम मांझी की जगह एक अच्छा रिप्लेसमेंट साबित हो सकते हैं।
बताया जाता है कि रत्नेश का जीवन काफी संघर्षों से भरा रहा। उनके पिता लक्ष्मी सदा मजदूर थे। राजनीति में आने से पहले वे खुद रिक्शा चलाकर गुजारा करते थे। इसके बाद वे राजनीति में आ गए। करीब 30 साल के सार्वजनिक-राजनीतिक जीवन के दौरान वे जदयू में उपाध्यक्ष, प्रदेश महासचिव सह सुपौल जिला संगठन प्रभारी समेत कई अन्य पदों पर रहे।
वे पहली बार साल 2010 में विधायक बने। उस समय से वे लगातार तीसरी बार विधायक बने हैं। अब उन्हें नीतीश मंत्रिमंडल में जगह मिली है। साल 2020 के बिहार विधानसभा चुनाव में दिए शपथ पत्र के अनुसार, रत्नेश सदा के खिलाफ कोई आपराधिक मामला दर्ज नहीं है। उनकी कुल चल-अचल संपत्ति 1.30 करोड़ की है।