दिवाली के छह दिन बाद, कार्तिक मास की शुक्ल पक्ष की षष्ठी को मनाया जाने वाला छठ पर्व देश के कुछ बड़े त्योहारों में से एक कहा जा सकता है। सूर्य की उपासना का ये पर्व इस साल 13 और 14 नवंबर को मनाया जाना है। मान्यता है कि पूरे जगत में सूर्य ही एक मात्र प्रत्यक्ष देवता हैं जिस वजह से भी हर साल छठ के दिन सूर्य की उपासना की जाती है।
शास्त्रों की मानें तो उदयमान और अस्ताचलगामी सूर्य की उपासना करने से विद्वता एंव संपूर्ण सुख की प्राप्ति मिलती है। नहाए-खाएं से शुरु होने वाला ये पर्व दूसरे अर्घ्य तक कुल चार दिनों तक चलता है। इसमें महिलाएं ना सिर्फ निर्जला उपवास रखती हैं बल्कि छठी मईया की पूजा भी करती हैं।
इसी पूजा को ध्यान में रखते हुए छठी मईया के लिए भोजपुरी में कई भजन और गाने प्रचलित हैं जिन्हें महिलाएं सुनकर पूजा करती हैं। आज हम आपको छठ के ऐसे ही भजन बताने जा रहे हैं जिसमें ना सिर्फ छठी मईया की भक्ति दिखती है बल्कि प्यार और विश्वास का मेल भी दिखता है। आप भी डालिए एक नजर।
1. पहली-पहली छठी मईया
आदित्य देव का म्यूजिक और शरद सिन्हा के कंपोज किए इस गाने को गाया है शारदा सिन्हा ने। आधुनिक समय में ऑफिस और काम के बीच भी महिलाएं कैसे छठ को दिल से मनाती है इस गाने में इस एहसास को बखूबी दिखाया गया है। गाने के बोल की बात करें तो इसमें व्रत रख रही महिला छठी मईया से कह रही है कि मैं पहली बार व्रत रख रही हूं, कोई गलती हो तो माफ करना।
2. कभौ ना छूटी छठ
बॉलीवुड में अपने आवाज से जादू बिखेरने वाली अल्का याग्निक की आवाज का ये गाना ना सिर्फ छठ पूजा और उसमें होने वाले विधि-विधान को खूबसूरती से दिखाता है बल्कि एक गर्भवती महिला और उसके छठ व्रत की कहानी को भी दर्शाता है।
3. मरबो रे सुगवा धनुक से
टी सीरिज की ओर से प्रस्तुत अनुराधा पौडवाल की आवाज में ये गाना भी छठ पूजा की महत्ता को बताता है। इस गाने में महिलाएं और पुरुष एक जगह इकट्ठा होकर मां छठी की उपासना करते दिखाई देते हैं।
4. छठी माई के घाटवा पे आजन बाजन
भोजपुरी के स्टार और सिंगर पवन सिंह का ये गाना भले ही तीन साल पुराना हो लेकिन आज भी लोगों के दिलों में घर करता है।
5. उगा है सूरज देव
टी-सीरिज के इस गाने को भी लोग काफी पसंद करते हैं। हिंदी लिरिक्स के इस गीत को आवाज दी है अनुराधा पौडवाल में । इस गाने में भी छठ का व्रत कर रही महिलाएं घाट पर बैठकर सूर्य को अर्घ्य देने के लिए उसके उगने का इंतजार करती हैं और अपने मन की बात कहती हैं।