देश के 11 शहरों को सरकार का तोहफा, इलेक्ट्रिक पब्लिक ट्रांसपोर्ट सिस्टम पर करेगी बड़ा निवेश

By सुवासित दत्त | Published: December 28, 2017 11:29 AM2017-12-28T11:29:06+5:302017-12-29T12:25:36+5:30

11 राज्यों के 44 शहरों से भारी उद्योग और लोक उद्यम मंत्रालय को 47 प्रोपोजल मिले हैं जिनमें पब्लिक ट्रांसपोर्ट में इस्तेमाल के लिए इलेक्ट्रिक गाड़ियों की मांग की गई है।

Government to spend Rs 437 crore to push electric vehicles for public transport system | देश के 11 शहरों को सरकार का तोहफा, इलेक्ट्रिक पब्लिक ट्रांसपोर्ट सिस्टम पर करेगी बड़ा निवेश

इलेक्ट्रिक व्हीकल

Highlightsपहले फेज में इस योजना में 11 शहरों को शामिल किया गया हैइनमें जम्मू और गुवाहाटी को स्पेशल कैटगरी में रखा गया है

केंद्र सरकार इन दिनों इलेक्ट्रिक गाड़ियों को लेकर कई भावी योजनाओं पर काम कर रही है। सरकार की कोशिश है कि साल 2030 तक भारत को इलेक्ट्रिक गाड़ियों के लिए उपयुक्त बनाया जा सके। इस सिलसिले को आगे बढ़ाते हुए केंद्र सरकार के भारी उद्योग और लोक उद्यम मंत्रालय ने FAME (Faster Adoption and Manufacturing of Electric Vehicle) के तहत देश के 11 शहरों को 437 करोड़ रुपये की मदद देने की घोषणा की है। इस 437 करोड़ रुपये की मदद से देश के 11 शहरों में पब्लिक ट्रांसपोर्ट को और बेहतर बनाने के लिए इलेक्ट्रिक बसें, इलेक्ट्रिक टैक्सी और इलेक्ट्रिक 3-व्हीलर्स खरीदे जाएंगे।

इन 11 शहरों में दिल्ली, अहमदाबाद, बंगलुरु, जयपुर, मुंबई, लखनऊ, हैदराबाद और कोलकाता शामिल है। जबकि, जम्मू और गुवाहाटी को स्पेशल कैटगरी में रखा गया है। इन 9 बड़े शहरों को 40-40 इलेक्ट्रिक बसों को खरीदने के लिए सरकार की ओर से सब्सिडी दी जाएगी। वहीं, जम्मू और गुवाहाटी 15-15 इलेक्ट्रिक बसें खरीद सकते हैं। इलेक्ट्रिक टैक्सी के लिए जो सब्सिडी दी जाएगी उनमें अहमदाबाद के हिस्से 20 टैक्सी, बंगलुरु के हिस्से 100 टैक्सी, इंदौर के हिस्से 50 टैक्सी और कोलकाता के हिस्से 200 टैक्सियां आई हैं। वहीं, इलेक्ट्रिक 3-व्हीलर्स की बात करें तो बंगलुरु में 500, इंदौर में 200 और अहमदाबाद में 20 इलेक्ट्रिक 3-व्हीलर्स खरीदे जाएंगे। कुल मिलाकर बात करें तो कुल 437 करोड़ रुपये से 390 बसें, 370 टैक्सियां और 730 इलेक्ट्रिक 3-व्हीलर्स खरीदे जाएंगे।

केंद्र सरकार के भारी उद्योग और लोक उद्यम मंत्री अनंत गीते ने इस बात की घोषणा दिसंबर के दूसरे हफ्ते में की थी जब मंत्रालय ने 'स्वच्छता पखवाड़ा' का आयोजन किया था। चुने गए शहरों के लिए टेंडर की प्रक्रिया चल रही है जिसे 28 फरवरी, 2018 के पहले खत्म कर लिया जाएगा। भारी उद्योग और लोक उद्यम मंत्रालय 437 करोड़ रुपये में से करीब 40 करोड़ रुपये चार्जिंग स्टेशन इंस्टॉल करने के लिए खर्च करेगा।

गौरतलब है कि भारी उद्योग और लोक उद्यम मंत्रालय ने 31 अक्टूबर 2017 को देश के कई शहरों और स्पेशल कैटगरी वाले राज्यों को मल्टी-मॉडल ट्रांसपोर्ट के लिए एक EOI (Expression of Interest) भेजा था जिसमें राज्यों और शहरों से प्रोपोजल मांगे गए थे। इस EOI के जवाब में मंत्रालय को 47 प्रोपोजल मिले जिनमें 21 राज्यों के 44 शहरों के लिए 3144 इलेक्ट्रिक बस, 2430 इलेक्ट्रिक टैक्सी और 21,545 इलेक्ट्रिक 3-व्हीलर की मांग की गई थी। इनको खरीदने के लिए केंद्र सरकार से करीब 4054.6 करोड़ रुपये की मांग की गई थी। इन प्रोजोपल पर अलग अलग पैरामीटर पर विचार किया गया। इन पैरामीटर में आबादी, व्हीकल की संख्या, प्रदूषण, स्वच्छता अभियान रैंकिंग इत्यादि को रखा गया था और इसके बाद मंत्रालय ने शहरों को चुना है।

Web Title: Government to spend Rs 437 crore to push electric vehicles for public transport system

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