'बगल में बैठे हो यही बड़ी बात है', जब फिल्म के बाद प्रोड्यूसर ने पैसे के बदले कह दी ऐसी बात, फफक कर रो पड़े थे रवि किशन

By अनिल शर्मा | Updated: July 17, 2021 13:21 IST2021-07-17T09:15:23+5:302021-07-17T13:21:25+5:30

रवि किशन हिंदी फिल्मो सहित कई सीरियल्स में भी काम किए लेकिन पहचान उनको सलमान खान की फिल्म ‘तेरे नाम’ से मिली। साल 2001 में फिर बंद हो चुके भोजपुरी इंडस्ट्री को रवि किशन ने सईयां हमार फिल्म बनाकर जिंदा किया।

when Ravi Kishan cry after the film udhar ki zindagi producer refused to pay had to be ashamed | 'बगल में बैठे हो यही बड़ी बात है', जब फिल्म के बाद प्रोड्यूसर ने पैसे के बदले कह दी ऐसी बात, फफक कर रो पड़े थे रवि किशन

'बगल में बैठे हो यही बड़ी बात है', जब फिल्म के बाद प्रोड्यूसर ने पैसे के बदले कह दी ऐसी बात, फफक कर रो पड़े थे रवि किशन

Highlightsरवि किशन ने पितांबर फिल्म से करियर की शुरुआत की थीभोजपुरी में 250 से अधिक फिल्में कर चुके हैंबॉलीवुड में सलमान खान की फिल्म तेरे नाम से उनको पहचान मिली

भोजपुरी फिल्म स्टार रवि किशन आज किसी पहचान के मोहताज नहीं। गैर फिल्मी पृष्ठभूमि होने के बावजूद उन्होंने ना सिर्फ भोजपुरी बल्कि बॉलीवुड से लेकर टॉलीवुड इंडस्ट्री तक में अपनी पहचान स्थापित की। आज वे सिर्फ एक अभिनेता ही नहीं रहे, राजनेता भी बन चुके हैं। और उनका ये सफर बिल्कुल भी आसान नहीं रहा है।

रवि किशन जब मुंबई आए तो उन्हें काफी रिजेक्शन झेलने पड़े थे। लेकिन उनके पिता को भी रवि किशन की एक्टिंग में शर्म दिखती थी। वे नहीं चाहते थे कि बेटा नाच-गाना करे। नचनिया बने। हां, उनके पिता रवि किशन की एक्टिंग करने को लेकर इन्हीं शब्दों का प्रयोग किया करते थे। रवि किशन गांव के ही रामलीला मंडली से जुड़े थे जिसमें वे सीता का रोल किया करते थे। रवि किशन ने एक इंटरव्यू में बताया था कि वे मां की साड़ी चुराते थे और उसे पहनकर सीता का पाठ किया करते थे।

पिता ने एक्टिंग को लेकर पट्टे से की थी रवि किशन की पिटाई

रवि किशन के पिता इसको अपने पंडित कुल की शान के खिलाफ मानते थे। इस बात के लिए रवि किशन की खूब पिटाई भी की। रवि किशन ने बताया था कि अगर वे घर से नहीं भागते तो उनके पिताजी मार डालते। एक बार तो रवि किशन की पट्टे से खूब पिटाई की थी। उसके बाद ही रवि किशन ने घर से भागने की योजना बना डाली। मां ने उन्हें मुंबई रवाना होते वक्त 500 रुपए दिए थे। रवि किशन ने जब माया नगरी मुंबई में अपने कदम रखे, तो ना घर था ना कोई काम। वे प्रोडक्शन हाउस के चक्कर लगाने लगे और काफी रिजेक्शन के बाद उन्हें एक बी-ग्रेड फिल्म मिली। फिल्म थी- पितांबर। 

पितांबर से की बॉलीवुड में करियर की शुरुआत

साल 1992 में पितांबर फिल्म से करियर की शुरुआत हुई तो बाद के दिनों में उन्हें फिर काम की तलाश में यहां-वहां भटकना पड़ा। रवि किशन के मुताबिक पितांबर के लिए उन्हें 25 हजार रुपए मिले थे। जिसमें से 15 हजार उन्होंने घर भेज दिए थे। उसके बाद काजोल के साथ उधार की जिंदगी फिल्म में काम करने का मौका मिला। लेकिन इस फिल्म के दौरान कुछ ऐसा हुआ कि रवि किशन काफी हताहत हुए थे। दरअसल रवि किशन को इस फिल्म के लिए 80 हजार रुपए मिलने थे जिसे प्रोड्यूसर ने फिल्म की डबिंग के बाद देने को कहा था। लेकिन डबिंग के बाद भी प्रोड्यूसर ने पैसे नहीं दिए।

प्रोड्यूसर ने कहा- पैसे मांगोगे तो रोल काट देंगे

फिल्म के पेमेंट को लेकर रवि किशन ने एक इंटरव्यू में कहा था कि प्रोड्यूसर ने डबिंग के बाद पैसे देने के लिए कहा था लेकिन डबिंग के बाद उसने ये कहते हुए पैसे नहीं दिए कि अगर पैसे मांगोगे तो रोल काट देंगे। बगल में बैठ हो यही बड़ी बात है। रवि किशन ने बताया था कि उस दिन वे काफी रोए थे। क्योंकि पैसे कुछ जरूरी काम के लिए घर भेजने थे। 

रवि किशन हिंदी फिल्मो सहित कई सीरियल्स में भी काम किए लेकिन पहचान उनको सलमान खान की फिल्म ‘तेरे नाम’ से मिली। साल 2001 में फिर बंद हो चुके भोजपुरी इंडस्ट्री को रवि किशन ने सईयां हमार फिल्म बनाकर जिंदा किया। यह फिल्म काफी हिट हुई और भोजपुरी ने उनको इतना नाम और पैसा दिया कि वो एक सुपरस्टार का खिताब पा लिए। उनको भोजपुरी का अमिताभ बच्चन कहा जाने लगा।

Web Title: when Ravi Kishan cry after the film udhar ki zindagi producer refused to pay had to be ashamed

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