पटना विश्वविद्यालय पहुंचे सीएम नीतीश कुमार, मुख्यमंत्री ने पुराने दिनों की यादें ताजा की, राज्यपाल से कहा- हम आपको घुमाएंगे, परमिशन हैं ना आपकी, चलिएगा ना मेरे साथ?
By एस पी सिन्हा | Published: September 5, 2023 04:22 PM2023-09-05T16:22:30+5:302023-09-05T16:23:07+5:30
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार जैसे ही शिलापट्ट का अनावरण करने के लिए पहुंचे, तभी उनका पैर फिसल गया और वह गिर गए।
पटनाः शिक्षक दिवस के मौके पर बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमारपटना विश्वविद्यालय में आयोजित कार्यक्रम में शिरकत करने पहुंचे, जहां उन्होंने राज्यपाल राजेन्द्र विश्वनाथ आर्लेकर के साथ व्हीलर सीनेट हॉल का उद्घाटन किया। इस दौरान मुख्यमंत्री नीतीश कुमार जैसे ही शिलापट्ट का अनावरण करने के लिए पहुंचे, तभी उनका पैर फिसल गया और वह गिर गए।
मुख्यमंत्री को असहज स्थिति में देख सुरक्षाकर्मी तुरंत लपके और उन्हें सहारा दिया। गनीमत रही कि मुख्यमंत्री को कोई चोट नहीं आई। इस घटना के बाद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार मुस्कुराते हुए भी दिखाई दिए।
वहीं, नीतीश कुमार ने राज्यपाल को कहा कि आपसे मिलते हैं, तो हमको बहुत अच्छा लगता है। जब मौका मिलेगा तो हम आपको घुमाएंगे। परमिशन हैं ना आपकी। चलिएगा ना मेरे साथ?
इस मौके पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने पुराने दिनों की यादें ताजा की। मुख्यमंत्री बनने के बाद इस विश्वविद्यालय के लिए सरकार के तरफ से किए जा रहे मदद और आगे की राशि भी प्रदान करने की बात कह रहे थे। उसी दौरान सीनेट हॉल में देश का पीएम कैसा हो.. नीतीश कुमार जैसा हो का नारा लगाना शुरू हो गया।
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को पीएम देखने का सपना देखने वालों की इस नारेबाजी को सुनकर एक बार खुद नीतीश कुमार भी अचंभित हो गए। इसके बाद नीतीश कुमार ने इन लोगों को हल्की फटकार लगाकर शांत रहने का निर्देश दिया। मुख्यमंत्री ने कहा कि पटना विश्वविद्यालय भारत का यानी पूरे देश का 7वीं विश्वविद्यालय है।
उन्होंने कहा कि पटना विश्वविद्यालय के 106 साल पूरे हो गये हैं। पटना विश्वविद्यालय ने शुरू से ही शिक्षा और शोध में अभूतपूर्व योगदान किया है। उन्होंने विश्वविद्यालय के प्रोफेसर से हाथ जोडकर आग्रह किया कि वे बच्चे-बच्चियों को खूब ठीक ढंग से पढ़ाएं। वहीं उन्होंने छात्र-छात्राओं से कहा कि वे पढ़ाई के साथ साथ खेलकूद पर भी ध्यान दें।
नीतीश कुमार ने कहा कि ‘एक बात और कहेंगे कि जरा गंगा नदी के किनारे जाया करो। हम जब पढ़ते थे तो पढ़ने के बाद सीधे गंगा किनारे चले जाते थे। अब कितना बढ़िया हम बना दिए। हम तो कहेंगे कि खूब पढ़ो लिखो और खेलो कूदो’।
उन्होंने वहां मौजूद अधिकारियों से कहा कि खेल-कूद वाले लड़के लड़कियों को कोई कमी नहीं होनी चाहिए। खेलकूद के लिए जो भी जरूरत पड़े कहिएगा। उसके लिए हम लोग और सुविधा दे देंगे। इस विश्वविद्यालय के विकास के लिए हम लोग हर तरह से काम करेंगे और जब तक हम जीवित हैं भाई, हमारा तो पटना विश्वविद्यालय से लगाव रहेगा।