Bihar Caste-based survey: बिहार सरकार ने जाति-आधारित सर्वेक्षण आंकड़ों की दूसरी किश्त जारी की। रिपोर्ट के अनुसार बिहार में अनुसूचित जाति के 42 प्रतिशत से अधिक परिवार गरीब हैं, जबकि सामान्य वर्ग के 25 प्रतिशत लोग गरीब हैं। बिहार सरकार के जाति-आधारित सर्वेक्षण के आंकड़ों का दूसरा भाग आज बिहार विधानसभा में पेश किया गया।
215 अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, पिछड़ा वर्ग और अत्यंत पिछड़ा वर्ग की आर्थिक स्थिति का वर्णन करने वाली पूरी रिपोर्ट आप यहां देख सकते हैं। साथ ही पिछड़े और अत्यंत पिछड़े वर्गों के 33 प्रतिशत से अधिक परिवार गरीब हैं। सर्वेक्षण में शामिल लोगों में से छह प्रतिशत से भी कम अनुसूचित जातियों ने अपनी स्कूली शिक्षा पूरी की थी।
रिपोर्ट केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के आरोपों के बीच आई है। शाह ने कहा था कि बिहार सरकार ने यादव और मुस्लिम समुदायों की आबादी बढ़ा दी है, जिससे ईबीसी के अधिकार प्रभावित हो रहे हैं। नाराज बिहार के उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने इस दावे को खारिज कर दिया। क्या यादव पिछड़े नहीं हैं? वे किस आधार पर कह रहे हैं कि 'यह बढ़ा या घटा है'? हमारे पास वैज्ञानिक आंकड़े हैं।"