Coronavirus: तीरंदाजी संघ के महासचिव का बड़ा कदम, अपने कारखाने को PPE निर्माण इकाई में बदला
By भाषा | Published: April 28, 2020 09:03 PM2020-04-28T21:03:29+5:302020-04-28T21:03:29+5:30
56 साल के चंदूरकर के कारखाने में लगभग 30 कर्मचारी हैं, जो फ्रंटलाइन वर्कर्स के लिए मास्क, दस्ताने और गाउन बना रहे हैं। चंदूरकर के कोच रहते भारतीय टीम ने 1989 में एशियाई कप में स्वर्ण पदक हासिल किया था...
भारतीय तीरंदाजी संघ के महासचिव प्रमोद चंदूरकर के कारखाने में आम तौर पर हजारों की संख्या में तीरंदाजी का उपकरण बनता है लेकिन कोविड-19 महामारी के मद्देनजर यहां युद्ध स्तर पर व्यक्तिगत सुरक्षा उपकरण (पीपीई) का निर्माण हो रहा है।
56 साल के चंदूरकर के कारखाने में लगभग 30 कर्मचारी हैं, जो फ्रंटलाइन वर्कर्स (इस महामारी का सीधे तौर पर सामना करने वालें) के लिए मास्क, दस्ताने और गाउन बना रहे हैं। उनकी कंपनी में रोजना लगभग 1000 पीपीई का निर्माण हो रहा है।
एशियाई खेलों (1982) में भारत का प्रतिनिधित्व करने वाले चंदूरकर ने कहा, ‘‘लॉकडाउन (राष्ट्रव्यापी बंद) शुरू होने पर हर कोई अपनी तरफ से देश की सेवा करने की कोशिश कर रहा है। मेरे पास सिलाई करने की सुविधा थी। इसलिए मैंने सोचा कि क्यों न इस बुनियादी ढांचे का उपयोग पीपीई गाउन बनाने में किया जाए।’’
चंदूरकर के कोच रहते भारतीय टीम ने 1989 में एशियाई कप में स्वर्ण पदक हासिल किया था। उन्होंने कहा, ‘‘ मेरा एक दोस्त चिकित्सा सामग्री का आपूर्तिकर्ता है और उसी की कंपनी ने हमें गाउन बनाने के बारे में बताया। इस दौरान हम इस बात का पूरा ख्याल रखते है कि यहां काम कर रहे कर्मचारी बाहर किसी के संपर्क में नहीं आये।’’