भाजपा ने बिहार में राजनीतिक अस्थिरता के लिए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को ठहराया जिम्मेदार
By एस पी सिन्हा | Published: July 9, 2023 05:16 PM2023-07-09T17:16:23+5:302023-07-09T17:18:24+5:30
नेता प्रतिपक्ष विजय कुमार सिन्हा ने रविवार को कहा कि बिहार के अंदर जो राजनीतिक अस्थिरता आई है उसका कारण मुख्यमंत्री नीतीश कुमार हैं। उन्होंने कहा कि शिक्षा विभाग बदहाल है। ऐसे शिक्षा मंत्री में थोड़ी सी भी नैतिकता बची है तो उन्हें इस्तीफा दे देना चाहिए।
पटना: बिहार में शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर और विभाग के अपर मुख्य सचिव केके पाठक के बीच मचे घमासान को लेकर नेता प्रतिपक्ष विजय कुमार सिन्हा ने रविवार को कहा कि बिहार के अंदर जो राजनीतिक अस्थिरता आई है उसका कारण मुख्यमंत्री नीतीश कुमार हैं। उन्होंने कहा कि शिक्षा विभाग बदहाल है। ऐसे शिक्षा मंत्री में थोड़ी सी भी नैतिकता बची है तो उन्हें इस्तीफा दे देना चाहिए।
विजय सिन्हा ने कहा कि केके पाठक ने शिक्षा मंत्री के पीएस को विभाग में आने पर रोक नहीं लगाई बल्कि उन्होंने एक तरह से शिक्षा मंत्री को रोका है। अब शिक्षा विभाग में चंद्रशेखर के भ्रष्टाचार के कारनामों को उजागर किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि राज्य की महागठबंधन सरकार में आज पूरी तरीके से राजद हावी हो चुका है। सरकार में अराजक स्थिति बनी हुई है।
नीतीश कुमार पर निशाना साधते हुए विजय सिन्हा ने कहा कि मुख्यमंत्री सत्ता के लिए लगातार विवश हो चुके हैं। आज राजद भ्रष्टाचार का साम्राज्य स्थापित करना चाह रहा है। कानून का राज खत्म है और अपराध तथा भ्रष्टाचार चरम पर है। ऐसे में अगर समय रहते इस पर एक्शन नहीं लिया गया तो स्थिति बेहद विकट हो जाएगी। उन्होंने कहा कि जनादेश का अपमान करके चोर दरवाजे से सत्ता में आने वाले लोगों के जंगलराज को सुशासन बताकर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार गुंडाराज स्थापित करने जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री में अगर थोड़ा सा भी बिहार की जनता के प्रति दर्द है तो भ्रष्टाचारियों से इस सरकार को मुक्त करें।
बता दें कि शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर और विभाग के अपर मुख्य सचिव केके पाठक के बीच लंबे समय से तनातनी चल रही है और इसे रोक पाने में अब तक मुख्यमंत्री नीतीश कुमार भी सफल नहीं हुए हैं। शिक्षा मंत्री प्रो चंद्रशेखर के आप्त सचिव ने विभाग के अपर मुख्य सचिव केके पाठक को पीत पत्र लिख कर विभाग के कामकाज को लेकर मंत्री की तरफ से नाराजगी जाहिर की थी। वहीं इसके जवाब में विभाग ने आप्त सचिव डॉ कृष्णानंद यादव की योग्यता पर सवाल खड़ा करते हुए उनके शिक्षा विभाग में प्रवेश पर रोक लगा दी गयी।