बिहार में राजभवन के कड़े रुख को देखते हुए शिक्षा विभाग ने लिया यू-टर्न कुलपतियों की नियुक्ति का विज्ञापन लिया वापस

By एस पी सिन्हा | Updated: August 25, 2023 17:08 IST2023-08-25T17:00:03+5:302023-08-25T17:08:34+5:30

राज्यपाल ने भी विश्वविद्यालयों को कड़ा निर्देश जारी करते हुए 75 प्रतिशत से कम उपस्थिति वाले विद्यार्थियों को परीक्षा में नहीं बैठने देने का निर्देश दिया है।

Bihar the education department took a U-turn and withdrew the advertisement for the appointment of vice-chancellors | बिहार में राजभवन के कड़े रुख को देखते हुए शिक्षा विभाग ने लिया यू-टर्न कुलपतियों की नियुक्ति का विज्ञापन लिया वापस

बिहार में राजभवन के कड़े रुख को देखते हुए शिक्षा विभाग ने लिया यू-टर्न कुलपतियों की नियुक्ति का विज्ञापन लिया वापस

Highlightsशिक्षा विभाग ने 5 विश्वविद्यालयों के कुलपतियों की नियुक्ति का विज्ञापन को वापस लियाइस संबंध में शिक्षा विभाग की तरफ से पत्र भी जारी कर दिया गया हैइसके बाद अब राज्य में कुलपतियों की नियुक्ति राज्यपाल ही करेंगे

पटना: बिहार में राजभवन और शिक्षा विभाग के बीच जारी तकरार के बाद अब शिक्षा विभाग ने यू-टर्न लेते हुए 5 विश्वविद्यालयों के कुलपतियों की नियुक्ति का विज्ञापन को वापस ले लिया है। इस संबंध में शिक्षा विभाग की तरफ से पत्र भी जारी कर दिया गया है। इसके बाद अब राज्य में कुलपतियों की नियुक्ति राज्यपाल ही करेंगे। 

बता दें कि अभी पिछले ही दिनों मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने राजभवन जाकर राज्यपाल राजेंद्र विश्वनाथ आर्लेकर से मुलाकात की थी। दोनों के बीच वीसी नियुक्ति विवाद पर विस्तार से चर्चा हुई थी। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के द्वारा राज्यपाल से मुलाकात किए जाने के बाद से ये कयास लगाए जा रहे थे कि जल्द ही इस मामले को सुलझा लिया जाएगा। 

उधर, राज्यपाल ने भी विश्वविद्यालयों को कड़ा निर्देश जारी करते हुए 75 प्रतिशत से कम उपस्थिति वाले विद्यार्थियों को परीक्षा में नहीं बैठने देने का निर्देश दिया है। राजभवन ने राज्य विश्वविद्यालयों के कुलपतियों को इस संदर्भ में एक पत्र जारी किया है। इस पत्र में निर्देश दिया गया है कि जिन विद्यार्थियों की उपस्थिति 75 फीसदी से कम हो, उनका परीक्षा फॉर्म स्वीकार नहीं किया जाये। 

उल्लेखनीय है कि शिक्षा विभाग और राजभवन द्वारा कुलपति की नियुक्ति के लिए अलग-अलग विज्ञापन निकाले गये थे, जिसको लेकर असमंजस की स्थिति पैदा हो गई थी। राजभवन के बाद शिक्षा विभाग ने भी अलग से विज्ञापन जारी किया था। 

विभाग के सचिव बैद्यनाथ यादव के पास आवेदन जमा करने की अंतिम तिथि 13 सितंबर थी। कई उम्मीदवार पहले ही राजभवन के विज्ञापन के लिए आवेदन कर चुके हैं और 5 विश्वविद्यालयों में कुलपतियों के पद को भरने के लिए स्क्रीनिंग की प्रक्रिया शुरू होने वाली थी।

बता दें कि कुलपतियों की नियुक्ति को लेकर राज्य सरकार और राजभवन के बीच लंबी खींचतान के बाद 2013 में सुप्रीम कोर्ट ने प्रक्रिया निर्धारित की थी। इसके मुताबिक संभावित शॉर्टलिस्ट किए गये उम्मीदवारों के साथ बातचीत के बाद सर्च कमिटी द्वारा हर विश्वविद्यालय के लिए 3 से 5 नामों का पैनल प्रस्तुत करती है। ये नाम मुख्यमंत्री और राज्यपाल को विमर्श के लिए भेजे जाते हैं। 

राज्यपाल विश्वविद्यालयों के कुलाधिपति भी हैं। सर्च कमिटी का गठन राजभवन करता है। साल 2010 में भी तत्कालीन राज्यपाल देवानंद कुंवर के वक्त भी इसी तरह का विवाद उठा था, तब मामला सुप्रीम कोर्ट में पहुंचा था। साल 2013 में शीर्ष अदालत ने इस विवाद को खत्म करने करते हुए कुलपतियों की नियुक्ति की प्रक्रिया को स्पष्ट किया था।

Web Title: Bihar the education department took a U-turn and withdrew the advertisement for the appointment of vice-chancellors

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