नई दिल्ली, 23 अक्टूबर: चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने मंगलवार को दुनिया के सबसे लंबे सी ब्रिज हांगकांग-झुहाई एंड मकाऊ का उद्धघाटन कर दिया है। बुधवार (24 अक्टूबर) से इसे आम जनता के इस्तेमाल के लिए ओपन कर दिया जाएगा। हांगकांग और मकाऊ को जोड़ते इस ब्रिज की लंबाई 55 किलोमीटर है। इस ब्रिज को बनाने की शुरुआत साल 2009 के दिसंबर में हुई थी। इसका निर्माण में कुल 120 अरब युआन या 17.3 अरब डॉलर का खर्च आया है। इस खर्च को हांगकांग, झुहाई और मकाऊ की सरकारों ने मिलकर मिलकर उठाया है।
जानें क्या है दुनिया की सबसे लंबी सी ब्रिज का खासियत
- हांगकांग-झुहाई एंड मकाऊ सी ब्रिज की लंबाई 55 किलोमीटर है।
- ये सी ब्रिज पर्ल नदी के मुहाने पर स्थित अन्य शहरों को भी जोड़ेगा।
- इस ब्रिज में 22.9 किलोमीटर का डुअल थ्री लेन है, जो समुद्र के ऊपर है।
- 55 किलोमीटर लंबी इस ब्रिज में पानी के नीचे 6.7 किलोमीटर लंबी सुरंग के निर्माण भी किया गया है। जिसकी गहराई 44 मीटर तक है।
- इस ब्रिज को बनाने में 4 लाख टन स्टील लगा है। इतने स्टील से 60 एफिल टावर का निर्माण हो सकता है।
- ब्रिज को बनाते समय भूकंप से बचाव का भी ध्यान रखा गया है। ये ब्रिज रिक्टर पैमाने पर 8 की तीव्रता वाले भूकंप को भी आसानी से झेल सकता है।
- अब हांगकांग इंटरनेशनल एयरपोर्ट से झुहाई तक जाने में मात्र 45 मिनट का समय लगेगा। पहले चार घंटे का समय लगता था।
गौरतलब है कि हाल ही में एक खबर आई थी, जिसमें चीन के अंतरिक्ष में तीन आर्टिफिशियल चांद लॉन्च करने के प्लान का जिक्र था। इस खबर को लेकर दुनिया हैरान रह गई थी। खबर के मुताबिक चीन 2020 तक अपना ये प्रोजेक्ट पूरा कर लेगा। चीन द्वारा बनाए गए तीनों चांद शीशे से बने उपग्रह होंगे, जिनसे टकराकर सूर्य की किरणें पृथ्वी पर पहुंचेंगी।