Lok Sabha Election 2024: बिहार में दूसरे चरण के तहत पांच लोकसभा सीटों पर 26 अप्रैल को मतदान होना है। ऐसे में सभी दल मतदाताओं को लुभाने में जी जान से जुट गए हैं। लेकिन इस चुनाव में सीमांचल की तीन सीटों पर सभी की निगाहें टिकी हुई हैं। सीमांचल में अल्पसंख्यक एक बहुत ही महत्वपूर्ण भूमिका निभाते है। इस बीच पूर्णिया लोकसभा सीट की लड़ाई इस बार सुर्खियों में बनी हुई है। हालांकि, पूर्णिया के अलावे कटिहार और किशनगंज लोकसभा सीटों पर भी दूसरे ही चरण में मतदान होना है। पूर्णिया में अल्पसंख्यक-यादव वोटों का जबर्दस्त जमावड़ा देखा जा रहा है।
पूर्णिया में 23.3 फीसदी से अधिक अल्पसंख्यक मतदाता हैं, लेकिन स्थानीय रिपोर्टों के अनुसार यह संख्या 40 फीसदी है। जबकि यादव 7-10 फीसदी हैं। 2019 के आंकड़ों के मुताबिक पूर्णिया में कुल मतदाता 18,17,786 हैं, जिनमें 23.3 फीसदी अल्पसंख्यक, अनुसूचित जाति मतदाता 14.3 फीसदी, अनुसूचित जनजाति मतदाता 5.9 फीसदी हैं। ऐसे पूर्णिया में अपने मुख्य दावेदारों को ध्यान में रखते हुए, एनडीए ने कानून- व्यवस्था को एक प्रमुख चुनावी मुद्दा बनाया है। एनडीए ने अपने दावेदारों के आपराधिक रिकॉर्ड को उठाया है और मतदाताओं को राज्य में पिछली सरकार के तहत "जंगल राज" की याद दिलाई है।
इसके अलावा, हत्याएं, बलात्कार, जबरन वसूली और अपहरण नागरिकों को चिंतित करते रहते हैं जो मानते हैं कि स्थिति को सुधारने के लिए और भी बहुत कुछ किया जा सकता है। वहीं, पप्पू यादव राज्य सरकार पर प्रतिशोध का आरोप लगाते हुए कानून के साथ अपने विभिन्न विवादों के जवाब में अपने समर्थकों के बीच सहानुभूति जगाने का भी प्रयास कर रहे हैं। उन्होंने अपनी जान को खतरा बताते हुए राज्य पर उनकी सुरक्षा कम करने का भी आरोप लगाया है। जबकि राजद उम्मीदवार बीमा भारती ने पप्पू यादव पर भाजपा एजेंट होने का आरोप लगाया है। उन्होंने कहा कि यादव की पत्नी रंजीता रंजन, जो कांग्रेस नेता हैं, एकता दिखाते हुए अपने पति के लिए नहीं बल्कि उनके लिए प्रचार करेंगी।
हालांकि, पप्पू यादव के मैदान में आने से राजद को डर है कि सबसे ज्यादा असर उस पर पड़ेगा क्योंकि वह फिलहाल अल्पसंख्यक-यादव समीकरण को अपने पक्ष में कर रहे हैं। जानकारों के अनुसार पूर्णिया में लालू यादव परिवार का प्रभाव कम है, जिससे बीमा भारती के पक्ष में कम कारक हैं। इन सबके बीच निर्दलीय उम्मीदवार पप्पू यादव चुनावी माहौल को त्रिकोणीय बनाए हुए हैं। एक तरफ जहां संतोष कुशवाहा जदयू के उम्मीदवार हैं तो महागठबंधन में सीट शेयरिंग के विवाद के बाद राजद की ओर से बीमा भारती और पप्पू यादव निर्दलीय उम्मीदवार बने हुए हैं।