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Bihar caste survey: सीएम नीतीश से तीन नए उपमुख्यमंत्री बनाने की मांग, कांग्रेस के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष अनिल शर्मा ने जातीय गणना की रिपोर्ट का हवाला दिया, जानें कहानी

By एस पी सिन्हा | Updated: October 3, 2023 16:47 IST

Bihar caste survey: कांग्रेस के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष अनिल शर्मा ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को जिसकी जितनी संख्या भारी, उसकी उतनी हिस्सेदारी के नारे एवं परोपकार अपने घर से ही शुरू होता है की कहावत को चरितार्थ करना चाहिए।

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ठळक मुद्देमंत्रिमंडल में एक-एक मुस्लिम,अति पिछड़ा एवं अनुसूचित जाति के नेता को उपमुख्यमंत्री बनाना चाहिए।अनिल शर्मा ने जाति गणना रिपोर्ट पर सवाल उठाते हुए सवर्ण जातियों के आंकड़ों में हेराफेरी के गंभीर आरोप भी लगाए हैं। सत्ताधारी दलों को जाति गणना की प्रक्रिया को प्रभावित नहीं करना चाहिए।

Bihar caste survey: बिहार में जातीय गणना की रिपोर्ट सार्वजनिक होने के बाद सियासत गर्मा गई है। महागठबंधन की सरकार में शामिल कांग्रेस ने अपनी ही सरकार से तीन उपमुख्यमंत्री बनाने की मांग कर दी है। कांग्रेस के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष अनिल शर्मा ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से शीघ्र तीन नये उपमुख्यमंत्री बनाने की मांग की है। उन्होंने इसके लिए जातीय गणना की रिपोर्ट का हवाला दिया है। 

दरअसल, सोमवार को नीतीश सरकार ने जातीय गणना की रिपोर्ट जारी कर दिया। जातीय गणना के आंकड़े सामने आने के बाद संख्या से हिसाब से सत्ता में हिस्सेदारी की मांग उठने लगी है। कांग्रेस के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष अनिल शर्मा ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को जिसकी जितनी संख्या भारी, उसकी उतनी हिस्सेदारी के नारे एवं परोपकार अपने घर से ही शुरू होता है की कहावत को चरितार्थ करना चाहिए। इसके लिए उन्हें अपने मंत्रिमंडल में एक-एक मुस्लिम,अति पिछड़ा एवं अनुसूचित जाति के नेता को उपमुख्यमंत्री बनाना चाहिए।

इसके साथ ही अनिल शर्मा ने जाति गणना रिपोर्ट पर सवाल उठाते हुए सवर्ण जातियों के आंकड़ों में हेराफेरी के गंभीर आरोप भी लगाए हैं। उन्होंने कहा कि किसी भी सरकार द्वारा जाति जनगणना करना हमेशा एक स्वागत योग्य कदम है, लेकिन सत्ताधारी दलों को जाति गणना की प्रक्रिया को प्रभावित नहीं करना चाहिए।

नीतीश सरकार की गणना रिपोर्ट में हेराफेरी की गई प्रतीत होती है। उधर, जातीय आंकड़ों के जारी होने के साथ ही जिसकी ‘जितनी आबादी, उसकी उतनी हिस्सेदारी’ की मांग सोशल मीडिया में भी जोर पकड़ रही है। दरअसल, सर्वे रिपोर्ट के अनुसार, राज्य में मुस्लिमों की संख्या 17 प्रतिशत से ज्यादा है। ऐसे में बिहार में मुस्लिम मुख्यमंत्री की मांग उठने लगी है।

इसको लेकर एक्स पर “मुस्लिम मुख्यमंत्री” हैशटैग चलाया जा रहा है। बता दें कि जातीय गणना रिपोर्ट के मुताबिक बिहार में यादवों की संख्या 14 फीसदी से अधिक है। यादव जाति से तेजस्वी यादव उपमुख्यमंत्री हैं। सरकार द्वारा जारी आंकड़ों के हिसाब से अति पिछड़ा वर्ग की आबादी लगभग 36 फीसदी है। वहीं अनुसूचित जाति की संख्या 19.65 फीसदी और मुसलमानों की 17 फीसदी है।

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