सीएम नीतीश कुमार ने कहा, "कांग्रेस की वजह से बिहार विशेष राज्य का दर्जा पाने से वंचित रहा"
By एस पी सिन्हा | Published: November 22, 2023 06:43 PM2023-11-22T18:43:45+5:302023-11-22T18:47:30+5:30
पटना: बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार बिहार को विशेष राज्य का दर्जा देने की मांग को लेकर लंबे समय से सियासी दांव चल रहे हैं, लेकिन अभी तक उन्हें किसी प्रकार की सफलता हाथ नही लगी है। ऐसे में बिहार को अब तक विशेष राज्य का दर्जा नहीं मिलने के लिए उन्होंने सीधे-सीधे तौर पर कांग्रेस को जिम्मेदार बता दिया है।
पटना: बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमारबिहार को विशेष राज्य का दर्जा देने की मांग को लेकर लंबे समय से सियासी दांव चल रहे हैं, लेकिन अभीतक उन्हें किसी प्रकार की सफलता हाथ नही लगी है। ऐसे में बिहार को अब तक विशेष राज्य का दर्जा नहीं मिलने के लिए उन्होंने सीधे-सीधे तौर पर कांग्रेस को जिम्मेदार बता दिया है। उन्होंने बताया कि कांग्रेस के शासन में विशेष राज्य के दर्जा देने के लिए कमेटी बनी, कमेटी ने रिपोर्ट भी दिया, इसके बाद भी बिहार को विशेष राज्य का दर्जा नहीं दिया गया।
अपने एक्स हैंडल पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने लिखा है कि 'हम लोग बिहार को विशेष राज्य का दर्जा देने की मांग वर्ष 2010 से ही कर रहे हैं। इसके लिए 24 नवम्बर, 2012 को पटना के गांधी मैदान में तथा 17 मार्च, 2013 को दिल्ली के रामलीला मैदान में बिहार को विशेष राज्य के दर्जे के लिए अधिकार रैली भी की थी। हमारी मांग पर तत्कालीन केन्द्र सरकार ने इसके लिए रघुराम राजन कमेटी भी बनाई थी।
जिसकी रिपोर्ट सितंबर, 2013 में प्रकाशित हुई थी, परन्तु उस समय भी तत्कालीन केन्द्र सरकार ने इसके बारे में कुछ नहीं किया।' उन्होंने लिखा है कि ''देश में पहली बार बिहार में जाति आधारित गणना का काम कराया गया है। जाति आधारित गणना में सभी वर्गों को मिलाकर बिहार में लगभग 94 लाख गरीब परिवार पाये गये हैं, उन सभी परिवार के एक सदस्य को रोजगार हेतु 2 लाख रुपये तक की राशि किस्तों में उपलब्ध करायी जायेगी।
63,850 आवासहीन एवं भूमिहीन परिवारों को जमीन क्रय के लिए दी जा रही 60 हजार रुपये की राशि की सीमा को बढ़ाकर 1 लाख रुपये कर दिया गया है। साथ ही इन परिवारों को मकान बनाने के लिए 1 लाख 20 हजार रुपये दिये जायेंगे। जो 39 लाख परिवार झोपड़ियों में रह रहे हैं उन्हें भी पक्का मकान मुहैया कराया जायेगा जिसके लिए प्रति परिवार 1 लाख 20 हजार रुपये की दर से राशि उपलब्ध करायी जायेगी।
सतत जीविकोपार्जन योजना के अन्तर्गत अत्यंत निर्धन परिवारों की सहायता के लिए अब 01 लाख रुपये के बदले 02 लाख रुपये दिये जायेंगे। इन योजनाओं के क्रियान्वयन में लगभग 2 लाख 50 हजार करोड़ रुपये की राशि व्यय होगी। इन कामों के लिये काफी बड़ी राशि की आवश्यकता होने के कारण इन्हें 5 साल में पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है।
यदि केन्द्र सरकार द्वारा बिहार को विशेष राज्य का दर्जा मिल जाय तो हम इस काम को बहुत कम समय में ही पूरा कर लेंगे। मेरा अनुरोध है कि बिहार के लोगों के हित को ध्यान में रखते हुए केंद्र सरकार बिहार को शीघ्र विशेष राज्य का दर्जा दे।