बिहारः जीतन राम मांझी और नीतीश कुमार की राह अलग, 107 दिन के बाद महागठबंधन से अलग, संतोष ने कहा-जदयू में मर्ज करने का ऑफर दिया गया था

By एस पी सिन्हा | Published: June 13, 2023 02:49 PM2023-06-13T14:49:20+5:302023-06-13T14:50:35+5:30

बिहार के अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति कल्याण मंत्री संतोष सुमन ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के मंत्रिमंडल से मंगलवार को अचानक इस्तीफा दे दिया।

bihar ham vs jdu Jitan Ram Manjhi and Nitish Kumar part ways after 107 days apart Grand Alliance Santosh Suman said JDU offered to merge resigned post of minister | बिहारः जीतन राम मांझी और नीतीश कुमार की राह अलग, 107 दिन के बाद महागठबंधन से अलग, संतोष ने कहा-जदयू में मर्ज करने का ऑफर दिया गया था

सत्तारूढ़ गठबंधन ‘महागठबंधन’ के सूत्रों ने बताया कि अगर चार विधायकों वाली एचएएम गठबंधन से बाहर हो भी जाती है, तो इससे सरकार के अस्तित्व पर कोई असर नहीं पड़ेगा।

Highlightsपार्टी हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा (एचएएम) ने यहां इसकी घोषणा की।संतोष सुमन एचएएम के राष्ट्रीय अध्यक्ष हैं।स्थापना उनके पिता एवं पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी ने की थी।

पटनाः बिहार में नीतीश कुमार कैबिनेट से जीतन राम मांझी के बेटे संतोष सुमन ने इस्तीफा दे दिया है। संतोष सुमन नीतीश कैबिनेट में एससी-एसटी कल्याण विभाग के मंत्री थे। बताया जा रहा है कि वित्त मंत्री विजय चौधरी से मुलाकात के बाद संतोष सुमन ने इस्तीफा दिया। 107 दिन के बाद महागठबंधन से अलग हो गए।

इस्‍तीफे के बाद प्रेस कॉन्‍फ्रेंस करते हुए संतोष सुमन ने कहा क‍ि मैंने कैबिनेट से इस्तीफा दे दिया है। हम लोगों को जदयू में मर्ज करने का ऑफर दिया गया था। हम लोगों ने उस प्रस्ताव को स्वीकार नहीं किया। जदयू से हम लोगों पर विलय का दबाव बनाया गया था। हम लोगों ने दवाब मानते हुए मर्ज करने से इंकार कर दिया।

उन्होंने कहा कि नीतीश कुमार हमारा अस्तित्व ही खत्म करना चाह रहे हैं। हम हर हाल में पार्टी बचाकर रखेंगे। इसलिए हमने इस्तीफे का विकल्प चुना है। संतोष सुमन ने आगे कहा कि मुख्यमंत्री से आग्रह किया है कि मेरा इस्तीफा स्वीकार कर लें। महागठबंधन में रखना है या नहीं लालू-नीतीश तय करेंगे।

संतोष सुमन ने कहा कि हम जदयू की भावनाओं का सम्मान करते हैं। लेकिन हमारी पार्टी भी बनी है तो कुछ मुद्दों को लेकर बनी है, इसलिए बेहतर था कि हम संघर्ष का रास्ता चुनें, इसलिए हमने विलय का प्रस्ताव अस्वीकार कर दिया। वहीं एनडीए में जाने के सवाल पर संतोष सुमन ने कहा कि इस पर अभी कोई फैसला नहीं हुआ है, हम अकेले भी चुनाव लड़ सकते हैं।

आगे क्या होगा इस पर सभी से चर्चा करके फैसला लिया जाएगा। उन्होंने साफ कहा कि जब एक बार इस्तीफा दे दिया तो फिर वापस लेने की बात कहां है? बता दें कि कल ही जीतन राम मांझी ने आगामी लोकसभा चुनाव नहीं लड़ने की घोषणा की थी। विपक्षी एकता को लेकर 23 जून को होने जा रही महाबैठक में भी जीतन राम मांझी ने नहीं जाने की बात कही थी।

आज सुबह ही जीतन राम मांझी अपने बेटे संतोष सुमन के साथ नीतीश कुमार के बेहद करीबी मंत्री विजय चौधरी से मिलने के लिए उनके आवास पर गए थे। बंद कमरे में बातचीत के बाद संतोष सुमन ने अपना इस्तीफा विजय कुमार चौधरी को सौंप दिया।

दरअसल, बिहार में महागठबंधन की सरकार में सहयोगी बने जीतनराम मांझी लगातार इस बात को कह रहे थे कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार उनकी बातों को नहीं सुनते हैं। लोकसभा चुनाव में पांच सीटों की मांग पर अड़े हुए हैं। आज संतोष मांझी के इस्तीफे के बाद से अब यह तय हो गया है कि मांझी और नीतीश कुमार की राहें लगभग अलग हो गए हैं। उल्लेखनीय है कि संतोष सुमन के विधान परिषद का कार्यकाल भी समाप्त हो रहा था। जिसपर नीतीश भेजने से इंकार कर दिया था।

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